अलीगढ़: जेएन मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशुओं की जन्मजात बीमारी का मुफ्त इलाज किया जा रहा है. यहां नवजात शिशुओं की करीब 30 बीमारियों के उपचार की व्यवस्था है. इसमें बच्चों में होने वाली जन्मजात बीमारियां शामिल हैं. जहां इस तरह की बीमारी के इलाज के लिए प्राइवेट डॉक्टरों के यहां दो लाख रुपये तक खर्च हो जाता है. वहीं अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में गरीब परिवारों के बच्चों की जन्मजात बीमारी का निशुल्क उपचार किया जाता है.
जेएन मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशुओं की जन्मजात बीमारियों का हो रहा मुफ्त इलाज
यूपी के अलीगढ़ में स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर में नवजात शिशुओं की जन्मजात बीमारियों का मुफ्त में इलाज किया जा रहा है. यहां नवजात शिशुओं से संबंधित 30 बीमारियों के इलाज के लिए व्यवस्था की गई है.
नवजात शिशुओं की जन्मजात बीमारियों का हो रहा मुफ्त इलाज
अलीगढ़: जेएन मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशुओं की जन्मजात बीमारी का मुफ्त इलाज किया जा रहा है. यहां नवजात शिशुओं की करीब 30 बीमारियों के उपचार की व्यवस्था है. इसमें बच्चों में होने वाली जन्मजात बीमारियां शामिल हैं. जहां इस तरह की बीमारी के इलाज के लिए प्राइवेट डॉक्टरों के यहां दो लाख रुपये तक खर्च हो जाता है. वहीं अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में गरीब परिवारों के बच्चों की जन्मजात बीमारी का निशुल्क उपचार किया जाता है.
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर पर 6 साल तक के बच्चों के जन्मजात बीमारियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध है. बच्चों का उपचार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है. इस केंद्र पर अलीगढ़ के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों के बच्चों को भी रेफर किया जा रहा है. केंद्र पर 6 साल के बच्चों से जुड़ी 30 बीमारियों के उपचार की व्यवस्था है. इनमें बच्चों में होने वाला गूंगापन, बहरापन, पैरों का टेढ़ापन, अंधापन, कटे-होंठ व तालू, अंदर को मुड़ी हुई उंगलियां, जन्मजात मोतियाबिंद, दिल में छेद, आंखों से संबंधित बीमारी, खून की कमी, विटामिन-ए, विटामिन-डी की कमी, कुपोषण, घेंघा, चर्मरोग और कान में संक्रमण से होने वाली बीमारियां शामिल है. केंद्र पर बीमारी के अनुसार ही बच्चे का समुचित इलाज होता है.यूपी का कोई भी बच्चा इलाज पा सकता है
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जेएन मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जरी यूनिट की स्थापना की गई है. इसके तहत बच्चों के दिल में छेद का समुचित इलाज और सर्जरी की जाती है. यह यूपी का पहला ऐसा सेंटर है जिसमें पूरे प्रदेश से बच्चे आकर यहां इलाज पाते हैं. करीब यहां 480 से अधिक बच्चों के दिल में छेद का इलाज किया गया है.
गरीबों के लिए वरदान
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि आधुनिक उपकरणों से बच्चों के दिल में छेद की बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है. अब तक 480 बच्चों का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हो चुका है. इनका खर्च प्राइवेट डॉक्टरों के यहां करीब दो लाख रुपये तक होता है, लेकिन जेएन मेडिकल कॉलेज में गरीब परिवारों के लिए इलाज निशुल्क है. उन्होंने बताया कि 75 जिलों के बच्चे यहां अपना इलाज कराने आते हैं. कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए यह सेंटर वरदान बना हुआ है.
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर पर 6 साल तक के बच्चों के जन्मजात बीमारियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध है. बच्चों का उपचार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है. इस केंद्र पर अलीगढ़ के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों के बच्चों को भी रेफर किया जा रहा है. केंद्र पर 6 साल के बच्चों से जुड़ी 30 बीमारियों के उपचार की व्यवस्था है. इनमें बच्चों में होने वाला गूंगापन, बहरापन, पैरों का टेढ़ापन, अंधापन, कटे-होंठ व तालू, अंदर को मुड़ी हुई उंगलियां, जन्मजात मोतियाबिंद, दिल में छेद, आंखों से संबंधित बीमारी, खून की कमी, विटामिन-ए, विटामिन-डी की कमी, कुपोषण, घेंघा, चर्मरोग और कान में संक्रमण से होने वाली बीमारियां शामिल है. केंद्र पर बीमारी के अनुसार ही बच्चे का समुचित इलाज होता है.यूपी का कोई भी बच्चा इलाज पा सकता है
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जेएन मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जरी यूनिट की स्थापना की गई है. इसके तहत बच्चों के दिल में छेद का समुचित इलाज और सर्जरी की जाती है. यह यूपी का पहला ऐसा सेंटर है जिसमें पूरे प्रदेश से बच्चे आकर यहां इलाज पाते हैं. करीब यहां 480 से अधिक बच्चों के दिल में छेद का इलाज किया गया है.
गरीबों के लिए वरदान
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि आधुनिक उपकरणों से बच्चों के दिल में छेद की बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है. अब तक 480 बच्चों का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हो चुका है. इनका खर्च प्राइवेट डॉक्टरों के यहां करीब दो लाख रुपये तक होता है, लेकिन जेएन मेडिकल कॉलेज में गरीब परिवारों के लिए इलाज निशुल्क है. उन्होंने बताया कि 75 जिलों के बच्चे यहां अपना इलाज कराने आते हैं. कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए यह सेंटर वरदान बना हुआ है.