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सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाने वाला पहला एजुकेशनल संस्थान बना आईआईटी बीएचयू - SANITARY PAD VENDING MACHINE

हाॅस्टल में छात्राओं को मिलेंगी कई हाईटेक सुविधाएं. एप बेस्ड वाशिंग मशीन और FSSAI प्रमाणित मेस होगा

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देश का पहला सेनीटरी पैड वेंडिग मशीन लगाने वाला हास्टल (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 16 hours ago

Updated : 16 hours ago

वाराणसी : आईआईटी बीएचयू में छात्राओं की सुविधा के लिए तमाम नए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत न सिर्फ हॉस्टल को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, बल्कि छात्राओं की सेहत का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. आईआईटी BHU देश का पहला ऐसा संस्थान बन गया है, जहां पर छात्राओं के हॉस्टल में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं.

बता दें कि, वाराणसी के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपने 17 हॉस्टल्स में नवीनतम सुधारों के साथ छात्र जीवन को और भी बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इन बदलावों के माध्यम से हॉस्टल की सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है, जिससे छात्राओं को सुरक्षित, आरामदायक और आधुनिक तरह से रहने की सुविधाएं मिलें.

Photo Credit- ETV Bharat
छात्राओं की जरूरतों का विशेष ख्याल (Photo Credit- ETV Bharat)

हाॅस्टल्स में स्नैक्स, ड्रिंक्स की भी सुविधा: इस बारे में काउंसिल ऑफ वार्डन्स के चेयरमैन प्रोफेसर राजेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि छात्राओं की सुविधा और सुलभता को बढ़ावा देने के लिए, हॉस्टल्स में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं. ऐसी सुविधा देने वाला यह देश का पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है. इसके अतिरिक्त सुविधा को और बढ़ाने के लिए, सभी हॉस्टल्स में स्नैक्स, पेय और उच्च प्रोटीन विकल्पों वाली वेंडिंग मशीनें स्थापित की गई हैं.

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शैक्षिक वातावरण को सुविधाजनक बनाने पर जोर (Photo Credit- ETV Bharat)

मेस में नए ड्रेस कोड में नज़र आएंगे वर्कर : आगे बताते हैं हॉस्टल में FSSAI-प्रमाणित मेस की शुरुआत हुई है. इसके अंतर्गत छात्रों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. दैनिक भोजन में ताजे सब्जियों का ही उपयोग किया जाएगा और रसोई की सफाई दिन में तीन बार की जाएगी. इसके अलावा, सभी शेफ FSSAI-प्रमाणित होंगे, जिससे भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इस सुधार के तहत, सभी मेस कर्मचारियों के लिए एक ड्रेस कोड भी लागू किया गया है, जिससे पेशेवरता और स्वच्छता में वृद्धि होगी.

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दैनिक भोजन में ताजे सब्जियों का ही उपयोग किया जाएगा (Photo Credit- ETV Bharat)

होंगी ये आधुनिक सुविधाएं : उन्होंने आगे बताया कि सुविधाओं में एक और महत्वपूर्ण सुधार के तहत, कई हॉस्टल्स में IoT-सक्षम वाशिंग मशीनें स्थापित की गई हैं, जिससे लांड्री सेवाएं सरल और अधिक सुलभ हो गई है. वर्तमान में, 70% छात्र समुदाय इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, और निकट भविष्य में इसे सभी छात्रों के लिए उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है.

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हॉस्टल में FSSAI-प्रमाणित मेस की शुरुआत हुई (Photo Credit- ETV Bharat)

इसमें छात्र आटोमेटिक वॉशिंग मशीन में कपड़ा और डिटर्जेंट पाउडर डाल कर अपनी पढ़ाई करने चले जाएंगे. मशीन द्वारा कपड़ा धुलने और सुखाने के बाद छात्र के मोबाइल पर मैसेज चला जाएगा. यही नहीं, छात्र अपने कमरे से एप के माध्यम से वाशिंग मशीन की उपलब्धता देख सकेंगे और कपड़ा धोने का अपना टाइम स्लॉट बुक कर सकेंगे.

