अलीगढ़: जिले में 90 व्यापारियों ने गुरुवार को नगर निगम पर रोजी-रोटी छीनने और बेरोजगार करने का आरोप लगाते सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है. इस संबंध में जिलाधिकारी को रजिस्ट्री कर मृत्यु पूर्व बयान भी भेजा है. व्यापारी गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह को ज्ञापन भी सौंपा. व्यापारियों ने बताया कि उनकी दुकानें करीब 80 साल पुरानी हैं. अब नगर निगम बारहद्वारी पर बनी उनकी दुकानों को जबरन तोड़कर कमर्शियल कंपलेक्स बनाना चाहता है.
व्यापारियों का कहना है कि इन्हीं दुकानों से हमारे पूर्वजों ने परिवार का भरण-पोषण किया है और नगर निगम को किराया धनराशि भी देते चले आ रहे हैं. वहीं, 17 जुलाई को नगर निगम के अधिकारियों ने बारहद्वारी स्थित दुकानों को जबरन खाली कराने का आदेश दे दिया. बारहद्वारी पर नगर निगम कमर्शियल कंपलेक्स बनाने जा रहा है. जिसमें दुकानदारों को कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन सभी दुकानदार निवेदन कर रहे हैं कि कंपलेक्स तैयार होने तक हमारी दुकानों की यथास्थिति बनी रहने दें. जिससे कि सभी दुकानदार अपने-अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. दुकानदारों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि कांपलेक्स तैयार होने पर हम सभी दुकानदारों से उचित धनराशि लेकर दुकानों का आवंटन कर दिया जाए.
इस मामले को लेकर अखिल भारतीय संघर्ष समिति भी बनी है. इसके अध्यक्ष महावीर शर्मा ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा दुकानों में जबरन तोड़फोड़ की गई तो दुकानदार आत्महत्या करने को मजबूर होंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी नगर आयुक्त की होगी. हम सभी दुकानदार मानसिक रूप से काफी परेशान है. अध्यक्ष महावीर शर्मा ने इन परिस्थितियों को देखते हुए डीएम से मांग की है कि नगर आयुक्त को आदेशित करें कि दुकानों की यथास्थिति बनी रहे.
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व्यापारी महावीर शर्मा ने बताया कि बारहद्वारी स्थित दुकानें नगर निगम की जमीन पर बना है और इसका किराया दिया जाता है. नगर निगम ने 15 दिन में दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया है. 15 दिन में खाली नहीं करने पर दुकान तोड़ने की धमकी भी नगर निगम अधिकारियों ने दी है. इस बात से व्यापारी खफा है. व्यापारियों ने बताया कि नगर निगम के इस वाकये से 90 परिवार काफी व्यथित है. महावीर शर्मा ने नगर निगम से मांग की है कि अगर दुकानें तोड़ रहे हैं तो कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लोगों को रोजगार देने की बात करते हैं. लेकिन नगर निगम यहां लोगों को बेरोजगार करने पर तुला है.
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