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नेत्रहीन छात्र और शिक्षकों की गुहार, जर्जर टंकी बदलवा दो सरकार

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Published : Jan 6, 2021, 4:10 PM IST

यूपी के आगरा जिले में स्थित महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान परिसर में खड़ी पानी की टंकी जर्जर हो चुकी है. जिसके वजह से 70 नेत्रहीन विद्यार्थी और आठ शिक्षकों पर खतरा मंडरा रहता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी टंकी नहीं बदली गई है.

महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.
महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.

आगराः जिले में सूरदास की तपोस्थली पर महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के 70 नेत्रहीन विद्यार्थी और आठ शिक्षकों पर खतरा मंडरा रहता है. विद्यालय परिसर में खड़ी 5000 लीटर की जर्जर टंकी कभी भी धराशायी हो सकती है. जर्जर टंकी के बारे में जब जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की तो नेत्रहीन विद्यार्थी और शिक्षकों ने क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री से जर्जर टंकी को बदलवाने की गुहार लगाई है. इसके बावजूद एक साल बाद भी इस ओर किसी ने सुध नहीं ली है. जिससे विद्यालय में अध्ययनरत नेत्रहीन विद्यार्थी और शिक्षकों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मदद की उम्मीद ही छोड़ दी है.

महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.

भगवान पर ही भरोसा
आगरा-दिल्ली हाईवे पर रुनकता के पास स्थित कीठम झील परिसर में सूरकुटी है. यहां पर महाकवि सूरदास ने तपस्या की थी. उन्होंने यहां पर ही भगवान श्री कृष्ण पर पदों की रचना की थी. सूर कुटी में महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान है. जहां पर नेत्रहीन शिक्षक ही नेत्रहीन छात्रों को अध्यापन कराते हैं. यह विद्यालय सन् 1976 से संचालित है. विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों का कहना है कि अब तो आराध्यदेव पर ही टंकी को बदलवा सकते हैं.

महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.
महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.
टंकी गिर गई तो बचना मुश्किल
महाविद्यालय में अध्ययन छात्र का कहना है कि जब कोई काम पड़ता है तब टंकी के आसपास आते हैं. कभी-कभी रात में पानी खत्म हो जाता है तो बाल्व खोलने के लिए आते हैं. टंकी के पास में ही बाथरूम है. यहां सभी को नहाने आना पड़ता है. ऐसे में यदि टंकी गिर गई तो बचना मुश्किल होगा. इसलिए टंकी के पास आने में बहुत डर लगता है.
कभी भी हो सकता है हादसा
शिक्षक आरके वर्मा का कहना है कि टंकी जिस फाउंडेशन पर रखी है. वह लोहे का है और जंग लग गई है. इस टंकी पर ऊपर जाने की सीढ़ियां भी टूट गई है. जगह-जगह सपोर्ट में लगे एंगल भी टूट कर गिर गए रहे हैं. एसे में जब टंकी में पानी भरते हैं तो चट-चट की आवाज आती है. इस टंकी के इर्द-गिर्द नेत्रहीन बच्चे घूमते रहते हैं. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
राज्यमंत्री से लगाई गुहार
महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य महेश कुमार का कहना है कि परिसर में रखी 5000 लीटर की टंकी की जर्जर हालत को लेकर क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह से भी गुहार लगा चुके हैं. दीपावली पर भी टंकी को हटवाने को लेकर मंत्री चौधरी चौधरी उदय भान सिंह से शिकायत की थी. इससे पहले जिला प्रशासन के साथ किरावली एसडीएम कार्यालय में भी टंकी की जर्जर हालत को लेकर शिकायत कर चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में कभी भी जर्जर टंकी की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है. कभी भी तेज आंधी, तूफान या तेज बारिश होने पर यह टंकी गिर सकती है. इसकी कोई भी मियाद नहीं है.

आगराः जिले में सूरदास की तपोस्थली पर महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के 70 नेत्रहीन विद्यार्थी और आठ शिक्षकों पर खतरा मंडरा रहता है. विद्यालय परिसर में खड़ी 5000 लीटर की जर्जर टंकी कभी भी धराशायी हो सकती है. जर्जर टंकी के बारे में जब जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की तो नेत्रहीन विद्यार्थी और शिक्षकों ने क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री से जर्जर टंकी को बदलवाने की गुहार लगाई है. इसके बावजूद एक साल बाद भी इस ओर किसी ने सुध नहीं ली है. जिससे विद्यालय में अध्ययनरत नेत्रहीन विद्यार्थी और शिक्षकों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मदद की उम्मीद ही छोड़ दी है.

महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.

भगवान पर ही भरोसा
आगरा-दिल्ली हाईवे पर रुनकता के पास स्थित कीठम झील परिसर में सूरकुटी है. यहां पर महाकवि सूरदास ने तपस्या की थी. उन्होंने यहां पर ही भगवान श्री कृष्ण पर पदों की रचना की थी. सूर कुटी में महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान है. जहां पर नेत्रहीन शिक्षक ही नेत्रहीन छात्रों को अध्यापन कराते हैं. यह विद्यालय सन् 1976 से संचालित है. विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों का कहना है कि अब तो आराध्यदेव पर ही टंकी को बदलवा सकते हैं.

महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.
महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय आगरा.
टंकी गिर गई तो बचना मुश्किल
महाविद्यालय में अध्ययन छात्र का कहना है कि जब कोई काम पड़ता है तब टंकी के आसपास आते हैं. कभी-कभी रात में पानी खत्म हो जाता है तो बाल्व खोलने के लिए आते हैं. टंकी के पास में ही बाथरूम है. यहां सभी को नहाने आना पड़ता है. ऐसे में यदि टंकी गिर गई तो बचना मुश्किल होगा. इसलिए टंकी के पास आने में बहुत डर लगता है.
कभी भी हो सकता है हादसा
शिक्षक आरके वर्मा का कहना है कि टंकी जिस फाउंडेशन पर रखी है. वह लोहे का है और जंग लग गई है. इस टंकी पर ऊपर जाने की सीढ़ियां भी टूट गई है. जगह-जगह सपोर्ट में लगे एंगल भी टूट कर गिर गए रहे हैं. एसे में जब टंकी में पानी भरते हैं तो चट-चट की आवाज आती है. इस टंकी के इर्द-गिर्द नेत्रहीन बच्चे घूमते रहते हैं. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
राज्यमंत्री से लगाई गुहार
महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य महेश कुमार का कहना है कि परिसर में रखी 5000 लीटर की टंकी की जर्जर हालत को लेकर क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह से भी गुहार लगा चुके हैं. दीपावली पर भी टंकी को हटवाने को लेकर मंत्री चौधरी चौधरी उदय भान सिंह से शिकायत की थी. इससे पहले जिला प्रशासन के साथ किरावली एसडीएम कार्यालय में भी टंकी की जर्जर हालत को लेकर शिकायत कर चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में कभी भी जर्जर टंकी की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है. कभी भी तेज आंधी, तूफान या तेज बारिश होने पर यह टंकी गिर सकती है. इसकी कोई भी मियाद नहीं है.
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