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आगरा: भूख, धूप में दम तोड़ रहे गोवंश - there is no water system in gaushala

आगरा में गाय पर राजनीति करने वाली बीजेपी सरकार में भी गोवंश भूख प्यास से तड़प-तड़प कर अपना दम तोड़ रहे हैं. इस पर नगर निगम मेयर नवीन जैन जब नंदीशाला पहुंचे तो उन्हें आरएसएस के पदाधिकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा. आरएसएस और गोरक्षकों ने नंदीशाला में मेयर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया और नारेबाजी की.

भूख, धूप में दम तोड़ रहे गौवंश, देखरेख में चार कर्मचारी
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Published : May 22, 2019, 12:15 AM IST


आगरा: गोवंश भूख प्यास से तड़प-तड़प कर अपना दम तोड़ रहे हैं. नगर निगम की बांईपुर स्थित नंदीशाला और गौशाला में गोवंश की हालत बद से बदतर है. गौवंश को न सही चारा मिल रहा है. और ना ही पीने के लिए पानी है. हालात ऐसे हैं कि धूप में गोवंश गर्मी से परेशान हैं. नगर निगम मेयर नवीन जैन जब नंदीशाला पहुंचे तो उन्हें आरएसएस के पदाधिकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा.

भूख, धूप में दम तोड़ रहे गौवंश, देखरेख में चार कर्मचारी


आरएसएस पदाधिकारी और गौरक्षकों का कहना था आए दिन नंदीशाला और गौशाला में गोवंश की मौत हो रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हैं. कोई भी कुछ नहीं कर रहा है जो सरकार से पैसा आया है, उसमें हिस्सेदारी हो रही है. इतना ही नहीं आरएसएस और गौरक्षकों ने नंदीशाला में मेयर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया और नारेबाजी भी की. कहां के गोवंश की मौत की जिम्मेदार जिला प्रशासन और अधिकारी हैं.

लगातार नंदी शाला और गौशाला में गोवंश की मौत हो रही है. उन्हें सही तरह से पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा है. ना ही चारा. 1,000 की नंदीशाला में सिर्फ दो ही कर्मचारी है. साफ सफाई भी नहीं है साथ ही पानी की व्यवस्था भी नहीं है. इन सबकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी की है. सरकार की तरफ से 30 रुपये का खर्चा आता है. उसमें अच्छी तरह से गौवंश की देखभाल हो सकती है, लेकिन और किसी का ध्यान नहीं है.
कौशल अग्रवाल आरएसएस

सरकार से शिकायत की गई तब मेयर नवीन जैन यहां पर आए हैं. वैसे यहां पर कोई कुछ देखने नहीं आता है, कि क्या चल रहा है. धूप में तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे गौवंश. गौवंश के मरने के निशान भी दबा दिए जाते हैं. हम आचार संहिता समाप्त होने के बाद यहां पर अनशन पर बैठ जाएंगे.
जितेंद्र दैपुरिया गौ रक्षक


गौशाला के निरीक्षण में तमाम खामियां मिली जिन्हें सुधारने के निर्देश दिए. नंदीशाला में नंदी पहले आ गए. इस वजह से व्यवस्था गड़बड़ा गई है. यहां पर चार कर्मचारी पहले देखरेख कर रहे थे. पीने के पानी के लिए जल संस्थान के जीएम को निर्देश दिए हैं. वहां पर सही साफ शुद्ध पानी उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही जो टीनशैड पड़े हैं. उनकी साफ-सफाई और रैंप बनाने के लिए भी नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जल्द ही सारी व्यवस्थाएं सही हो जाएंगी. इसके साथ ही चारे की भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी. सरकार की तरफ से सिर्फ 30 रुपये प्रति गौवंश खर्चा मिलता है. जो बहुत कम है, इसलिए सामाजिक संगठन और अपने स्तर से यहां की व्यवस्थाएं सुधारने में का प्रयास करेंगे.

नवीन जैन नगर निगम मेयर


आगरा: गोवंश भूख प्यास से तड़प-तड़प कर अपना दम तोड़ रहे हैं. नगर निगम की बांईपुर स्थित नंदीशाला और गौशाला में गोवंश की हालत बद से बदतर है. गौवंश को न सही चारा मिल रहा है. और ना ही पीने के लिए पानी है. हालात ऐसे हैं कि धूप में गोवंश गर्मी से परेशान हैं. नगर निगम मेयर नवीन जैन जब नंदीशाला पहुंचे तो उन्हें आरएसएस के पदाधिकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा.

भूख, धूप में दम तोड़ रहे गौवंश, देखरेख में चार कर्मचारी


आरएसएस पदाधिकारी और गौरक्षकों का कहना था आए दिन नंदीशाला और गौशाला में गोवंश की मौत हो रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हैं. कोई भी कुछ नहीं कर रहा है जो सरकार से पैसा आया है, उसमें हिस्सेदारी हो रही है. इतना ही नहीं आरएसएस और गौरक्षकों ने नंदीशाला में मेयर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया और नारेबाजी भी की. कहां के गोवंश की मौत की जिम्मेदार जिला प्रशासन और अधिकारी हैं.

