आगराः इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में गुरुवार की रात हैदराबाद से आए वारसी ब्रदर्स के नाम रही. शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर गुरुवार रात करीब दस बजे 'वारसी ब्रदर्स' अपनी मंडली के साथ पहुंचे. इसके बाद उन्होंने अपने प्रस्तुति से ताज महोत्सव में चार चांद लगा दिया. उन्होंने एक बाद एक शानदार कव्वाली, शेर और शायरी से खूब वाहवाही लूटी.
'वारसी ब्रदर्स' की टीम ने शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच से 'ओ राम जी मेरा पिया घर आया. ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके.., दमादम मस्त कलंदर.., ये हुस्न वालो.., 'डगर पनघट की...समेत कई प्रसिद्ध प्रस्तुतियां पेश की. उन्होंने अमीर खुसरो के कलाम से प्रस्तुतियां की शुरुआत की. इसके बाद एक के बाद एक कलाम और कव्वाली से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. 'वारसी ब्रदर्स' ने ‘मन कुंतो मौला’, बाबा हर में हर को देखा कबीर भजन को भी सुनाया. वहीं इस दौरान जब 'वारसी ब्रदर्स' ने दमादम मस्त कलंदर सुनाया तो श्रोता झूमने को मजबूर हो गए. 'वारसी ब्रदर्स' ने श्रोताओं की हर फरमाइश को पूरा किया.
मीडिया से बातचीत में नजीर वारसी ने कहा कि 'पहली बार ताज महोत्सव के मंच पर आया हूं. यह हमारे लिए सम्मान की बात है. यहां आकर गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सूफी संगीत 800 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह हमारी धरोहर है. इसे सहेजकर रखना हमारी जिम्मेदारी है.
बता दें कि मुक्ताकाशीय मंच से गुरुवार रात अन्य कार्यक्रम भी हुए. जिसमें रवि भटनागर का गायन, नृत्य ज्योति कला केंद्र का कथक नृत्य, अचिशा शर्मा का नृत्य, जीएस विष्ठ, काशी, लक्षिता महाजन, विक्रम शुक्ला का गायन, मीता गांगुली द्वारा सुगम संगीत, गोपाल मिश्रा ने गजल, इलियास खान ने गजल गायन, देविका देवेंद्र मंगलामुखी का कथक नृत्य और पंडित ब्रज भूषण गोस्वामी द्वारा ध्रुपद गायन की प्रस्तुती दी. इसके साथ ही ताज महोत्सव के चलते ताजनगरी फेस टू स्थित जोनल पार्क में ममता शर्मा का लोकगायन, मऊमाला नायक ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया. प्रयागराज से आए आशुतोष श्रीवास्तव ने गजल सुनाई.
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