आगरा: पिनाहट में चंबल नदी उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर है. इन दोनों राज्यों को जोड़ने के लिए पक्के पुल का निर्माण होना है. इस पुल के निर्माण के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने विधि-विधान के साथ भूमिपूजन किया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के उसैथ और पिनाहट के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा. दोनों प्रदेशों के सैकड़ों गांव के लोगों को इसका फायदा मिलेगा. साथ ही व्यापार के रास्ते भी खुलेंगे.
'पूर्व प्रधानमंत्री का शिलान्यास केवल चुनावी'
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 32 वर्ष पूर्व किए गए शिलान्यास पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री शिलान्यास करें और शिलान्यास के बाद भी वह कार्य न हो पाए, यह आश्चर्यजनक बात है. बचपन की स्मृतियों का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह अपने परिजनों के साथ पिनाहट बाजार जाते थे. तब से पिनाहट के इस चंबल घाट पर पुल की जरूरत महसूस होती आ रही है. पूर्व प्रधानमंत्री का शिलान्यास केवल चुनावी था. विभागीय स्तर पर इसकी कोई रूपरेखा नहीं थी. शिलान्यास का पत्थर चुनावी फायदा के लिए लगा दिया था. इसके बाद फिर हमने नए सिरे से कोशिश की और पुल का कार्य प्रारंभ कराया. हालांकि, विभिन्न कारणों से हुए विलंब के कारण लोगों को दुष्परिणाम भुगतना पड़ा है.
ये भी पढ़े: रोहता में बनेगा महिला पॉलिटेक्निक काॅलेज
'देरी से बढ़ गए 90 हजार रुपये'
केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री भदावर महाराज अरिदमन सिंह के विशेष प्रयासों का भी जिक्र कर कहा कि इस तरफ से हम प्रयास कर रहे थे, तो उधर उत्तर प्रदेश से भदावर महाराज प्रयास कर रहे थे. इसके परिणाम स्वरूप इस पुल के भूमि पूजन का कार्य हुआ. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लोगों को संबोधित करते हुए पुल के विलंब के नुकसान बताए. कहा कि 2012 में इस पुल के निर्माण की मंजूरी के समय लागत 28 करोड़ थी. विभिन्न अड़चनों के कारण के चलते अब इसकी लागत 90 करोड़ हो गई है. अब पुल का निर्माण तीन से चार वर्ष में करा लिया जाएगा.
'उन्नत कृषि खेती करने के लिए दिया संदेश'
केंद्रीय कृषि मंत्री ने मुरैना के ग्रामीण किसानों को उन्नत कृषि से जुड़ने का आह्वान करते कहा कि परंपरागत कृषि की दृष्टि से जिला संपन्न है. इसको और संपन्न बनाया जा सकता है. उन्नत कृषि और फूड प्रोसेसिंग का लाभ मुरैना को भरपूर मिले. उन्नत कृषि को समझने वाले अनेक युवा लाखों की नौकरी छोड़कर खेती की ओर बढ़ रहे हैं. मोदी सरकार खाद, बीज और जैविक खाद सहित आर्थिक मदद भी कर रही है. ग्रामीणों से कहा कि उन्नत खेती की ओर बढ़ें खेती को लाभप्रद बनाने की दिशा में प्रशिक्षण लें. उन्नत खेती का लाभ छोटे किसानों को मिलेगा. शासन की अधिकांश योजनाएं छोटे किसानों तक नहीं पहुंच पातीं. ऐसे छोटे किसानों की संख्या 86% से भी अधिक है. सभी किसानों को नवीन तकनीकी से जोड़ने गांव-गांव में प्रोसेसिंग पैकिंग और कृषि उत्पाद संगठन के माध्यम से जागरूक करने का काम करेंगे.
पूर्व कैबिनेट मंत्री की सराहना की
पूर्व कैबिनेट मंत्री अरिदमन सिंह भदावर ने कहा पक्का पुल बनने से दोनों प्रदेश में विकास के आयाम स्थापित होंगे. पिनाहट-उसैथ घाट पुल निर्माण में सहयोग और प्रयास के लिए राजा साहब के अथक प्रयासों के लिए अन्य वक्ताओं ने भी सराहना की.