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डॉ. योगिता हत्याकांड: कोर्ट से हत्यारोपी डॉ. विवेक को नहीं मिली राहत

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी की छात्रा डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी को कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी. डॉ. विवेक तिवारी ने कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

योगिता हत्याकांड के आरोपी को कोर्ट से नहीं मिली राहत
योगिता हत्याकांड के आरोपी को कोर्ट से नहीं मिली राहत
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Published : Dec 17, 2020, 1:02 PM IST

आगरा: बहुचर्चित एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी की छात्रा डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलेगी. आरोपी उरई के मेडिकल अफसर रहे डॉ. विवेक तिवारी ने कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अब आरोपी डॉ. विवेक तिवारी पर 24 दिसंबर की सुनवाई में आरोप तय होने की पूरी उम्मीद है.

हत्यारोपी डॉ. विवेक तिवारी ने स्पेशल जज (एससी-एसटी एक्ट) कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अब आरोप तय करने के लिए 24 दिसंबर की तारीख नियत की है. आरोपी डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण, हत्या, धमकी, साक्ष्य मिटाने और हरिजन एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. इसमें आरोपी के खिलाफ आरोप तय माने जा रहे हैं.

पुलिस ने चार्जशीट में पेश किए सबूत, सजा तय
बहुचर्चित डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में पुलिस ने तमाम सबूत और गवाह जुटाकर आरोपी डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. कई बार आरोपी डॉ. विवेक तिवारी ने पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास भी किया था. लेकिन, पुलिस ने जुटाए सबूत, एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर तैयार चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट में अब अभियोजन की ओर से एडीजीसी हेमंत दीक्षित की टीम ने पैरवी की है.

यह था मामला
दिल्ली निवासी डॉ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी की पढ़ाई कर रही थी. डॉ. योगिता गौतम की सीनियर और उरई मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात कानपुर निवासी डॉ. विवेक तिवारी से दोस्ती थी. 18 अगस्त 2020 को डॉ. विवेक तिवारी उरई से आगरा आया था. उसने मिलने के बहाने से डॉ. योगिता को रूम से अपनी कार में ले गया था. इसके बाद गोली मारकर डॉ. योगिता गौतम की हत्या करके शव को डौकी क्षेत्र में फेंक कर फरार हो गया था. पुलिस को दूसरे दिन डॉ. योगिता गौतम की लाश अज्ञात में मिली थी. पुलिस ने छानबीन के बाद उरई से डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार किया था.

जिस दिन आया था रिजल्ट उसी दिन हत्या
दिल्ली की रहने वाली डॉ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से एमएस कर रही थी. 18 अगस्त 2020 को डॉ. योगिता गौतम का परिणाम आया था. जिसमें वह अव्वल रही थी. डॉ. योगिता गौतम ने कोरोना काल में भी एसएन मेडिकल कॉलेज में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मरीजों को उपलब्ध कराई थी. जिस दिन एमएस के रिजल्ट का जश्न मनाया जाना था, उसी दिन दोस्त डॉ. विवेक तिवारी ने उसकी हत्या कर दी थी. पुलिस की छानबीन में यह आया था कि, डॉ. विवेक तिवारी और डॉ. योगिता गौतम कई साल से रिलेशनशिप में थे. दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन, अब डॉ विवेक तिवारी शादी अभी नहीं करना चाहता था. इससे ही उनके रिश्ते में खटास आ गई थी.

आगरा: बहुचर्चित एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी की छात्रा डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलेगी. आरोपी उरई के मेडिकल अफसर रहे डॉ. विवेक तिवारी ने कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अब आरोपी डॉ. विवेक तिवारी पर 24 दिसंबर की सुनवाई में आरोप तय होने की पूरी उम्मीद है.

हत्यारोपी डॉ. विवेक तिवारी ने स्पेशल जज (एससी-एसटी एक्ट) कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अब आरोप तय करने के लिए 24 दिसंबर की तारीख नियत की है. आरोपी डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण, हत्या, धमकी, साक्ष्य मिटाने और हरिजन एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. इसमें आरोपी के खिलाफ आरोप तय माने जा रहे हैं.

पुलिस ने चार्जशीट में पेश किए सबूत, सजा तय
बहुचर्चित डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में पुलिस ने तमाम सबूत और गवाह जुटाकर आरोपी डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. कई बार आरोपी डॉ. विवेक तिवारी ने पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास भी किया था. लेकिन, पुलिस ने जुटाए सबूत, एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर तैयार चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट में अब अभियोजन की ओर से एडीजीसी हेमंत दीक्षित की टीम ने पैरवी की है.

यह था मामला
दिल्ली निवासी डॉ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी की पढ़ाई कर रही थी. डॉ. योगिता गौतम की सीनियर और उरई मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात कानपुर निवासी डॉ. विवेक तिवारी से दोस्ती थी. 18 अगस्त 2020 को डॉ. विवेक तिवारी उरई से आगरा आया था. उसने मिलने के बहाने से डॉ. योगिता को रूम से अपनी कार में ले गया था. इसके बाद गोली मारकर डॉ. योगिता गौतम की हत्या करके शव को डौकी क्षेत्र में फेंक कर फरार हो गया था. पुलिस को दूसरे दिन डॉ. योगिता गौतम की लाश अज्ञात में मिली थी. पुलिस ने छानबीन के बाद उरई से डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार किया था.

जिस दिन आया था रिजल्ट उसी दिन हत्या
दिल्ली की रहने वाली डॉ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से एमएस कर रही थी. 18 अगस्त 2020 को डॉ. योगिता गौतम का परिणाम आया था. जिसमें वह अव्वल रही थी. डॉ. योगिता गौतम ने कोरोना काल में भी एसएन मेडिकल कॉलेज में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मरीजों को उपलब्ध कराई थी. जिस दिन एमएस के रिजल्ट का जश्न मनाया जाना था, उसी दिन दोस्त डॉ. विवेक तिवारी ने उसकी हत्या कर दी थी. पुलिस की छानबीन में यह आया था कि, डॉ. विवेक तिवारी और डॉ. योगिता गौतम कई साल से रिलेशनशिप में थे. दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन, अब डॉ विवेक तिवारी शादी अभी नहीं करना चाहता था. इससे ही उनके रिश्ते में खटास आ गई थी.

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