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एएमयू के शिक्षकों ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिये बनाया खास प्रोटेक्शन बॉक्स, कोरोना के संक्रमण से करेगा रक्षा

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Published : Apr 21, 2020, 12:55 AM IST

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स को कोविड 19 के संक्रमण से बचाने के लिए एक इंफेक्शन प्रोटेक्सन बॉक्स बनाया है.

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एएमयू के शिक्षकों ने बनाया खास प्रोटेक्शन बॉक्स

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज तथा जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के दो शिक्षकों ने मिलकर कोविड-19 के मरीजोंं के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक प्रोटेक्सन बॉक्स बनाया है.

इस प्रोटेक्शन बॉक्स को बनाने वाले टीचर्स का दावा है कि, इस इंफेक्शन प्रोटेक्सन बॉक्स को बहुत कम खर्च में तैयार किया जा सकता है और इसकी मदद से डॉक्टरों और नर्सों को कोरोना वायरस के संक्रमण से काफी हद तक बयाया जा सकता है.


जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसियालॉजी विभाग की डॉक्टर शहाना अली तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉक्टर यासिर रफत ने मिलकर इस बाक्स को तैयार किया है. डॉक्टर शहाना ने बताया कि, जो डॉक्टर्स तथा नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 के रोगियों के इलाज में प्रयत्क्ष रूप से लगे हैं, यह बॉक्स उन्हें एक और सुरक्षा घेरा प्रदान करेगा. जिससे उनमें संक्रमण फैलने की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के रोगी को वेंटीलेटर पर डालते समय उसकी सांस की नली में एक पाइप डाली जाती है. उस समय रोगी को खांसी आदि आने के कारण स्वास्थय कर्मियों को संक्रमण का खतरा होता है. उस समय ये प्रोटेक्शन बॉक्स डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने में कामयाब हो सकता है.

उन्होंने बताया कि इस प्रोटेक्शन बाक्स में काफी जगह है . डॉक्टर इस बाक्स के रहते हुए आसानी से कार्य कर सकते हैं और बाद में बॉक्स को सैनिटाइज कर इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.

डॉक्टर शहाना ने बताया कि यद्यपि स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 रोगियों के इलाज के समय पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विमेंट (पीपीई) का प्रयोग करते हैं. परन्तु सांस की नली में नलकी डालते समय रोगी को खांसी आ जाने के कारण स्वास्थय कर्मियों को अधिक खतरा होता है. यह बाक्स उस समय उनको अधिकाधिक सुरक्षा प्रदान करेगा. जेएन मेडिकल कालेज में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की जांच भी की जा रही है.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज तथा जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के दो शिक्षकों ने मिलकर कोविड-19 के मरीजोंं के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक प्रोटेक्सन बॉक्स बनाया है.

इस प्रोटेक्शन बॉक्स को बनाने वाले टीचर्स का दावा है कि, इस इंफेक्शन प्रोटेक्सन बॉक्स को बहुत कम खर्च में तैयार किया जा सकता है और इसकी मदद से डॉक्टरों और नर्सों को कोरोना वायरस के संक्रमण से काफी हद तक बयाया जा सकता है.


जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसियालॉजी विभाग की डॉक्टर शहाना अली तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉक्टर यासिर रफत ने मिलकर इस बाक्स को तैयार किया है. डॉक्टर शहाना ने बताया कि, जो डॉक्टर्स तथा नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 के रोगियों के इलाज में प्रयत्क्ष रूप से लगे हैं, यह बॉक्स उन्हें एक और सुरक्षा घेरा प्रदान करेगा. जिससे उनमें संक्रमण फैलने की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के रोगी को वेंटीलेटर पर डालते समय उसकी सांस की नली में एक पाइप डाली जाती है. उस समय रोगी को खांसी आदि आने के कारण स्वास्थय कर्मियों को संक्रमण का खतरा होता है. उस समय ये प्रोटेक्शन बॉक्स डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने में कामयाब हो सकता है.

उन्होंने बताया कि इस प्रोटेक्शन बाक्स में काफी जगह है . डॉक्टर इस बाक्स के रहते हुए आसानी से कार्य कर सकते हैं और बाद में बॉक्स को सैनिटाइज कर इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.

डॉक्टर शहाना ने बताया कि यद्यपि स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 रोगियों के इलाज के समय पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विमेंट (पीपीई) का प्रयोग करते हैं. परन्तु सांस की नली में नलकी डालते समय रोगी को खांसी आ जाने के कारण स्वास्थय कर्मियों को अधिक खतरा होता है. यह बाक्स उस समय उनको अधिकाधिक सुरक्षा प्रदान करेगा. जेएन मेडिकल कालेज में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की जांच भी की जा रही है.

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