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अलीगढ़: एनसीसी और एनएसएस कैंडिडेट्स बनेंगे कोरोना वालंटियर्स - अलीगढ़ कोरोना अपडेट

यूपी के अलीगढ़ में कोरोना महामारी में कोविड स्वयं सेवकों की सेवा लेने के संबंध में बैठक हुई. सीडीओ ने बताया कि ये लोगों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराएंगे. संकटकालीन परिस्थितियों में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और रेडक्रास जैसी स्वयं सेवी संस्थाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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एनसीसी और एनएसएस कैडिडेट्स बनेंगे कोरोना वालांटियर्स
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Published : Jul 1, 2020, 3:32 AM IST

अलीगढ़: कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं राहत कार्यों के लिए कोविड वालंटियर्स (कोविड स्वयं सेवकों) के पंजीकरण और उनकी सेवाओं के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा ने बताया कि शासन के विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और संकटकालीन परिस्थितियों में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और रेडक्रास जैसी स्वयं सेवी संस्थाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके चलते शासन ने कोरोना के खतरे से निपटने के लिए एनएसएस, एनसीसी, रेडक्रास एवं अन्य संस्थाओं की सेवाएं कोविड वालंटियर्स के रूप में लेने का निर्णय किया है. इनका उपयोग लोगों को राहत और आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जाएगा.

सीडीओ ने दी जानकारी
सीडीओ अनुनय झा ने बताया कि जब राष्ट्र या प्रदेश को विपत्ति का सामना करना पड़ा है तब रेडक्रास और एनसीसी सहित अन्य संगठनों के वालंटियर्स बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. प्रदेश सरकार ने उनके निःस्वार्थ सेवा भावना और उत्कृष्ट कार्य के चलते कोरोना संकटकाल में भी सेवाएं लिए जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि स्वयं सेवकों का पंजीकरण और उनके कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण के लिए जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा. शासन द्वारा बताया गया है कि कोरोना वालंटियर्स का पंजीकरण http://dgmhup.gov.in/en/volunteerReegistration पर किया जाएगा.

लोगों को करेंगे जागरूक
सीडीओ ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण का प्रसार अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भी बढ़ रहा है. ऐसे में कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम और नियंत्रण में इन स्वयं सेवकों की सेवाएं अत्यन्त की उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने वालंटियर्स के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोविड स्वयं सेवक व्यक्ति, परिवार, समुदाय और स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायती राज के मध्य कड़ी के रूप में कार्य करेंगे. ये लोग कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रचार-प्रसार में मदद करेंगे.

ऐसे होम क्वारंटाइन व्यक्ति और परिवार, जिनके घरों में संकेतांक नहीं लगे हैं. आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से उनके घरों के बाहर संकेतांक लगाएंगे. उन्होंने बताया कि कोविड वालंटियर्स के उपयोग के लिये री-यूजेबिल दो मास्क, सेनेटाइजर एवं एक टीशर्ट जिस पर कोविड वालंटियर्स प्रदर्शित हो.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने दी जानकारी
जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि संस्थाओं के 18 से 30 आयु वर्ग के पूर्ण रूप से स्वस्थ, स्नातक, परास्नातक सदस्य कोरोना वालंटियर्स के रूप में अपना पंजीकरण कराकर जनहित में अपनी सेवाएं दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्वैच्छिक कार्य की अवधि तीन माह की होगी. इसे बाद में प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत विस्तारित किया जा सकता है. सेवा कार्य के लिए स्वयं सेवकों को किसी प्रकार का मानदेय देय नहीं है. सेवा अवधि पूर्ण होने पर स्वयं सेवकों को इस आशय का एक प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा.

अलीगढ़: कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं राहत कार्यों के लिए कोविड वालंटियर्स (कोविड स्वयं सेवकों) के पंजीकरण और उनकी सेवाओं के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा ने बताया कि शासन के विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और संकटकालीन परिस्थितियों में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और रेडक्रास जैसी स्वयं सेवी संस्थाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके चलते शासन ने कोरोना के खतरे से निपटने के लिए एनएसएस, एनसीसी, रेडक्रास एवं अन्य संस्थाओं की सेवाएं कोविड वालंटियर्स के रूप में लेने का निर्णय किया है. इनका उपयोग लोगों को राहत और आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जाएगा.

सीडीओ ने दी जानकारी
सीडीओ अनुनय झा ने बताया कि जब राष्ट्र या प्रदेश को विपत्ति का सामना करना पड़ा है तब रेडक्रास और एनसीसी सहित अन्य संगठनों के वालंटियर्स बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. प्रदेश सरकार ने उनके निःस्वार्थ सेवा भावना और उत्कृष्ट कार्य के चलते कोरोना संकटकाल में भी सेवाएं लिए जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि स्वयं सेवकों का पंजीकरण और उनके कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण के लिए जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा. शासन द्वारा बताया गया है कि कोरोना वालंटियर्स का पंजीकरण http://dgmhup.gov.in/en/volunteerReegistration पर किया जाएगा.

लोगों को करेंगे जागरूक
सीडीओ ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण का प्रसार अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भी बढ़ रहा है. ऐसे में कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम और नियंत्रण में इन स्वयं सेवकों की सेवाएं अत्यन्त की उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने वालंटियर्स के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोविड स्वयं सेवक व्यक्ति, परिवार, समुदाय और स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायती राज के मध्य कड़ी के रूप में कार्य करेंगे. ये लोग कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रचार-प्रसार में मदद करेंगे.

ऐसे होम क्वारंटाइन व्यक्ति और परिवार, जिनके घरों में संकेतांक नहीं लगे हैं. आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से उनके घरों के बाहर संकेतांक लगाएंगे. उन्होंने बताया कि कोविड वालंटियर्स के उपयोग के लिये री-यूजेबिल दो मास्क, सेनेटाइजर एवं एक टीशर्ट जिस पर कोविड वालंटियर्स प्रदर्शित हो.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने दी जानकारी
जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि संस्थाओं के 18 से 30 आयु वर्ग के पूर्ण रूप से स्वस्थ, स्नातक, परास्नातक सदस्य कोरोना वालंटियर्स के रूप में अपना पंजीकरण कराकर जनहित में अपनी सेवाएं दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्वैच्छिक कार्य की अवधि तीन माह की होगी. इसे बाद में प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत विस्तारित किया जा सकता है. सेवा कार्य के लिए स्वयं सेवकों को किसी प्रकार का मानदेय देय नहीं है. सेवा अवधि पूर्ण होने पर स्वयं सेवकों को इस आशय का एक प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा.

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