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AMU: मदरसे की नींव पर बनी विश्वविद्यालय की बुलंद इमारत

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Published : Jan 8, 2021, 7:18 PM IST

यूपी के अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव आज ही के दिन आठ जनवरी सन् 1877 में एक कॉलेज के रूप में रखी गई थी. फौजी छावनी की 74 एकड़ जमीन पर मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की आधारशिला रखी गई.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव आज ही के दिन आठ जनवरी सन् 1877 में एक कॉलेज के रूप में रखी गई थी. फौजी छावनी की 74 एकड़ जमीन पर मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की आधारशिला रखी गई. उस समय के वायसराय लॉर्ड लिटन और बनारस के नरेश शंभू नारायण भी इसमें शामिल हुए थे. सर सैयद अहमद खान ने एक कमेटी बनाकर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया था.

74 एकड़ जमीन पर रखी गई थी आधारशिला.

आठ जनवरी 1877 को हुई शुरुआत
सर सैयद अहमद खान पर सन् 1857 की क्रांति का असर था. उन दिनों मुगल सल्तनत का अंतिम दौर था. 1857 की क्रांति में उनके परिवार के लोग भी अंग्रेजों के हाथ मारे गए थे. उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी को ज्वाइन किया और आधुनिक शिक्षा को हथियार बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को उन्हीं की भाषा में जवाब देना शुरू किया. सन् 1870 में वे लंदन गए और वहां ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज का दौरा किया.

इस दौरान उन्होंने भारत में भी आधुनिक शिक्षा की नींव रखने का सपना देखा. शुरुआत उन्होंने एक मदरसे से की. जिस मदरसे में सात छात्र शामिल हुए. वहीं आठ जनवरी 1877 को उन्होंने मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की शुरुआत की और यही कॉलेज आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध है. सर सैयद ने कॉलेज की स्थापना के लिए उस समय के नवाब, जमीदारों, रियासतों, महाराजाओं से दान मांगा था. जिनके पत्थर आज भी विश्वविद्यालय की इमारतों में लगे हैं.

एमएओ कॉलेज आगे चलकर एएमयू बना
मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज को एक दिसंबर 1920 में विश्वविद्यालय का दर्जा मिला. विश्वविद्यालय स्थापना के 100 साल पूरे होने पर शताब्दी समारोह मना रहा है. 22 दिसंबर को विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया.

कई दिग्गज रहे यहां के छात्र
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े लोग भारत रत्न और राष्ट्रपति भी बने हैं. यहां की राजनीति से भी कई नेता राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाई है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन भी छात्र संघ यूनियन के अध्यक्ष रहे. इसके बाद वे बिहार के राज्यपाल और देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति चुने गए. वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.

आजादी में भी यहां के लोगों का अहम रोल
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सन् 1920 में यहां छात्र संघ यूनियन की आजीवन सदस्यता दी गई थी. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सीवी रमन, सरोजिनी नायडू, जयप्रकाश नारायण आदि विभूतियां यहां सम्मान पा चुकी हैं. एएमयू के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने बताया कि आठ जनवरी का दिन ऐतिहासिक है. इस दिन मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की नींव रखी गई थी. यही कॉलेज आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना.

एमएओ कॉलेज से राजा महेंद्र प्रताप सिंह, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भी निकले हैं. जिनका देश को स्वतंत्रत कराने में अहम योगदान रहा है. राहत अबरार कहते हैं कि यह दिनांक एक माइल स्टोन है और हमें फाउंडर डे की बजाए फाउंडेशन डे मनाना चाहिए.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव आज ही के दिन आठ जनवरी सन् 1877 में एक कॉलेज के रूप में रखी गई थी. फौजी छावनी की 74 एकड़ जमीन पर मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की आधारशिला रखी गई. उस समय के वायसराय लॉर्ड लिटन और बनारस के नरेश शंभू नारायण भी इसमें शामिल हुए थे. सर सैयद अहमद खान ने एक कमेटी बनाकर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया था.

74 एकड़ जमीन पर रखी गई थी आधारशिला.

आठ जनवरी 1877 को हुई शुरुआत
सर सैयद अहमद खान पर सन् 1857 की क्रांति का असर था. उन दिनों मुगल सल्तनत का अंतिम दौर था. 1857 की क्रांति में उनके परिवार के लोग भी अंग्रेजों के हाथ मारे गए थे. उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी को ज्वाइन किया और आधुनिक शिक्षा को हथियार बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को उन्हीं की भाषा में जवाब देना शुरू किया. सन् 1870 में वे लंदन गए और वहां ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज का दौरा किया.

इस दौरान उन्होंने भारत में भी आधुनिक शिक्षा की नींव रखने का सपना देखा. शुरुआत उन्होंने एक मदरसे से की. जिस मदरसे में सात छात्र शामिल हुए. वहीं आठ जनवरी 1877 को उन्होंने मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की शुरुआत की और यही कॉलेज आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध है. सर सैयद ने कॉलेज की स्थापना के लिए उस समय के नवाब, जमीदारों, रियासतों, महाराजाओं से दान मांगा था. जिनके पत्थर आज भी विश्वविद्यालय की इमारतों में लगे हैं.

एमएओ कॉलेज आगे चलकर एएमयू बना
मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज को एक दिसंबर 1920 में विश्वविद्यालय का दर्जा मिला. विश्वविद्यालय स्थापना के 100 साल पूरे होने पर शताब्दी समारोह मना रहा है. 22 दिसंबर को विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया.

कई दिग्गज रहे यहां के छात्र
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े लोग भारत रत्न और राष्ट्रपति भी बने हैं. यहां की राजनीति से भी कई नेता राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाई है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन भी छात्र संघ यूनियन के अध्यक्ष रहे. इसके बाद वे बिहार के राज्यपाल और देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति चुने गए. वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.

आजादी में भी यहां के लोगों का अहम रोल
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सन् 1920 में यहां छात्र संघ यूनियन की आजीवन सदस्यता दी गई थी. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सीवी रमन, सरोजिनी नायडू, जयप्रकाश नारायण आदि विभूतियां यहां सम्मान पा चुकी हैं. एएमयू के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने बताया कि आठ जनवरी का दिन ऐतिहासिक है. इस दिन मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की नींव रखी गई थी. यही कॉलेज आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना.

एमएओ कॉलेज से राजा महेंद्र प्रताप सिंह, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भी निकले हैं. जिनका देश को स्वतंत्रत कराने में अहम योगदान रहा है. राहत अबरार कहते हैं कि यह दिनांक एक माइल स्टोन है और हमें फाउंडर डे की बजाए फाउंडेशन डे मनाना चाहिए.

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