आगरा: जनपद नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है. जिसमें सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट महाकुंभ पौधरोपण अभियान के नाम पर लाखों रुपये पानी में बहा दिए. नगर निगम मेयर नवीन जैन और नगरायुक्त अरुण प्रकाश सहित अन्य तमाम अधिकारी, कर्मचारी और बीजेपी के पदाधिकारियों ने यमुना किनारे गत 9 अगस्त को विशाल पौधरोपण किया था.
इन पौधों की देखभाल नहीं की गई. पहले ही दिन हजारों की संख्या में पौधे यूं ही फेंक करके नगर निगम के अधिकारी मौके पर चले गए थे. इसके बाद रही सही कसर हाल में यमुना के बड़े जलस्तर ने पूरी कर दी. यमुना किनारे लगाए गए सभी पौधे यमुना का जलस्तर बढ़ने पर की तेज धार में बह गए हैं. अब नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, क्योंकि लाखों रुपये के पौधे यूं ही बह गए हैं.
नगर निगम के अधिकारियों पर उठे सवाल
नगर निगम अधिकारियों ने इस भी ध्यान नहीं दिया कि जब यमुना का जलस्तर बढ़ेगा तो यमुना किनारे लगाए गए पौधे कैसे बचेंगे. क्या यमुना किनारे लगाए गए पौधे यमुना के जलस्तर बढ़ने पर पानी में बह नहीं जाएंगे. अब महापौर नवीन जैन का यह कहना है कि यमुना का जलस्तर घटने पर फिर से पौधरोपण किया जाएगा.
संत कैलाशी ने बताया कि यमुना किनारे किनारे महापौर और अन्य ने पौधरोपण किया था, लेकिन पानी की धारा के साथ पौधे बह गए. पौधे लगाने के बाद से कोई यहां देखने तक नहीं आया है.
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स्थानीय निवासी चमन ने बताया कि यहां पर पौधरोपण किया गया था. कुछ पौधे यूं ही खत्म हो गए. यमुना का जलस्तर बढ़ा तो यह पौधे पानी के साथ ही बह गए हैं.
9 अगस्त को 1942 में 'अंग्रेज भारत छोड़ो' आंदोलन की 77 वीं वर्षगांठ पर प्रदेश में पौधरोपण महाकुंभ का कार्यक्रम रखा गया था. आगरा नगर निगम ने यमुना किनारे करीब 30 हजार पौधे लगाए गए. उसके लिए लाखों रुपये का बजट था. यमुना किनारे लगाए गया एक भी पौधा नहीं बचा है. इससे अब नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है.