अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने हिजाब पहनने पर न्यूज पोर्टल में नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. छात्रा गजाला अहमद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन में परास्नातक की पढ़ाई की हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली के एक न्यूज पोर्टल पर एंकर के लिए आवेदन किया था. नौकरी भी मिल गई थी, लेकिन हिजाब पहनने पर उनको नौकरी देने से मना कर दिया गया.
अलीगढ़ : हिजाब पहनने पर छात्रा को नहीं मिली न्यूज पोर्टल में नौकरी
एएमयू की छात्रा ने न्यूज पोर्टल पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. छात्रा का आरोप है कि दिल्ली के एक न्यूज पोर्टल पर एंकर के लिए आवेदन किया था. उसे नौकरी मिलने के बाद हिजाब पहनने पर मना कर दिया गया. जिसके बाद छात्रा ने नाराजगी जाहिर की है और भेदभाव का आरोप लगाया है.
छात्रा को नहीं मिली न्यूज पोर्टल ने नहीं दी नौकरी
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने हिजाब पहनने पर न्यूज पोर्टल में नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. छात्रा गजाला अहमद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन में परास्नातक की पढ़ाई की हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली के एक न्यूज पोर्टल पर एंकर के लिए आवेदन किया था. नौकरी भी मिल गई थी, लेकिन हिजाब पहनने पर उनको नौकरी देने से मना कर दिया गया.
जमालपुर बिजली कार्यालय के निकट रहने वाली गजाला ने बताया कि कल्चरल आईडेंटिटी को लेकर भेदभाव किया जाता है और महिला वर्ग को खासतौर पर टारगेट किया जाता है. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को नौकरी देने का आधार योग्यता है न कि वह क्या पहनता है. गजाला कहती हैं कि समाज के अंदर कुछ लोग जबरजस्ती भेदभाव का महौल बनाये हुए हैं. एएमयू के छात्र नेता अब इस पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं.
गजाला अहमद एएमयू की पूर्व कैबिनेट मेंबर रह चुकी हैं. वह यहां कक्षा 6 से पढ़ी हैं. उनके पिता भी एएमयू में कार्यरत थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. गजाला अहमद ने बताया कि नौकरी से संबंधित सब बातें तय हो गईं थी, लेकिन जब दिल्ली पहुंचने के बाद हिजाब पहन कर एंकरिंग न करने की बात कही गई. इस पर गजाला ने कुछ दिन का समय मांगा, लेकिन बात बिगड़ गई. अब एएमयू के छात्रनेता इस पर एतराज जता रहे हैं.
जमालपुर बिजली कार्यालय के निकट रहने वाली गजाला ने बताया कि कल्चरल आईडेंटिटी को लेकर भेदभाव किया जाता है और महिला वर्ग को खासतौर पर टारगेट किया जाता है. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को नौकरी देने का आधार योग्यता है न कि वह क्या पहनता है. गजाला कहती हैं कि समाज के अंदर कुछ लोग जबरजस्ती भेदभाव का महौल बनाये हुए हैं. एएमयू के छात्र नेता अब इस पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं.
गजाला अहमद एएमयू की पूर्व कैबिनेट मेंबर रह चुकी हैं. वह यहां कक्षा 6 से पढ़ी हैं. उनके पिता भी एएमयू में कार्यरत थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. गजाला अहमद ने बताया कि नौकरी से संबंधित सब बातें तय हो गईं थी, लेकिन जब दिल्ली पहुंचने के बाद हिजाब पहन कर एंकरिंग न करने की बात कही गई. इस पर गजाला ने कुछ दिन का समय मांगा, लेकिन बात बिगड़ गई. अब एएमयू के छात्रनेता इस पर एतराज जता रहे हैं.