आगरा: ताज नगरी की एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधारने के साथ ही यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए भी कार्य किए जाएंगे. मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे के समक्ष एक निजी कंपनी के अधिकारियों ने अपने पायलट प्रोजेक्ट को रखा. कंपनी ने यहां यमुना के सॉलिड वेस्ट निस्तारण पर प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही है.
क्या है प्लान
- पायलट प्रोजेक्ट के तहत 'बबल टेक्नोलॉजी' से यमुना में तैरने वाली प्लास्टिक सहित अन्य तमाम तरह के सॉलिड वेस्ट को पानी से दूर किया जाएगा.
- इस टेक्नोलॉजी से जलीय जीवों को भी कोई भी हानि नहीं होगी.
- देश में आगरा पहला ऐसा शहर होगा, जहां पर यमुना के सॉलिड वेस्ट को नई टेक्नोलॉजी से साफ किया जाएगा.
- आगरा की एयर इंडेक्स क्वालिटी सुधारने के लिए मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने ' एयर एक्शन प्लान' को लॉन्च किया है.
- ताजमहल को देखने के लिए लाखों की संख्या में हर साल देश और विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
सॉलिड वेस्ट का होगा मैनेजमेंट
- 'एयर एक्शन प्लान' के तहत अब यमुना की सॉलिड वेस्ट का भी निपटारा किया जाएगा.
- जियो साइकिल कंपनी सीमेंट प्लांट के साथ मिलकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम कर रही है.
- कंपनी के जनरल मैनेजर वरूण बोरालकर वरूण बोरालकर ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में टेक्नोलॉजी और पायलट प्रोजेक्ट को साझा किया.
आगरा पर्यटन शहर है और यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स के साथ यमुना की सफाई भी जरूरी है. इसीलिए हम पहल करके पायलट प्रोजेक्ट यहां पर शुरू करना चाहते हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत हम अत्याधुनिक 'बबल टेक्नोलॉजी' से यमुना में तैरने वाले सॉलिड वेस्ट को पानी से अलग करेंगे. टेक्नोलॉजी से यमुना के पानी में रहने वाले जीव जंतुओं को कोई भी नुकसान नहीं होगा. इसके बाद इस सॉलिड वेस्ट को री-साइकिल करने के लिए अलग-अलग प्रोसेस का उपयोग किया जाएगा.
-वरूण बोरालकर, जनरल मैनेजर, जियो साइकिल कंपनी
वरूण ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी में पूरे ही सॉलि़ड वेस्ट का निस्तारण किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट 'जीरो ऐश' टेक्नोलॉजी का है. यानी इसमें निस्तारण के लिए राख यानी ऐश नहीं होती है कि इसके लिए हमें एक अन्य जगह की जरूरत पड़े. इसलिए यह टेक्नोलॉजी सबसे बेस्ट है. उन्होेंने अपनी कंपनी की टेक्नोलॉजी और पायलट प्रोजेक्ट को मुख्य सचिव के साथ ही राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी साझा किया है.