आगरा: आगरा में यमुना और चंबल नदी का जलस्तर डरा रहा है. फिलहाल यमुना का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है. मगर, तटवर्ती गांव में मुसीबत बढ़ रही है. चंबल खतरे के निशान से 5 मीटर से ऊपर बह रही है. जिसके चलते एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों ने ऊंचे स्थान पर डेरा डाल दिया है.
जिले में जहां चंबल और यमुना का जलस्तर लोगों के लिए आफत बन गया है. वहीं, यमुना का बढ़ा जलस्तर मोहब्बत की निशानी ताजमहल के लिए संजीवनी बन गया है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से ताज की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं. यमुना का बढ़ा जलस्तर पर्यटकों को भी लुभा रहा है. वहीं, चंबल और यमुना के जलस्तर को लेकर डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि हालात नियंत्रण में हैं. लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. स्टीमर की व्यवस्था है. चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और दवाएं वितरित की जा रही हैं.
आगरा और आसपास के जिलों में लगातार बारिश हो रही. गोकुल बैराज से रिकार्ड 49,281 क्यूसेक पानी आगरा की ओर छोड़ा गया. आगरा में कहीं आफत तो कहीं संजीवनी बन गया है. बढ़ते जलस्तर से जहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. निचले इलाकों में खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं. वहीं, यमुना अब ताजमहल से सटकर बह रही है. यमुना का बढ़ा जलस्तर ताजमहल की नींव के लिए संजीवनी है. क्योंकि, ताजमहल की नींव को इससे मजबूती मिलेगी. मेहताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट से ताजमहल बहुत आकर्षक और सुंदर दिख रहा है.
ताज की सुंदरता में युमना ने लगाए चार चांद
उड़ीसा से आए पर्यटक अंतरयामी प्रधान ने बताया कि वे परिवार के साथ यहां आगरा आए हुए हैं. उन्होंने बताया कि वे पहले भी ताजमहल का दीदार कर चुके हैं. मगर, इस बार मेहताब बाग से ताजमहल देखा है. पहली बार यमुना में इतना पानी मिला है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से यहां से ताजमहल बेहद आकर्षक दिख रहा है. ताज की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं.
ताज का व्यू लग रहा आकर्षक
पर्यटक शिव चौधरी ने बताया कि यमुना का पानी बढ़ गया है. मौसम भी अच्छा है. यहां से ताजमहल का व्यू(नजारा) बहुत अच्छा लगता है. इसलिए दोस्तों के साथ यहां पर आया हूं. मेहताब बाग में यमुना किनारे खड़े होकर ताजमहल बेहद खूबसूरत लग रहा है.
अस्थायी डेरा बनाकर रह रहे
बाह के उमरेठा पुरा निवासी मालीराम का कहना है कि गांव में चंबल का पानी भर गया है. पूरा गांव डूब गया है. टेंट लगाकर लोग रह रहे हैं. जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है. इसलिए परिवार के लोगों के साथ पशुओं को लेकर यहां अस्थायी डेरा बनाकर रह रहे हैं. राधेश्याम का कहना है कि, परिजन ऊंचे टीलों पर बसेरा बनाकर रह रहे हैं. घर का सामान रिश्तेदारी में भेज दिया है. खाने-पीने का सामान अपने पास रखा है.
चंबल की बाढ़ से 40 गांव प्रभावित
चंबल नदी में बाढ़ के कारण आगरा के बाह और पिनाहट के लगभग 40 गांव प्रभावित हैं. बाह तहसील क्षेत्र में चंबल नदी किनारे बसे 38 में से 14 गांव सर्वाधिक प्रभावित हैं. रास्तों से लेकर स्कूल और घरों में पानी भरने से पलायन शुरू हो गया है. दोनों तहसील के करीब 15 गांवों में पानी भर गया है. जिन्हें खाली कराया गया है. लोग ऊंचे टीलों पर अस्थायी टेंट लगाकर रह रहे हैं. इन गावों का संपर्क पूरी तरह से तहसील मुख्यालय से टूट गया है. गांव के रास्ते पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. इन गांवों में बिजली की सप्लाई भी रोक दी गई है. बाढ़ के चलते बाह और पिनाहट के गांव प्रभावित हुए हैं. करीब 25 हजार लोगों के बाढ़ से प्रभावित होने का अनुमान है.
ये गांव हैं सर्वाधिक प्रभावित
बाह तहसील के मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरना पुरा, पुरा शिवलाल, पुरा डाल, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा, डगोरा, भगवान पुरा, क्योरीपुरा का संपर्क तहसील से कट गया है. उमरेठा गांव पूरा खाली कराया है.
चंबल के हालात
खतरे का निशान - 130 मीटर
जलस्तर- 135.8 मीटर पार
यमुना के हालात
जलस्तर का लेवल- 491 फीट
लो फ्लड लेवल- 495 फीट
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