लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Election 2022) को लेकर सभी दलों ने अपनी कमर कस ली है और तैयारियों में जुट गए हैं. इसी क्रम में लंबे वक्त से बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) प्रमुख मायावती कार्यालय से ही चुनावी गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं. ऐसे में 2 फरवरी से बसपा प्रमुख की रैली का ऐलान बसपा महासचिव ने किया था. आगरा से शुरू होने वाली जनसभा का शेड्यूल अभी जारी होना शेष है. मायावती के चुनावी दंगल में हुंकार भरने के ऐलान के बाद दूसरी पार्टियों में खलबली मच गयी है.
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बसपा सुप्रीमो मायावती दलित नेताओं में प्रमुख चेहरा रही हैं. अपने समाज की आवाज बुलंद करना और सत्ता मिलने पर उनके अधिकारों के लिए कार्य करना उनकी शैली रही है. वर्ष 2007 में 'सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय' का नारा देकर बहुमत की सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की थी. लेकिन पिछले लंबे वक्त से वह रैली व जमीनी संघर्ष से दूर रहीं. ऐसे में उनके स्वास्थ्य को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.
वहीं, अक्टूबर में कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ की रैली में भीड़ जुटाकर लोकप्रियता का संदेश दिया. इसके बाद वह फिर इनडोर पॉलिटिक्स करती रहीं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने 2 फरवरी से बसपा प्रमुख की रैली का ऐलान किया था. आगरा से शुरू होने वाली जनसभा का शेड्यूल अभी जारी होना शेष है.
मायावती ने ट्वीट कर भजापा, सपा पर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण किया जा रहा है. माफियाओं को संरक्षण देकर यूपी को पीछे धकेला जा रहा है. इससे जनता त्रस्त है मगर जुमलेबाजी जारी है.
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