अलीगढ़ : चाकू के 14 वार झेल कर एक दरिंदे से अपनी अस्मत की रक्षा करने वाली साहसी छात्रा को अब इंसाफ मिलेगा. अलीगढ़ की सेशन कोर्ट शनिवार को इस केस में अपना फैसला सुनाएगी. हालांकि, इस बहादुर छात्रा को जिला प्रशासन व सरकार ने नजरअंदाज कर दिया. सरकार व जिला प्रशासन की तरफ से छात्रा के हौसलों को जो सम्मान मिलना चाहिए था वह अभी तक नहीं मिला है. इसके इतर गैर-सरकारी संगठनों ने छात्रा को सम्मान दिया है.
- अकराबाद के गांव कासिमपुर पड़ाव में 24 दिसंबर 2015 को 12वीं की नाबालिक छात्रा के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया.
- नाबालिग छात्रा खेत में पशुओं का चारा लेने गई थी इसी दौरान देवेश नामक युवक ने छात्रा को दबोच लिया और दुष्कर्म की कोशिश की.
- छात्रा के विरोध करने पर युवक ने उस पर चाकू से प्रहार कर दिया.
- कुल 14 वार करने के बाद आरोपी युवक छात्रा को मरा समझकर फरार हो गया.
- छात्रा की तहरीर पर पुलिस ने बाद में आरोपी को दबोच लिया.
- एक चश्मदीद गवाह के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट समेत अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी की जमानत रद्द की गई.
- हाईकोर्ट ने छह माह के अंदर केस के निस्तारण के आदेश दिए.
- पीड़ित छात्रा ने आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग की.
छात्रा के शरीर पर चाकू के 14 जख्म आए थे और वह नौ दिन अस्पताल में भर्ती रही थी. वहीं सेशन कोर्ट के बाद 26 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी. इस केस में गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और बहस भी पूरी हो गई है. फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी साक्ष्यों की पुष्टि कर दी है. 18 मई को इस केस पर अंतिम फैसला सुनाया जाना है.
- वीरपाल सिंह जादौन, पीड़िता के वकील