आगरा : यमुना नदी के किनारे बीते दो दिनों से हजारों की संख्या में मृत मछलिया मिल रहीं हैं. इन मछलियों की मौत की वजह यमुना नदी का दूषित जल बताया जा रहा है. ताजनगरी में यमुना नदी के किनारे कई फैक्ट्रियां लगी हुईं हैं. इनका केमिकलयुक्त पानी सीधे नदी में गिरता है. इसकी वजह से यमुना का पानी प्रदूषित हो गया है, जो पानी में पाए जाने वाले सभी जीवों के लिए घातक साबित हो रहा है. नदी का पानी दिनोंदिन जहरीला होता जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि ये मछलियां आगरा के पानी की वजह से नहीं मरी हैं. यदि यहां के पानी से ऐसा होता तो प्रतिदिन इस प्रकार की घटना सामने आती. अभी बारिश का समय है और मथुरा के पीछे गोकुल बैराज बना है. गोकुल बैराज में पानी स्टोर रहता है. जब पानी अधिक हो जाता है तो इसे छोड़ा जाता है. छोड़े गए पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट यमुना के पानी में मिल जाती है, जो हानिकारक होती है.
पानी के साथ आई नाले की गंदगी और सिल्ट की मात्रा अधिक होने से पानी में डीओ की मात्रा कम हो जाती है, जिससे मछलियां मर जातीं हैं. परियोजना प्रबंधक अधिकारी लोकेश शर्मा का कहना है कि आगरा के नालों का पानी यमुना में गिरने के कारण मछलियों की मौत नहीं हुई है, बल्कि केमिकल की वजह से मछलियों की मौत हुई है. विभाग द्वारा समय-समय पर पानी की जांच की जाती है. मछलियों की मौत का प्रकरण यमुना बैराज के नीचे का है, जो जांच के बाद पता चलेगा.
गंदे पानी में पनप रहे बैक्टीरिया ताजमहल पर भी डाल रहे असर
यमुना के पानी में सीधे गिर रहे नालों से इसका पानी जहरीला व बदबूदार हो गया है. यमुना में ताजमहल के पीछे दलदल हो गया है. इसी दलदल और प्रदूषित पानी में गोल्डी काइरोनोमस नामक कीड़े पनप जाते हैं. जो ताजमहल की यमुना किनारे की उत्तरी दीवार को बदरंग करते हैं. दलदल में पनपने वाला गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा ताजमहल की चमक से आकर्षित होता है. कीड़े उड़कर ताजमहल पर बैठ जाते हैं और अपने साथ लाए यमुना की गंदगी को ताजमहल की दीवार पर छोड़ते हैं, जिससे ताजमहल पर हरे और काले धब्बे पड़ जाते हैं.
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