आगरा: करीब 11 दिन पहले कर्मचारी संघ की ओर से प्रमुख रूप से मृतक आश्रित के पुत्र-पुत्रियों को नौकरी देने के समर्थन में लगभग 4 दिन तक धरना दिया गया था. उस समय डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने उनसे वादा किया था कि एक सप्ताह के अंदर उनकी समस्याओं का निराकरण प्रारंभ कर दिया जाएगा. यदि 1 सप्ताह के अंदर यह कार्य न संभव हुआ तो वह खुद धरने पर बैठेंगे.
वहीं जब 1 सप्ताह बीतने के बाद भी कर्मचारियों की लंबित मांगों का कोई समाधान नहीं निकला और मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए तो उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रारंभ कर दिया. जैसे ही कुलपति को धरने की सूचना मिली वह तुरंत आकर उनके साथ धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि छात्र और कर्मचारी दोनों ही मेरी प्राथमिकताओं में हैं और यदि कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की समस्या है तो वह मेरी अपनी समस्या है.
कुलपति ने कहा कि मैंने आपसे वादा किया था कि मैं आपके साथ धरने पर बैठूंगा तो मैं अपना वादा निभाने आया हूं. कुलपति के धरने पर बैठते ही कर्मचारियों में और विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मृतक आश्रितों की पत्रावली तलब की गई और शाम होते-होते तृतीय श्रेणी के 5 कर्मचारियों को और चतुर्थ श्रेणी के दो कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए. तृतीय श्रेणी के नियुक्ति पत्र पाने वाले कर्मचारी हर्ष त्रिवेदी, मोहनीश कुमार, बॉबी भंडारी, सुंदरलाल, कुमारी तनीषा खट्टर और चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति पत्र पाने वाले कर्मचारी शुभम यादव और मो. अजहर खान हैं.