आगरा: सर्दियां शुरू होते ही लोगों की अलमारियों से गरम कपड़े निकलने शुरू हो जाते है. वहीं, ताजनगरी आगरा में तिब्बती दुकानदारों का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से तिब्बत मार्केट नहीं लग पाया था, लेकिन इस कोरोना के मामले कम होने की वजह से आगरा के बिजलीघर स्थित रामलीला मैदान में तिब्बती दुकान लगने से लोगों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई.
तिब्बती दुकानदारों ने बताया कि पिछले 2 साल से कोरोना की वजह से वे यहां दुकान नहीं लगा पाएं. इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ, लेकिन इस साल दुकान लगने से वे काफी खुश हैं.
55 साल पुराना है तिब्बत मार्केट का इतिहास
तिब्बत मार्केट का इतिहास 55 साल से से भी ज्यादा पुराना है. पहली बार साल 1964 में अंबेडकर पार्क के पास तिब्बती लोगों ने दुकानें लगाई थी. तब एक्का दुक्का ही दुकानें लगती थी, लेकिन धीरे-धीरे दुकानें बढ़ती चली गई. यहां लोगों का प्यार दुकानदारों को मिलता गया और आज के समय में तकरीबन यहां 36 दुकाने हर साल लगती हैं.
एक दम के रेट पर मिलते हैं ऊनी कपड़े
तिब्बती मार्केट में एक ही दाम के ही गरम कपड़े मिलते हैं. तिब्बती दुकानदार किसी भी प्रकार का मोल भाव नहीं करते हैं. हर कपड़े का फिक्स रेट रहता है और उसी फिक्स रेट पर लोगों को अपना सामान बेचते हैं. यहां 200 से लेकर 2000 से ऊपर तक के गरम कपड़े मिलते हैं.
क्वालिटी के कारण आकर्षित होते हैं ग्राहक
तिब्बत मार्केट में गर्म कपड़े खरीदने आए इब्राहिम ने बताया कि कोरोना से पहले भी उन्होंने तिब्बत मार्केट से ही गर्म कपड़े खरीदे थे और पिछले 2 साल से वह तिब्बत मार्केट के लगने का इंतजार कर रहे थे. गर्म कपड़े तो सब जगह मिलते हैं, लेकिन तिब्बत मार्केट में जो क्वालिटी मिलती है. वह क्वालिटी कहीं और नहीं मिलती है. जिसके कारण लोग ज्यादा यहां आकर्षित होते हैं.
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