अलीगढ़: जमीयत ए उलेमा हिंद के 34 वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी की टिप्पणी से तमाम धर्मगुरु नाराज हैं. मौलाना मदनी ने अल्लाह और ओम को एक बताया था. जिसके बाद तमाम धर्मगुरुओं ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. मदनी के इस बयान पर सोमवार को अलीगढ़ में भाजपा की जयगंज मंडल की उपाध्यक्ष रूबी आसिफ खान ने उनको नसीहत दी है. कहा कि वह इस तरह के बयानों से बाज आएं. इंसान जब जन्म लेता है तब वह सनातन धर्म में होता है. इसके बाद ही वह मुस्लिम, सिख, ईसाई बनता है.
रूबी आसिफ खान, पिछले दिनों अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई थीं. तब से वह लगातार इस तरह के मौलाना और कट्टरपंथियों का विरोध करती आई हैं. रूबी आसिफ खान ने मौलाना मदनी द्वारा अल्लाह और ओम को एक बताने के सवाल पर कहा कि मौलाना मदनी का दिमाग खराब हो गया है. उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है जो वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. वह मौलाना मदनी से मौलाना पत्नी बन गए हैं. उनको यह नहीं दिखाई देता क्या बोलना है क्या नहीं.
रूबी आसिफ खान ने कहा कि सनातन धर्म एक धर्म था पहले, जिसमें सभी लोग हिंदू थे. कोई मुसलमान नहीं था. उसके बाद में मुगलों ने देश में दंगा फैलाने का और भेदभाव करने का काम किया. उनका एक ही काम था मंदिरों को तोड़ना और मस्जिद बनवाना. वह भेदभाव अब खत्म हो चुका है लेकिन, मौलाना मदनी जैसे कुछ लोग इस दुनिया में मौजूद हैं जो कभी देश का भला नहीं चाहते. हिंदू और मुसलमानों में एका नहीं चाहते. उनको मान लेना चाहिए कि सनातन धर्म ही एक धर्म है और था. मुसलमान बन गए हैं तो कोई बात नहीं, अच्छी बात है लेकिन किसी के लिए ऐसा बयान न दें जो किसी के दिल को ठेस पहुंचे, किसी को गलत लगे. इस तरह की बात करने पर उनको औरतों से बदतर कहा जा सकता है.
रूबी ने कहा कि मैं नसीहत देना चाहूंगी मदनी को कि वह अपने परिवार वालों से जाकर पूछें कि मुसलमान पैदा हुए थे कि हिंदू हुए थे. नीचे आकर मुसलमान बनाया गया है. वह भी एक हिंदू पैदा हुए थे. सनातन धर्म ही एक धर्म था. उनको मान लेना चाहिए. इस तरह के बयान न दें जो किसी को भी ठेस पहुंचे. सभी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई नीचे ही आकर बने हैं. सनातन धर्म ही एक धर्म था. तो उनको इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए.
ये भी पढ़ेंः मुस्लिम नेता अरशद मदनी के बयान का विराेध, संत बाेले- हिंदू धर्म काटने की बात नहीं करता