आगरा: देश की राजधानी दिल्ली से भोपाल के बीच दौड़ रही वंदे भारत पर्यटक और यात्रियों को खूब भा रही है. वंदे भारत के अप और डाउन में आगरा कैंट स्टेशन पर 100- 150 यात्री सवार होते हैं जबकि, 150 से 200 यात्री यहां पर उतरते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने वाले पर्यटक और यात्रियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वंदे भारत का किराया प्लेन से कम है मगर, उसमें सुविधाएं वैसी ही हैं. यह ट्रेन अपनी स्पीड से कम किराए में प्लेन लगभग जितने समय में सफर करा रही है.
बता दें कि पीएम मोदी ने एक अप्रैल 2023 को मप्र की राजधानी भोपाल से वंदे भारत ट्रेन को देश की राजधानी दिल्ली में स्थित हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के लिए रवाना किया था. इसके बाद से वंदे भारत ट्रेन भोपाल और हजरत निजामुद्दीन के बीच दौड रही है. धीरे-धीरे इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ रही है.
आगरा पर्यटन सिटी होने की वजह से पर्यटकों की पहली पसंद वंदे भारत ट्रेन बन रही है. वंदे भारत देश की सबसे पापुलर ट्रेन एनसीआर के आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि वंदे भारत देश की सबसे पापुलर ट्रेन है. वंदे भारत ट्रेन को यात्री पंसद कर रहे हैं. अधिक संख्या में पर्यटक वंदे भारत से सफर करके आगरा आ रहे हैं. हाल में ही इंटरनेशनल टूरिस्ट का 82 सदरस्यीय एक दल आगरा वंदे भारत ट्रेन से सफर करके आगरा आया.
भोपाल और हजरत निजामुद्दीन के बीच दौड़ रही वंदे भारत ट्रेन में अप और डाउन के समय आगरा कैंट स्टेशन से 100 से 150 यात्री अप और डाउन में वंदे भारत में सवार होते हैं. इसके साथ ही भोपाल और हजरत निजामुद्दीन की ओर से वंदे भारत से आगर कैंट स्टेशन पर पर्यटक और यात्री उतरते हैं.
टूरिस्ट का पॉजिटिव रिस्पांस मिला
एनसीआर के आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन मे सफर करने वाले यात्रियों से अच्छा फीडबैक मिल रहा है. वंदे भारत का इंटीरियर बेहतरीन है. यह अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस है. यात्रियों का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन से आगरा से ग्वालियर, झांसी और भोपाल के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली तक आने जाने सफर सुगम और सुरक्षित बन गया है. इससे समय की बचत हो रही है इसलिए यात्री और टूरिस्ट का पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है.
पर्यटक हंसी पासा ने बताया कि वंदे भारत का सफर अच्छा है. दूसरे ट्रेनों के मुकाबले साफ सफाई बेहतर हैं जो फेयर है उसके हिसाब से सुविधाएं हैं. यह कम समय में सफर करा रही है. यह ट्रेल लेट नहीं होती है. स्थानीय निवासी समंथा ने बताया कि, मैं अपनी कजिन को वंदे भारत में बैठाने आई हूं. उसे दिल्ली जाना है. इसमें समय बच जाता है.
ललिता सिंह ने बताया कि मैंने जान बूझकर वंदे भारत में टिकट कराया था जबकि, मुझे शताब्दी में कंफर्म टिकट मिल रहा था. इसका सफर बेहतरीन लगा. ट्रेन नीट एंड क्लीन है. कम समय में आरामदायक सफर रहा है.
चैतन्य ने बताया कि वंदे भारत का सफर बेहतरीन है. पीएम मोदी का रेलवे को मॉर्डन करने का यह अच्छा इनीशेटिव है. इसकी स्पीड ठीक है. भोपाल से आगरा के बीच कम स्टॉपेज हैं. स्पीड भी अच्छी है. इसलिए, इससे एक घंटे कम समय में आगरा आ गए. जिन्हें डॉयरेक्ट आना है. उनके लिए अच्छी ट्रेन है. यह ट्रेन की टिकट प्लेन से सस्ती है. मगर, पहुंचा उतनी ही देर में देती है.
इमरजेंसी बटन से छेड़खानी करने पर जुर्माना
बता दें कि, मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर ही वंदे भारत एक्सप्रेस के हर कोच में एक इमरजेंसी बटन है. इससे इमरजेंसी में ट्रेन रोकी जा सकती है. इस बटन के जरिए यात्री अपनी परेशानी सीधे ट्रेन के पायलट को बता सकता है. बिना इमरजेंसी के स्विच दबाने या छेड़खानी करने पर एक हजार रुपये का जुर्माना के साथ ही छह माह की जेल का प्रावधान है. इसके साथ ही लोको पायलट मेट्रो की तरह ही यात्रियों से बात भी कर सकते हैं.
ट्रेन सामने आईं तो 380 मी. पहले रुक जाएगी
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया है कि, स्पीड और रनिंग टाइम कंट्रोल किया जा सके. ट्रेन में फ्रंट को एयरो डायनामिक शेप दिया है. ताकि तेज गति पर चलने से इस पर हवा का दबाव न पड़े. ट्रेन के रनिंग टाइम में 10 से 15 सेकंड की बचत होती है. इसमे एक लोको इंजन के दूसरे लोको इंजन के सामने आने की स्थिति में 380 मीटर की दूरी पर ही रुक जाता है. इतना ही नहीं, खुद ही सीटी बजाना शुरू कर देता है.
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