आगराः थाना न्यू आगरा क्षेत्र की लॉयर्स कॉलोनी में स्थित पानी की टंकी पार्क में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने यमुना नदी पर बन रहे पैंटून पुल की जगह बदलने की मांग को लेकर बीजेपी के जिलाध्यक्ष गिरिराज कुशवाहा के घर का घेराव किया. ग्रमीणों के प्रदर्शन को देखते हुए एसीएम प्रथम मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर पैंटून पुल की जगह बदलने की मांग की. बाद में एसीएम और जिलाध्यक्ष के आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस लौट गए.
विधायक ने पुल के लिए किया था प्रयास
आपको बता दें कि खंदौली से दयालबाग आने के लिए हजारों लोगों को सालों से बहुत लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा था. उन्हें रामबाग होते हुए दयालबाग आना पड़ता था जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसको ध्यान में रखते हुए खंदौली के गांव नगला चतुरा और दयालबाग के गांव सिकंदरपुर को यमुना नदी पर जोड़ने के लिए शासन ने पैंटून पुल की स्वीकृति दे दी है. 2020-21 के वित्तीय वर्ष में इसका निर्माण टेंडर के बाद शुरू हो जाएगा. जिसके लिए भाजपा के विधायक राम प्रताप सिंह चौहान ने काफी प्रयास किए थे.
तय स्थान का ग्रामीण कर रहे विरोध
शासन से पुल की स्वीकृति होने के बाद नगला चतुरा में जहां खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं दूसरी तरफ कुछ अन्य गांव के निवासी ग्रामीण अब इस पुल का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर यह पुल नगला चतुरा की तरफ बनता है तो बहुत कम लोगों को इसका फायदा मिल पाएगा. वहीं दूसरी तरफ दयालबाग के गांव सिकंदरपुर में पहले से ही ग्रामीणों और सत्संगियों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. अगर अब सिकंदरपुर में ये पुल पहुंचेगा तो सत्संगी फिर से विवाद खड़ा कर सकते हैं.
बीजेपी जिला अध्यक्ष के घर का ग्रामीणों ने किया घेराव
मामले को देखते हुए सैकड़ों ग्रामीण लॉयर्स कॉलोनी में स्थित बीजेपी के जिलाध्यक्ष गिरिराज कुशवाहा के आवास पर घेराव करने पहुंचे. जहां पर उन्होंने जिलाध्यक्ष से मांग की कि जो पुल नगला चतुरा से सिकंदरपुर के बीच बन रहा है. वहां से हटाकर पुल को भैरव घाट और डेढ़ा बंजारा के बीच बनाया जाए, जिससे हजारों लोगों को इस पुल का फायदा मिल सकेगा.
आश्वासन के बाद खत्म हुआ घेराव
सैकड़ों लोगों की भीड़ और बढ़ता विरोध प्रदर्शन देखकर क्षेत्रीय पुलिस भी मौके पर आ गई. इसके बाद जिला अध्यक्ष ने एसीएम प्रथम को भी धरना स्थल पर बुला लिया. एसीएम प्रथम ने और जिलाध्यक्ष ने लोगों को समझाया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांग सरकार तक पहुंचाई जाएगी और उसे पूरा कराने की पुरजोर कोशिश भी की जाएगी. इसके बाद ग्रामीण अपना ज्ञापन एसीएम प्रथम को देकर वापस चले गए.