आगराः उत्तर प्रदेश में स्थित ताजनगरी आगरा में लोग प्रेम की निशानी ताजमहल का दीदार करने को आते हैं. बुधवार की शाम यहां का नजारा बदला नजर आया. जहां पहली बार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम ने आपदा की स्थिति में बचाव और राहत कार्य को लेकर मॉक ड्रिल की. जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ ही अन्य सुरक्षा एजेंसियों और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे.
पूरी तरह सुरक्षित है 'ताज'
इतिहासकार राजकिशोर राजे ने कहा कि ताजमहल बनाने में हर बात का ध्यान रखा गया था. आसमानी बिजली गिरने पर ताजमहल की मीनारें उसे समाहित कर लेंगी. इसके साथ ही भूकंप से भी पूरी तरह ताजमहल सुरक्षित है.
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हम मॉक ड्रिल को आए..घबराने की कोई बात नहीं
जब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें ताजमहल पर पहुंची तो उन्हें देखकर पर्यटक हैरान रह गए. इस पर अधिकारियों ने पर्यटकों को बताया कि हम आपातकाल या आपदा की स्थिति को लेकर मॉक ड्रिल करने आए हैं. घबराने की कोई बात नहीं हैं. इस पर एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस और अन्य प्रशासनिक विभाग के अधिकारी ने उपकरणों की मदद से एक छोर से दूसरे छोर तक हवा में लहराते हुए जाना शुरू किया. टीम घायल लोगों को स्ट्रेचर पर लेकर भागते हुए दिखी तो मीनारों को रस्सियों से रोका जाने लगा. ताजमहल की दीवार पर भी कुछ लोग चढें. इस दौरान टीम का प्रदर्शन, जवानों की कार्यकुशलता और फुर्ती देखकर पर्यटकों ने जमकर तारीफ की.
मॉक ड्रिल एनडीआरएफ कमांडेंट कुलीशा आनंद ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सभी विभागों की तरह एनडीआरएफ की टीम भी जगह-जगह कार्यक्रम कर रही है. इसी क्रम में भूकम्प और आग लगने जैसी आपदाओं के समय लोगों के जीवन बचाने को लेकर ताजमहल मॉकड्रिल की है.
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