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सेना में अफसर बनकर बिटिया ने साकार किया पिता का सपना - आगरा के ओल्ड ईदगाह

आगरा की वसुंधरा सिंह भारतीय सेना में ऑफिसर (officer in indian army) बन गईं हैं. वसुंधरा का कहना है कि आज बेटियां किसी से पीछे नहीं है. सेना में एनडीए के अलावा तमाम अन्य मौके हैं, जिसके जरिए बेटियां सेना में भर्ती हो सकती हैं.

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वसुंधरा सिंह
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Published : Sep 23, 2022, 6:18 PM IST

आगरा: ताजनगरी की बेटी वसुंधरा सिंह भारतीय सेना में ऑफिसर (officer in indian army) बन गई हैं. वसुंधरा ने एसएससी डब्लू टेक (ssc w tech) (शॉर्ट सर्विस कमीशन वुमेन) में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक प्राप्त की. वसुंधरा ने सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा किया. वसुंधरा ने उपलब्धि से परिवार, सेनाभ्यास और जिले का नाम रोशन किया है. ईटीवी भारत से वसुंधरा सिंह ने खास बातचीत की. वसुंधरा ने कहा कि आज बेटियां किसी से पीछे नहीं है. सेना में एनडीए के अलावा तमाम अन्य मौके हैं, जिसके जरिए बेटियां सेना में भर्ती हो सकती हैं. अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर सेना में अपना कैरियर बना सकती हैं.

जानकारी देते हुए वसुंधरा सिंह

बता दें कि, आगरा के ओल्ड ईदगाह निवासी वसुंधरा सिंह ने एसएसबी के तहत भारतीय सेना में ऑफिसर पद पर चयन हुआ है. वशुंधरा ने एसएससी डब्लू टेक (शॉर्ट सर्विस कमीशन वुमेन टेक्नीकल) में ऑल इंडिया प्रथम स्थान प्राप्त किया है. वसुंधरा सिंह के पिता अनिल कुमार पेट्रोल पंप संचालक हैं. और उन्होंने भरतपुर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की थी.

वसुंधरा सिंह ने बताया कि, पिता अनिल कुमार ने मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की थी. इसलिए घर में हर समय सेना को लेकर और मिलिट्री स्कूल का अनुशासन मिला है. इसलिए बचपन से ही सेना में जाने का सपना था. देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा थी, जिसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिताजी से मिली. क्योंकि, पिता जी के कई साथी सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं, जो सेना को लेकर बताते हैं. इसलिए पिताजी का सपना था कि, मैं सेना में जाऊं. इसलिए मुझे पिता जी ने शुरू से ही सेना में जाने के लिए प्रेरित किया.

यह भी पढ़ें-सबसे अमीर 25 लोगों में शामिल हैं आगरा की ये 6 हस्तियां, यूपी के इन जिलों में बढ़े अरबपति

वशुंधरा सिंह ने बताया कि, उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत के सा- साथ सही दिशा निर्देश हैं, जो उन्हें दयालबाग एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और द सेना अभ्यास एजुकेशन सेंटर जो से मिले. यह संस्थान आगरा और आसपास के क्षेत्र के कई बच्चों को भारतीय सेना में हर वर्ष चयन हो रहे हैं. रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने उन्हें फिजिकली और मेंटली परिपक्व बनाया और पौधे की तरह सींचा.

वशुंधरा ने कहा कि, बिना गेप के नियमित तौर पर हर रोज आठ घंटे पढ़ाई के साथ हर रोज पांच किमी दौड़ के साथ शारीरिक व्यायाम करती थी. वहीं, सोशल मीडिया पर भी वह शिक्षा से जुड़े पेज ब्लॉग और चैनल के माध्यम से पढ़ाई किया करती थी. उसी का नतीजा है. कि, मैंने ऑल इंडिया में टाप किया और पिता का सपना साकार किया है.

यह भी पढ़ें-मुख्तार अंसारी गैंगस्टर के मामले में भी दोषी करार, पांच साल की सजा

ब्रिगेडियर मनोज कुमार शर्मा ने वसुंधरा सिंह की मेहनत चिंतन और एकाग्रता से तैयारी की. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग करके सेना में नौकरी के तमाम अक्सर हैं. लेकिन, आज के युवाओं को इसकी जानकारी नहीं है. मैं भी सेना में इंजीनियरिंग कोर्स से भर्ती हुआ था. मैंने दुर्गम इलाकों में स्थित अटल टनल को बनवाया था. इस टनल को बनवाने में मैंने और मेरी टीम ने सरकार के 1100 करोड़ रुपए की बचत की थी. युवाओं को सेना बुला रही है. युवा अपनी मेहनत और लगन से सेना में जाने के लिए उत्सुक हैं तो उनके लिए तमाम सेना में अवसर हैं.



