अलीगढ़: जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा की पत्नी पूर्व ब्लॉक प्रमुख रेनू शर्मा की जेल में मौत को लेकर जहां परिजनों में आक्रोश है, वहीं राजनीतिक दल भी समर्थन में मोर्चरी पर धरने पर बैठे हैं. रेनू शर्मा मौत मामले की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर बसपा के बरौली प्रत्याशी नरेंद्र शर्मा और अलीगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अनूप कौशिक भी परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं.
अलीगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अनूप कौशिक ने कहा कि हाईकोर्ट से बेल होने के बाद भी जेल प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया. जबकि रेनू शर्मा की तबीयत पहले से खराब थी. अनूप कौशिक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जेल प्रशासन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए. इसके साथ ही रेनू शर्मा के पति ऋषि शर्मा और पुत्र कुणाल शर्मा को पैरोल पर छोड़ा जाए, जिससे दोनों अंतिम संस्कार में शामिल हो सके. वहीं, बसपा नेता नरेंद्र शर्मा ने कहा कि ऋषि और कुणाल को अगर पैरोल पर नहीं छोड़ा गया तो पार्थिव शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे और धरने पर बैठे रहेंगे.
बसपा नेता नरेंद्र ने कहा कि पूर्व ब्लाक प्रमुख रेनू शर्मा की जमानत हो चुकी थी और पिछले 10 दिनों से कागजी कार्रवाई की औपचारिकता पूरी करने के बाद भी जेल प्रशासन परेशान कर रहा था. जबकि सभी औपचारिकताएं पूरी की गई थी. हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन जेल प्रशासन ने अड़चनें पैदा की. जिसका नतीजा है कि रेनू शर्मा की डेड बॉडी जेल से बाहर आई है.
बसपा नेता ने आरोप लगाया कि इस प्रकरण में शासन के साथ ही जिला प्रशासन भी दोषी है. इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और जो शराब कांड के आरोपियों की जेल में सुरक्षा पुख्ता की जाएं.
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जेल अधीक्षक विपिन कुमार ने बताया कि जेल में निरुद्ध रेनू शर्मा लगातार बीमार थी और उनका इलाज चल रहा था. रेनू शर्मा की शुक्रवार रात उनकी एकाएक तबीयत बिगड़ गई. जेल के डॉक्टर उनको देखने के लिए पहुंचे, लेकिन बचा नहीं सके. जेल अधीक्षक ने बताया कि रेनू की मौत से जेल प्रशासन को क्या फायदा मिलने वाला है, जो आरोप लगाया जा रहा है.
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