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अलीगढ़: AMU की लैब में बनाया गया सस्ता कोरोना डिस्इंफेक्टेंट सैनिटाइजर

यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कोविड-19 (कोरोना वायरस) के संक्रमण के दृष्टिगत विश्व स्वास्थय संगठन के निर्देशों के अनुरूप डिस्इंफेक्टेंट सैनिटाइजर बनाया गया है. इसका नाम ‘अल्मा मेटर कोरोना सैनिटाइजर' और 'अल्मा मेटर कोरोना डिस्इंफेक्टेंट’ रखा गया है.

disinfectant sanitizer
डिसइंफेक्टेंट सैनिटाइजर
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Published : Mar 29, 2020, 9:51 AM IST

अलीगढ़: एएमयू के रसायन शास्त्र विभाग की डॉ. अनामिका गुप्ता और कम्यूनिटी कॉलेज के डॉ. रिजवान हुसैन ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) के संक्रमण के खतरों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के अनुरूप सैनिटाइजर तैयार किया है, जो बाजार में बड़ी कम्पनियों की ओर से बेचे जा रहे सैनिटाइजर की उपलब्धता कम होने के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण कदम है.

इस सैनिटाइजर या संक्रमण रोधी पदार्थ का नाम ‘अल्मा मेटर कोरोना सैनिटाइजर' और 'अल्मा मेटर कोरोना डिस्इंफेक्टेंट’ रखा गया है. इस सैनिटाइजर संक्रमण रोधी दवा की तैयारी केमिस्ट्री विभाग की प्रयोगशाला में की गई है.

एएमयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर मुजाहिद बेग के अनुसार इस सैनिटाइजर की 60 शीशियां विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यालयों में रखी जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस सैनिटाइजर की तैयारी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के निर्देशों के अनुरूप की गई है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इसकी जांच भी कर ली गई है.

प्रोफेसर बेग के अनुसार डॉ. अनामिका गुप्ता और डॉ. रिजवान हुसैन से इसके लिए आग्रह किया गया था कि बाजार में उपलब्ध सैनिटाइजर्स की उपलब्धता में कठिनाई के दृष्टिगत वह इस प्रकार के और सैनिटाइजर तैयार करें. उन्होंने कहा कि यह संक्रमण रोधी पदार्थ हाथों और घर के कमरों, मेज, कुर्सी तथा लकड़ी और स्टील के बने हुए दरवाजों के अलावा अन्य निर्जीव चीजों को स्वच्छ करने में मदद करेगा.

प्रो. मुजाहिद बेग के अनुसार इस सैनिटाइजर को कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर के समक्ष प्रस्तुत किया गया. उन्होंने डॉ. गुप्ता और डॉ. हुसैन के प्रयासों की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने इसे स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

अलीगढ़: एएमयू के रसायन शास्त्र विभाग की डॉ. अनामिका गुप्ता और कम्यूनिटी कॉलेज के डॉ. रिजवान हुसैन ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) के संक्रमण के खतरों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के अनुरूप सैनिटाइजर तैयार किया है, जो बाजार में बड़ी कम्पनियों की ओर से बेचे जा रहे सैनिटाइजर की उपलब्धता कम होने के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण कदम है.

इस सैनिटाइजर या संक्रमण रोधी पदार्थ का नाम ‘अल्मा मेटर कोरोना सैनिटाइजर' और 'अल्मा मेटर कोरोना डिस्इंफेक्टेंट’ रखा गया है. इस सैनिटाइजर संक्रमण रोधी दवा की तैयारी केमिस्ट्री विभाग की प्रयोगशाला में की गई है.

एएमयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर मुजाहिद बेग के अनुसार इस सैनिटाइजर की 60 शीशियां विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यालयों में रखी जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस सैनिटाइजर की तैयारी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के निर्देशों के अनुरूप की गई है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इसकी जांच भी कर ली गई है.

प्रोफेसर बेग के अनुसार डॉ. अनामिका गुप्ता और डॉ. रिजवान हुसैन से इसके लिए आग्रह किया गया था कि बाजार में उपलब्ध सैनिटाइजर्स की उपलब्धता में कठिनाई के दृष्टिगत वह इस प्रकार के और सैनिटाइजर तैयार करें. उन्होंने कहा कि यह संक्रमण रोधी पदार्थ हाथों और घर के कमरों, मेज, कुर्सी तथा लकड़ी और स्टील के बने हुए दरवाजों के अलावा अन्य निर्जीव चीजों को स्वच्छ करने में मदद करेगा.

प्रो. मुजाहिद बेग के अनुसार इस सैनिटाइजर को कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर के समक्ष प्रस्तुत किया गया. उन्होंने डॉ. गुप्ता और डॉ. हुसैन के प्रयासों की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने इसे स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

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