आगरा: ताजनगरी की बेटी वसुंधरा सिंह भारतीय सेना में ऑफिसर (officer in indian army) बन गई हैं. वसुंधरा ने एसएससी डब्लू टेक (ssc w tech) (शॉर्ट सर्विस कमीशन वुमेन) में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक प्राप्त की. वसुंधरा ने सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा किया. वसुंधरा ने उपलब्धि से परिवार, सेनाभ्यास और जिले का नाम रोशन किया है. ईटीवी भारत से वसुंधरा सिंह ने खास बातचीत की. वसुंधरा ने कहा कि आज बेटियां किसी से पीछे नहीं है. सेना में एनडीए के अलावा तमाम अन्य मौके हैं, जिसके जरिए बेटियां सेना में भर्ती हो सकती हैं. अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर सेना में अपना कैरियर बना सकती हैं.

जानकारी देते हुए वसुंधरा सिंह

बता दें कि, आगरा के ओल्ड ईदगाह निवासी वसुंधरा सिंह ने एसएसबी के तहत भारतीय सेना में ऑफिसर पद पर चयन हुआ है. वशुंधरा ने एसएससी डब्लू टेक (शॉर्ट सर्विस कमीशन वुमेन टेक्नीकल) में ऑल इंडिया प्रथम स्थान प्राप्त किया है. वसुंधरा सिंह के पिता अनिल कुमार पेट्रोल पंप संचालक हैं. और उन्होंने भरतपुर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की थी.

वसुंधरा सिंह ने बताया कि, पिता अनिल कुमार ने मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की थी. इसलिए घर में हर समय सेना को लेकर और मिलिट्री स्कूल का अनुशासन मिला है. इसलिए बचपन से ही सेना में जाने का सपना था. देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा थी, जिसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिताजी से मिली. क्योंकि, पिता जी के कई साथी सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं, जो सेना को लेकर बताते हैं. इसलिए पिताजी का सपना था कि, मैं सेना में जाऊं. इसलिए मुझे पिता जी ने शुरू से ही सेना में जाने के लिए प्रेरित किया.

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वशुंधरा सिंह ने बताया कि, उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत के सा- साथ सही दिशा निर्देश हैं, जो उन्हें दयालबाग एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और द सेना अभ्यास एजुकेशन सेंटर जो से मिले. यह संस्थान आगरा और आसपास के क्षेत्र के कई बच्चों को भारतीय सेना में हर वर्ष चयन हो रहे हैं. रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने उन्हें फिजिकली और मेंटली परिपक्व बनाया और पौधे की तरह सींचा.

वशुंधरा ने कहा कि, बिना गेप के नियमित तौर पर हर रोज आठ घंटे पढ़ाई के साथ हर रोज पांच किमी दौड़ के साथ शारीरिक व्यायाम करती थी. वहीं, सोशल मीडिया पर भी वह शिक्षा से जुड़े पेज ब्लॉग और चैनल के माध्यम से पढ़ाई किया करती थी. उसी का नतीजा है. कि, मैंने ऑल इंडिया में टाप किया और पिता का सपना साकार किया है.

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ब्रिगेडियर मनोज कुमार शर्मा ने वसुंधरा सिंह की मेहनत चिंतन और एकाग्रता से तैयारी की. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग करके सेना में नौकरी के तमाम अक्सर हैं. लेकिन, आज के युवाओं को इसकी जानकारी नहीं है. मैं भी सेना में इंजीनियरिंग कोर्स से भर्ती हुआ था. मैंने दुर्गम इलाकों में स्थित अटल टनल को बनवाया था. इस टनल को बनवाने में मैंने और मेरी टीम ने सरकार के 1100 करोड़ रुपए की बचत की थी. युवाओं को सेना बुला रही है. युवा अपनी मेहनत और लगन से सेना में जाने के लिए उत्सुक हैं तो उनके लिए तमाम सेना में अवसर हैं.



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