अलीगढ: हिंदू छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. आरोप लगाया है कि हिंदू छात्रों को फीस देने के बाद भी छात्रावास नहीं दिया जाता है. जबकि मुस्लिम छात्रों को छात्रावास दे दिया जाता है. इसके साथ ही छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पढ़ने वाले छात्र राकेश चौधरी ने बताया कि 'वह राजस्थान का रहने वाला है. यूनिवर्सिटी में 6 माह से पढ़ाई कर रहा है. यहां फीस जमा करने के बावजूद भी उन्हें छात्रावास में रूम नहीं दिया गया. जबकि उसके साथ पढ़ने वाले साथी जो कि अलग समुदाय से आते हैं, उन्हें छात्रावास मिल गया है. जब भी एएमयू प्रशासन से छात्रावास की मांग करते हैं तो उन्हें टरका दिया जाता है. हमारा दोष सिर्फ इतना है कि हम हिंदू हैं. हम हिंदू समुदाय से बिलॉन्ग करते हैं, यही बस हमारी गलती है.'
छात्र ने बताया कि 'छात्रावास न मिलने की वजह से उसकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. जबकि उसके साथ वाले मुस्लिम छात्र अच्छी पढ़ाई कर रहे हैं. एडमिशन के समय ही 18 हजार रुपये हॉस्टल की फीस भी जमा कर दी है. छात्र ने बताया कि इस तरह से यहां कुल 12-13 लड़के हैं. उसके डिपार्टमेंट के 30-40 लड़के हैं. इन सभी लड़कों ने हॉस्टल की फीस पहले ही जमा कर दी है. इसके बावजूद भी रूम नहीं मिला है. मजबूरी में हम कुछ लोग बाहर रह रहे हैं. यहां पंखा भी नहीं है, कई बार सांप आ गए हैं. एक छात्र को तो सांप ने काट लिया है, वह अभी हॉस्पिटल में एडमिट है. हमने इसी घटनाक्रम को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. हम लोग न्याय चाहते हैं. हमें रूम मिलना चाहिए. हमारे सभी मुस्लिम क्लासमेट को रूम मिल चुका है.'
एएमयू के छात्र इंद्राज बिश्नोई ने बताया कि 'वह राजस्थान का रहने वाला है. एएमयू में उसका एडमिशन एमएससी में हुआ है. हॉस्टल की फीस जमा होने के बावजूद उसे भी 6 माह से लगातार छात्रावास के लिए परेशान किया जा रहा है. उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. वह सभी लोग किराए के कमरें में नहीं रह सकते हैं. छात्र ने बताया कि उसके केवल हिंदू होने की वजह से छात्रावास में कमरा नहीं दिया जा रहा है. जबकि उसके जूनियर छात्रों को जो विशेष समुदाय से आते हैं, उन्हें रूम तत्काल दे दिया जा रहा है. छात्र ने बताया कि सभी पीड़ित छात्रों ने मिलकर पीएम को एक पत्र लिखा है. इसको अलावा एक पत्र डीएसडब्ल्यू ऑफिस को भी पत्र लिखा है.'
वहीं, इस मामले में एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट ने बताया आज तीन बच्चों के द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि हॉस्टल की फीस जमा है, लेकिन अभी तक हॉस्टल नहीं मिल पाया है. जबकि हिन्दू छात्रों के साथ यूनिवर्सिटी पर भेदभाव के आरोप पर एडीएम सिटी ने कहा ऐसा कुछ नहीं है, हॉस्टल विश्वविद्यालय प्रशासन अगर फीस जमा किए है तो उनको नियमानुसार जैसे हॉस्टल खाली होगा तो उपलब्ध कराया जाएगा.
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