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अलीगढ़: गोरक्षा को लेकर सरकार के दावों की खुली पोल, प्रशासन ने किया इनकार

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में गोरक्षा को लेकर सरकार भले ही दावा कर रही हो, लेकिन जिले में आवारा गायों के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है.

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Published : Jul 6, 2019, 1:51 PM IST

अलीगढ़.

अलीगढ़: जिले में बेसहारा और आवारा गायों की सुरक्षा को लेकर सरकार खूब जतन कर रही है. जिला प्रशासन भी गोरक्षा के लिए नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन जमीन पर गायों की तीमारदारी सिर्फ छलावा साबित हो रही है. कड़ी धूप में गोवंश भूख और प्यास से तड़प रही हैं. पिछले दिनों पिसावा की गोशाला में कई गायों की मौत हो गई थी. वहीं टप्पल के जट्टारी स्थित गोशाला में भी चारे की व्यवस्था नहीं होने से गोवंश की मौत हो गई.

जानकारी देते जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह.
  • जिले में गोरक्षा को लेकर सरकार के दावों की पोल खुल गई है.
  • अवारा व बेसहारा गायों के लिए गोशाला की व्यवस्था नहीं है.
  • जिलाधिकारी का कहना है कि 11 रजिस्टर्ड गोशालाएं है और 11 अनरजिस्टर्ड गोशालाएं है.
  • उन्होंने कहा कि 165 गो सेवा केंद्र ग्राम पंचायतों के माध्यम से बनाए गए हैं.
  • गोवंश की रक्षा और उनके भरण-पोषण के लिए शासन द्वारा पंजीकृत गोशालाओं को सीधे धनराशि भेजी जा रही है.

समाजसेवी ने प्रशासन पर उठाया सवाल

  • गांव में गोवंश की रक्षा के लिए जियो टैगिंग करके धनराशि दी जा रही है.
  • जिलाधिकारी ने कहा कि तीन माह की अग्रिम धनराशि गो सेवा केंद्र को भेजी गई है.
  • एक करोड़ रुपये नगर निगम को शहर में गोवंश की रक्षा के लिए दिया गया है.
  • ग्राम पंचायतों में भी एक करोड़ रुपये पूर्व में दिया जा चुका है.
  • समाजसेवी विमल खेमानी का कहना है कि सरकार तो फंड भेज देती है, लेकिन प्रशासन इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करता.

गोशालाओं में वर्मी कंपोस्ट खाद बनेगी. वहीं गोशालाओं में सुरक्षा के लिए चौकीदार रखे जा रहे हैं. पशु चिकित्सक भी गोवंश की देखरेख करेंगे.
-चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी

अलीगढ़: जिले में बेसहारा और आवारा गायों की सुरक्षा को लेकर सरकार खूब जतन कर रही है. जिला प्रशासन भी गोरक्षा के लिए नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन जमीन पर गायों की तीमारदारी सिर्फ छलावा साबित हो रही है. कड़ी धूप में गोवंश भूख और प्यास से तड़प रही हैं. पिछले दिनों पिसावा की गोशाला में कई गायों की मौत हो गई थी. वहीं टप्पल के जट्टारी स्थित गोशाला में भी चारे की व्यवस्था नहीं होने से गोवंश की मौत हो गई.

जानकारी देते जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह.
  • जिले में गोरक्षा को लेकर सरकार के दावों की पोल खुल गई है.
  • अवारा व बेसहारा गायों के लिए गोशाला की व्यवस्था नहीं है.
  • जिलाधिकारी का कहना है कि 11 रजिस्टर्ड गोशालाएं है और 11 अनरजिस्टर्ड गोशालाएं है.
  • उन्होंने कहा कि 165 गो सेवा केंद्र ग्राम पंचायतों के माध्यम से बनाए गए हैं.
  • गोवंश की रक्षा और उनके भरण-पोषण के लिए शासन द्वारा पंजीकृत गोशालाओं को सीधे धनराशि भेजी जा रही है.

