आगराः यूपी सरकार ने आगरा के दो शहीदों को नमन करते हुए उनके गांव तक जाने वाली सड़कों के उनके नाम पर रखें हैं. एक सड़क का नाम पुलवामा शहीद कौशल कुमार रावत मार्ग और दूसरी सड़क का नाम कानपुर के बिकरू कांड में शहीद सिपाही बबलू कुमार मार्ग किया गया है. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दो मार्गों का नाम शहीदों के नाम पर रखने का प्रस्ताव बनाया था, जिस पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है.
3.9 किलोमीटर का मार्ग शहीद कौशल के नाम पर
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों ने पुलवामा में सीआरपीएफ के वाहन पर हमला किया था. जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले में ताजगंज के कहरई गांव निवासी कौशल कुमार रावत भी शहीद हो गए थे. कौशल कुमार रावत के नाम पर कहरई जाने का सड़क मार्ग जाना जाएगा. यह करीब 3.90 किलोमीटर लंबी सड़क है. शहीद के परिजनों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से शहीद की शहादत को अब सम्मान मिला है. सरकार ने घोषणा को पूरा कर दिया है.
15 किलोमीटर का मार्ग शहीद बबलू कुमार के नाम पर
फतेहाबाद खंड के गांव पोखर पांडे निवासी बबलू कुमार यूपी पुलिस में सिपाही थे और उनकी पहली तैनाती कानपुर में थी. जुलाई 2020 में कुख्यात विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई टीम में बबलू कुमार शामिल थे. विकास दुबे और उसके साथियों की हमले में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. इसमें बबूल कुमार भी शामिल थे. शहीद बबलू कुमार के नाम पर फतेहाबाद से रिहावली मार्ग जाना जाएगा. यह सड़क मार्ग लगभग 15 किलोमीटर है. पीडब्ल्यूडी की ओर से शहीद के नाम पर सड़क का नाम रखने का प्रस्ताव बनाकर के भेजा गया था.
शहीद के नाम से स्कूल भी होगा
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि जिले की दो शहीदों के नाम से सड़कें जानी जाएंगी. इनमें एक सड़क शहीद कौशल कुमार रावत के नाम पर और दूसरी सड़क शहीद बबलू कुमार के नाम पर जानी जाएगी. इसके साथ ही शहीद कौशल कुमार के नाम पर स्कूल का नाम भी रखा जाएगा.
ग्रामीणों और परिजनों में खुशी की लहर
आगरा के शहीद कौशल कुमार रावत और शहीद बबलू कुमार के नाम पर सड़क मार्ग का नाम करने का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी ने बनाया था. दोनों शहीदों के नाम पर सड़क मार्ग किए जाने के बाद से शहीदों के परिजन, परिचित और ग्रामीणों में भी खुशी की लहर है.
पुलवामा और बिकरूकांड में हुए शहीदों के नाम से जानी जाएंगी आगरा की दो सड़कें
यूपी सरकार ने आगरा के दो शहीदों के नाम पर दो सड़कों का नाम रखा है. एक सड़क का नाम पुलवामा हमले में शहीद हुए कौशल कुमार रावत मार्ग और दूसरी सड़क का नाम कानपुर के बिकरूकांड में शहीद हुए सिपाही बबलू कुमार मार्ग किया गया है. लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने अपनी मुहर लगा दी है.
आगराः यूपी सरकार ने आगरा के दो शहीदों को नमन करते हुए उनके गांव तक जाने वाली सड़कों के उनके नाम पर रखें हैं. एक सड़क का नाम पुलवामा शहीद कौशल कुमार रावत मार्ग और दूसरी सड़क का नाम कानपुर के बिकरू कांड में शहीद सिपाही बबलू कुमार मार्ग किया गया है. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दो मार्गों का नाम शहीदों के नाम पर रखने का प्रस्ताव बनाया था, जिस पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है.
3.9 किलोमीटर का मार्ग शहीद कौशल के नाम पर
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों ने पुलवामा में सीआरपीएफ के वाहन पर हमला किया था. जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले में ताजगंज के कहरई गांव निवासी कौशल कुमार रावत भी शहीद हो गए थे. कौशल कुमार रावत के नाम पर कहरई जाने का सड़क मार्ग जाना जाएगा. यह करीब 3.90 किलोमीटर लंबी सड़क है. शहीद के परिजनों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से शहीद की शहादत को अब सम्मान मिला है. सरकार ने घोषणा को पूरा कर दिया है.
15 किलोमीटर का मार्ग शहीद बबलू कुमार के नाम पर
फतेहाबाद खंड के गांव पोखर पांडे निवासी बबलू कुमार यूपी पुलिस में सिपाही थे और उनकी पहली तैनाती कानपुर में थी. जुलाई 2020 में कुख्यात विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई टीम में बबलू कुमार शामिल थे. विकास दुबे और उसके साथियों की हमले में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. इसमें बबूल कुमार भी शामिल थे. शहीद बबलू कुमार के नाम पर फतेहाबाद से रिहावली मार्ग जाना जाएगा. यह सड़क मार्ग लगभग 15 किलोमीटर है. पीडब्ल्यूडी की ओर से शहीद के नाम पर सड़क का नाम रखने का प्रस्ताव बनाकर के भेजा गया था.
शहीद के नाम से स्कूल भी होगा
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि जिले की दो शहीदों के नाम से सड़कें जानी जाएंगी. इनमें एक सड़क शहीद कौशल कुमार रावत के नाम पर और दूसरी सड़क शहीद बबलू कुमार के नाम पर जानी जाएगी. इसके साथ ही शहीद कौशल कुमार के नाम पर स्कूल का नाम भी रखा जाएगा.
ग्रामीणों और परिजनों में खुशी की लहर
आगरा के शहीद कौशल कुमार रावत और शहीद बबलू कुमार के नाम पर सड़क मार्ग का नाम करने का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी ने बनाया था. दोनों शहीदों के नाम पर सड़क मार्ग किए जाने के बाद से शहीदों के परिजन, परिचित और ग्रामीणों में भी खुशी की लहर है.