अलीगढ़ : नगर निगम की बैठक वंदे मातरम से शुरू हुई, लेकिन कार्यकारिणी की चुनाव प्रक्रिया निरस्त होने के बाद महापौर मोहम्मद फुरकान बिना वंदे मातरम में शामिल हुए मीटिंग छोड़कर निकल गए. दरअसल, नगर निगम कार्यकारिणी के गठन को लेकर हर 2 साल में चुनाव प्रक्रिया होती है. कार्यकारिणी गठन के लिए शनिवार को चुनाव होना था, लेकिन हंगामे के चलते स्थगित कर दिया गया.
यह दूसरा मौका है, जब नगर निगम कार्यकारिणी के गठन को लेकर कवायद हुई. बाद में हंगामा होने के बाद महापौर मोहम्मद फुरकान ने निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त कर दी और बैठक छोड़ कर चले गए. वहीं उपसभापति पुष्पेंद्र जादौन ने महापौर मोहम्मद फुरकान पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा से महापौर डर गए हैं. निगम में भाजपा पार्षदों का समर्थन ज्यादा है, इसलिए वह चुनाव प्रक्रिया से घबरा गए हैं.
कार्यकारिणी की दूसरी बोर्ड बैठक में भी 6 सदस्यों का निर्वाचन किया जाना था, लेकिन पार्षदों के एक पक्ष ने विरोध किया. दरअसल, मतदाता सूची को लेकर विवाद खड़ा हुआ. इसको लेकर के भाजपा, बसपा व सपा पार्षदों के बीच हंगामा हुआ.
इस कार्यकारिणी बैठक में सफाई कर्मचारियों ने भी महापौर और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की. नारेबाजी करते हुए अधिवेशन में सफाई मजदूर संघ के नेता पहुंचे और संविदा सफाई कर्मियों का भुगतान बढ़ाए जाने की मांग की, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके. उन्होंने कहा कि सफाई नायकों के कई रिक्त पद खाली चल रहे हैं. उन रिक्त पदों पर वरिष्ठता और शैक्षिक योग्यता के आधार पर सफाई कर्मचारियों में से ही सफाई नायक बनाए जाने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने संविदा सफाई कर्मियों के ट्रांसफर किए जाने का भी विरोध किया और अपनी मांगों को लेकर के महापौर को ज्ञापन सौंपा.