समाजसेवी ने प्रशासन पर उठाया सवाल

  • गांव में गोवंश की रक्षा के लिए जियो टैगिंग करके धनराशि दी जा रही है.
  • जिलाधिकारी ने कहा कि तीन माह की अग्रिम धनराशि गो सेवा केंद्र को भेजी गई है.
  • एक करोड़ रुपये नगर निगम को शहर में गोवंश की रक्षा के लिए दिया गया है.
  • ग्राम पंचायतों में भी एक करोड़ रुपये पूर्व में दिया जा चुका है.
  • समाजसेवी विमल खेमानी का कहना है कि सरकार तो फंड भेज देती है, लेकिन प्रशासन इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करता.

गोशालाओं में वर्मी कंपोस्ट खाद बनेगी. वहीं गोशालाओं में सुरक्षा के लिए चौकीदार रखे जा रहे हैं. पशु चिकित्सक भी गोवंश की देखरेख करेंगे.
-चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी

Intro:अलीगढ़ : ब्रज भूमि में कन्हैया की गइया की दुर्दशा हो रही है . चारे व पानी के अभाव में गोवंश दम तोड़ रहे हैं. वही आवारा पशु सड़क व खेतों में खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन ने कुछ किया नहीं है. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह के अनुसार 11 रजिस्टर्ड गौशाला है .और 11 अनरजिस्टर्ड गौशाला है. वहीं 165 गौ सेवा केंद्र ग्राम पंचायतों के माध्यम से बनाए गए हैं. गोवंश की रक्षा व उनके भरण-पोषण के लिए शासन द्वारा पंजीकृत गौशालाओं को सीधे धनराशि भेजी जा रही है . वहीं गांव में गोवंश की रक्षा के लिए जियो टैगिंग करके धनराशि दी जा रही है . तीन माह की अग्रिम धनराशि गौ सेवा केंद्र को भेजी गई है.


Body:वहीं एक करोड़ रुपए नगर निगम को शहर में गोवंश की रक्षा के लिए दिया गया है. ग्राम पंचायतों में भी एक करोड़ रुपए पूर्व में दिया जा चुका है. बेसहारा व आवारा गायों की सुरक्षा को लेकर सरकार खूब जतन कर रही है . जिला प्रशासन भी गौ रक्षा के लिए नोटिस जारी कर रहा है. लेकिन जमीन पर गायों की तीमारदारी सिर्फ छलावा साबित हो रही है . गौशाला में गायों का हाल ठीक नहीं है. चारे व पानी का अभाव है . वही आवारा गोवंश सड़क व खेतों में आसानी से दिख जाएंगे. कड़ी धूप में गोवंश भूख प्यास से तड़प रही है . ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधानों को गोवंश संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई . प्रधानों के खाते में रुपया भी भेजा गया . लेकिन इस नेक काम को प्रधान भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. पिछले दिनों पिसावा की गौशाला में कई गायों की मौत हो गई. वहीं टप्पल के जट्टारी स्थित गौशाला में भी चारे की व्यवस्था नहीं होने से गोवंश की मौत हो गई.


Conclusion:समाजसेवी विमल खेमानी ने कहा कि सरकार ने फंड भेज दिया है .लेकिन जिला प्रशासन सही तरीके से खर्च नहीं करता . हालांकि जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह गौ संरक्षण के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने कहा अब गौशालाओं में वर्मी कंपोस्ट खाद बनेगी. वही गौशालाओं में सुरक्षा के लिए चौकीदार रखे जा रहे हैं . पशु चिकित्सक भी गोवंश की देखरेख करेंगे . किसी तरह की कठिनाई आने से जिलाधिकारी इंकार कर रहे हैं और सब कुछ ठीक बता रहे हैं .


बाइट : चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी अलीगढ़
बाइट : विमल खेमानी, समाजसेवी


आलोक सिंह ,अलीगढ़
98378 30535
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