अलीगढ़: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने शोक व्यक्त किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत रत्न प्रणव मुखर्जी का राजनीतिक जीवन 40 वर्षो से भी ज्यादा लंबा रहा है, उनके निधन से देश ने एक योग्य संसदीय ज्ञाता को खो दिया है.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्याल में आयोजित सर सैयद द्वितीय जन्म समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था. कुलपति ने प्रणब मुखर्जी को विनम्र श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि एएमयू बिरादरी उनके निधन पर दुखी है. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.
मुखर्जी का एएमयू से था गहरा लगाव
एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का एएमयू से गहरा लगाव था. वे एएमयू कैंपस तीन बार आए थे. जब वह वित्त मंत्री थे उस समय उन्होंने एएमयू के मुर्शिदाबाद केंद्र के लिए बजट भी जारी किया था. मुर्शिदाबाद केंद्र को शुरू कराने में उनका विशेष योगदान रहा. उन्होंने ही एएमयू के मुर्शिदाबाद केंद्र की ईट रखी थी. उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कोर्ट के मेंबर भी रहे.
प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति रहते हुए इंटरनेशनल सोशल साइंस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करने भी आए थे. उस समय वह एएमयू की ऐतिहासिक बग्गी पर बैठकर कार्यक्रम स्थल तक गए थे. प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एएमयू के विभिन्न सेंटरों के लिए मुखर्जी ने वित्त मंत्री रहते हुए धन भी आवंटित किया था. पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीके अब्दुल अजीज के जमाने में वह विदेश मंत्री रहते हुए एएमयू आए थे.
सर सैयद अहमद खान की दूरदृष्टि की तारीफ की थी
राष्ट्रपति के रूप में ही 27 दिसंबर 2013 को प्रणब मुखर्जी एएमयू आए थे. उस समय कुलपति जमीरउद्दीन शाह थे, उन्होंने यहां इंडियन सोशल साइंस कांफ्रेंस का उद्घाटन किया था. इसके बाद 17 अक्टूबर 2017 को वह एक बार फिर यहां आए और सर सैय्यद डे के समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा था कि एएमयू आने पर गर्व महसूस हो रहा है. इस दौरान उन्होंने सर सैयद अहमद खान की दूरदृष्टि की तारीफ की थी. प्रोफेसर तारिक मंसूर ने बताया कि एएमयू के छात्र, शिक्षक, कर्मचारी सभी उन्हें श्रद्धा और सम्मान की नजर से देखते थे.