लगातार नंदी शाला और गौशाला में गोवंश की मौत हो रही है. उन्हें सही तरह से पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा है. ना ही चारा. 1,000 की नंदीशाला में सिर्फ दो ही कर्मचारी है. साफ सफाई भी नहीं है साथ ही पानी की व्यवस्था भी नहीं है. इन सबकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी की है. सरकार की तरफ से 30 रुपये का खर्चा आता है. उसमें अच्छी तरह से गौवंश की देखभाल हो सकती है, लेकिन और किसी का ध्यान नहीं है.
कौशल अग्रवाल आरएसएस

सरकार से शिकायत की गई तब मेयर नवीन जैन यहां पर आए हैं. वैसे यहां पर कोई कुछ देखने नहीं आता है, कि क्या चल रहा है. धूप में तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे गौवंश. गौवंश के मरने के निशान भी दबा दिए जाते हैं. हम आचार संहिता समाप्त होने के बाद यहां पर अनशन पर बैठ जाएंगे.
जितेंद्र दैपुरिया गौ रक्षक


गौशाला के निरीक्षण में तमाम खामियां मिली जिन्हें सुधारने के निर्देश दिए. नंदीशाला में नंदी पहले आ गए. इस वजह से व्यवस्था गड़बड़ा गई है. यहां पर चार कर्मचारी पहले देखरेख कर रहे थे. पीने के पानी के लिए जल संस्थान के जीएम को निर्देश दिए हैं. वहां पर सही साफ शुद्ध पानी उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही जो टीनशैड पड़े हैं. उनकी साफ-सफाई और रैंप बनाने के लिए भी नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जल्द ही सारी व्यवस्थाएं सही हो जाएंगी. इसके साथ ही चारे की भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी. सरकार की तरफ से सिर्फ 30 रुपये प्रति गौवंश खर्चा मिलता है. जो बहुत कम है, इसलिए सामाजिक संगठन और अपने स्तर से यहां की व्यवस्थाएं सुधारने में का प्रयास करेंगे.

नवीन जैन नगर निगम मेयर

Intro:आगरा.
गाय पर राजनीति करने वाली बीजेपी सरकार मैं भी गोवंश भूख प्यास से तड़प तड़प कर अपना दम तोड़ रहे हैं. नगर निगम की बांईपुर स्थित नंदीशाला और गौशाला में गोवंश की हालत बद से बत्तर है. गौवंश को न सही चारा मिल रहा है. और ना ही पीने के लिए पानी है. हालात ऐसे हैं कि धूप में गोवंश गर्मी से परेशान हैं. नगर निगम मेयर नवीन जैन जब नंदीशाला पहुंचे तो उन्हें आरएसएस के पदाधिकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा. आरएसएस पदाधिकारी और गौरक्षकों का कहना था आए दिन नंदी शाला और गौशाला में गोवंश की मौत हो रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हैं. कोई भी कुछ नहीं कर रहा है. जो सरकार से पैसा आया है, उसमें बंदरबांट हो रहा है. इतना ही नहीं आरएसएस और गौरक्षकों ने नंदी शाला में मेयर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया और नारेबाजी की. कहां के गोवंश की मौत की जिम्मेदार जिला प्रशासन और अधिकारी हैं.


Body:आरएसएस के कौशल अग्रवाल ने बताया लगातार नंदी शाला और गौशाला में गोवंश की मौत हो रही है. उन्हें सही तरह से पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा है. ना ही चारा. 1000 की नंदीशाला में सिर्फ दो ही कर्मचारी है. साफ सफाई भी नहीं है. पानी की व्यवस्था है. इन सब का जिम्मेदार जिलाधिकारी है. सरकार की तरफ से ₹30 का खर्चा आता है. उसमें अच्छी तरह से गौवंश की देखभाल हो सकती है, लेकिन और किसी का ध्यान नहीं है.
गौ रक्षक जितेंद्र दैपुरिया ने बताया कि आज जरूर सरकार से शिकायत की गई तब मेयर नवीन जैन यहां पर आए हैं. वैसे यहां पर कोई कुछ देखने नहीं आता है, कि क्या चल रहा है. और धूप में तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे गौवंश. गौवंश के मरने के निशान भी दबा दिए जाते हैं. हम आचार संहिता समाप्त होने के बाद यहां पर अनशन पर बैठ जाएंगे.

नगर निगम मेयर नवीन जैन ने बताया कि उन्हें गौशाला के निरीक्षण में तमाम खामियां मिली. जिन्हें सुधारने के निर्देश दिए. नंदी शाला में नंदी पहले आ गए. इस वजह से व्यवस्था गड़बड़ा गई है. यहां पर चार कर्मचारी पहले देखरेख कर रहे थे, लेकिन अब लौट कर दिया जाएगा. पीने के पानी के लिए जल संस्थान के जीएम को निर्देश दिए हैं. वहां पर सही साफ शुद्ध पानी उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही जो टीनशैड पड़े हैं. उनकी साफ-सफाई और रैंप बनाने के लिए भी नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जल्दी भी सारी व्यवस्थाएं सही हो जाएंगी. इसके साथ ही चारे की भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी. कहा कि सरकार की तरफ से सिर्फ ₹30 प्रति गौवंश खर्चा मिलता है. जो बहुत कम है, इसलिए सामाजिक संगठन और अपने स्तर से यहां की व्यवस्थाएं सुधारने में का प्रयास करेंगे.


Conclusion:पहली बाइट आरएसएस कौशल अग्रवाल , दूसरी बाइट गौ रक्षक जितेंद्र दैपुरिया और तीसरी बाइटआगरा नगर निगम मेयर नवीन जैन की है.
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