अलीगढ़: जेल राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति बुधवार को अलीगढ़ जेल पहुंचे. उन्होंने कहा कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण यूपी के सभी जेल में बंदी देखेंगे. इसकी पूरी व्यवस्था जेल प्रशासन करेगा. जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों को सर्दी से बचाव के लिए कंबल, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पुस्तक वितरण कर संवाद किया.
उन्होंने कहा कि जब ठंड शुरू होती है तो अभियान चलाते हैं. कहा कि बहुत से कैदी ऐसे हैं, जिनके परिजन जेल में मिलने नहीं आते. उन बंदियों के पास गर्म कपड़े नहीं होते और जेल के कंबल में ही उनको रहना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हर जेल में गर्म कपड़े और कंबल बंटवाने का अभियान चलाते हैं. पिछली सर्दियों में साढे़ 37 हजार गर्म कपड़े बंटवाए थे. उन्होंने बताया कि जिस जेल में जाते हैं, वहां पता करते हैं कि कितने कैदी छोटे-छोटे जुर्माने पर जेल में बंद हैं. यहां अलीगढ़ में भी 10 ऐसे कैदी हैं, जो 300-400 रुपये के जुर्माने में जेल में बंद हैं. आज उन कैदियों का पैसा जमा किया गया है और उन्हें छोड़ा गया है. उन्हें घर जाने के लिए किराया भी दिया गया है.
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि 40 साल की उम्र का 80 प्रतिशत नौजवान जेल में है. उन्हें एमएसएमई के तहत काम सिखाना, स्वरोजगार से जोड़ने का अभियान चल रहा है. उससे उनको जो पारिश्रमिक मिलेगा, उसे वह घर भेज सकेंगे. उन्होंने बताया कि बंदी ताले बनाने का काम भी सीख रहे हैं. जब यह बंदी बाहर जाएंगे तो अपना स्वरोजगार कर सकेंगे और फिर गलती नहीं करेंगे, जिससे परिवार उनका संकट में न आए.
उन्होंने कहा कि हर जेल में लाइब्रेरी है और सभी धर्म की किताबें वहां मौजूद हैं. जो जिस धर्म को मानता है, उसी धर्म के अनुसार पुस्तक पड़े. वहीं, जेल में गदा व अन्य सामान बनाने का काम चल रहा है, जोकि मुस्लिम बना रहे हैं. बंदियों को स्वरोजगार से जोड़ने का अभियान चल रहा है, जिससे जेल से बाहर निकलने के बाद वह बेरोजगार न रहें.
जेल मंत्री ने बताया कि 22 जनवरी को जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो 500 साल बाद हम सभी लोगों को यह अवसर देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश की जेल में कैदियों को रामलला प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि जेल में हनुमान चालीसा की किताब बांटने के साथ पाठ भी पढ़ा गया. बताया कि सुंदरकांड की किताबें कम पड़ गईं. कैदियों में इसको लेकर उत्साह बना रहता है. उन्होंने कहा कि बंदी फालतू की चर्चा से बचकर आध्यात्मिक की तरफ ध्यान लगाएं.
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