आगरा : ताजनगरी में जल्द ही हवाई दर्शन की सुविधा शुरू हो जाएगी. आगरा आने वाले पर्यटक हेलीकॉप्टर से ताजमहल समेत अन्य स्मारकों का दीदार कर हवाई यात्रा से कर सकेंगे. पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों के रोमांच को दोगुना करने के लिए हेलीपोर्ट टेंडर में 5 कंपनियां शामिल हुई हैं. तकनीकी बिड में सफल और सर्वाधिक बोली लगाने वाली चयनित कंपनी पर कैबिनेट की मुहर लगना अभी बाकी है. हवाई दर्शन की योजना से ताजनगरी के पर्यटन में नए रंग जुड़ेंगे और पर्यटकों को नए रोमांच का एहसास होगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2019 में एत्मादपुर तहसील के गांव मदरा में 4.95 करोड़ रुपये से हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था.
योगी सरकार ने पहली बार वर्ष 2017-18 में आगरा के लिए हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट तैयार किया था. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और इनर रिंग रोड (यमुना एक्सप्रेसवे) के पास गांव मदरा में 5 एकड़ से ज्यादा जमीन अधिकृत की गई थी. उस दौरान 4.95 करोड़ रुपये में हेलीपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग(PWD Department) को दी गई थी. इसके बाद 9 जनवरी 2019 को पीएम मोदी ने कोठी मीना बाजार मैदान की जनसभा से हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था.
ये कंपनियां हुईं चयनित
आगरा के एत्मादपुर तहसील के गांव मदरा में बने हेलीपोर्ट से हेलीकॉप्टर का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर होगा. उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम ने हेलीपोर्ट से हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया थी. टेंडर प्रक्रिया में 5 कंपनियां शामिल हुईं हैं. जिनके नाम फ्लाई ब्लेड, राजस एडवेंचर, ओएसिस, शौर्या एयरोनोटिक्स और श्रीरिशा टेक्नोलॉजी हैं.
टेंडर में चयनित कंपनी को लेनी होगी हर अनुमति
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के उप निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर हेलीपोर्ट से हेलीकॉप्टर संचालन करने के लिए टेंडर में शामिल हुई कंपनियों का तकनीकी इवैल्यूएशन किया जा रहा है. इसमें सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी का चयन होगा. हेलीकॉप्टर सेवा के संचालन में जो कंपनी चयनित होगी. उसे हवाई दर्शन की अनुमति संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी करनी होगी. इसमें हेलीकॉप्टर की उड़ान को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से अनुमति प्राप्त करनी होगी.
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