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मेस कर्मचारियों के लिए एक ड्रेस कोड भी लागू (Photo Credit- ETV Bharat)

मिलेंगी विश्वस्तरीय सुविधा: इसके अतिरिक्त शैक्षिक वातावरण को सुविधाजनक बनाने के लिए, आईआईटी (बीएचयू) ने सभी हॉस्टल्स के पढ़ाई के कमरों (कॉमन रूम) को एसी वाले कमरे में परिवर्तित किया जा रहा है. इस सुधार से छात्रों को आरामदायक वातावरण मिलेगा. आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक, प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक समावेशी कैम्पस तैयार करना है, जो दुनिया भर से विविध छात्रों को आकर्षित करे, जिससे सभी के लिए वैश्विक शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके.

यह भी पढ़ें : बनारस को बेहद पसंद करते थे मनमोहन सिंह; पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने की थी गंगा आरती

वाराणसी : आईआईटी बीएचयू में छात्राओं की सुविधा के लिए तमाम नए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत न सिर्फ हॉस्टल को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, बल्कि छात्राओं की सेहत का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. आईआईटी BHU देश का पहला ऐसा संस्थान बन गया है, जहां पर छात्राओं के हॉस्टल में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं.

बता दें कि, वाराणसी के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपने 17 हॉस्टल्स में नवीनतम सुधारों के साथ छात्र जीवन को और भी बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इन बदलावों के माध्यम से हॉस्टल की सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है, जिससे छात्राओं को सुरक्षित, आरामदायक और आधुनिक तरह से रहने की सुविधाएं मिलें.

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छात्राओं की जरूरतों का विशेष ख्याल (Photo Credit- ETV Bharat)

हाॅस्टल्स में स्नैक्स, ड्रिंक्स की भी सुविधा: इस बारे में काउंसिल ऑफ वार्डन्स के चेयरमैन प्रोफेसर राजेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि छात्राओं की सुविधा और सुलभता को बढ़ावा देने के लिए, हॉस्टल्स में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं. ऐसी सुविधा देने वाला यह देश का पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है. इसके अतिरिक्त सुविधा को और बढ़ाने के लिए, सभी हॉस्टल्स में स्नैक्स, पेय और उच्च प्रोटीन विकल्पों वाली वेंडिंग मशीनें स्थापित की गई हैं.

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शैक्षिक वातावरण को सुविधाजनक बनाने पर जोर (Photo Credit- ETV Bharat)

मेस में नए ड्रेस कोड में नज़र आएंगे वर्कर : आगे बताते हैं हॉस्टल में FSSAI-प्रमाणित मेस की शुरुआत हुई है. इसके अंतर्गत छात्रों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. दैनिक भोजन में ताजे सब्जियों का ही उपयोग किया जाएगा और रसोई की सफाई दिन में तीन बार की जाएगी. इसके अलावा, सभी शेफ FSSAI-प्रमाणित होंगे, जिससे भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इस सुधार के तहत, सभी मेस कर्मचारियों के लिए एक ड्रेस कोड भी लागू किया गया है, जिससे पेशेवरता और स्वच्छता में वृद्धि होगी.

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दैनिक भोजन में ताजे सब्जियों का ही उपयोग किया जाएगा (Photo Credit- ETV Bharat)

होंगी ये आधुनिक सुविधाएं : उन्होंने आगे बताया कि सुविधाओं में एक और महत्वपूर्ण सुधार के तहत, कई हॉस्टल्स में IoT-सक्षम वाशिंग मशीनें स्थापित की गई हैं, जिससे लांड्री सेवाएं सरल और अधिक सुलभ हो गई है. वर्तमान में, 70% छात्र समुदाय इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, और निकट भविष्य में इसे सभी छात्रों के लिए उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है.

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हॉस्टल में FSSAI-प्रमाणित मेस की शुरुआत हुई (Photo Credit- ETV Bharat)

इसमें छात्र आटोमेटिक वॉशिंग मशीन में कपड़ा और डिटर्जेंट पाउडर डाल कर अपनी पढ़ाई करने चले जाएंगे. मशीन द्वारा कपड़ा धुलने और सुखाने के बाद छात्र के मोबाइल पर मैसेज चला जाएगा. यही नहीं, छात्र अपने कमरे से एप के माध्यम से वाशिंग मशीन की उपलब्धता देख सकेंगे और कपड़ा धोने का अपना टाइम स्लॉट बुक कर सकेंगे.

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मेस कर्मचारियों के लिए एक ड्रेस कोड भी लागू (Photo Credit- ETV Bharat)

मिलेंगी विश्वस्तरीय सुविधा: इसके अतिरिक्त शैक्षिक वातावरण को सुविधाजनक बनाने के लिए, आईआईटी (बीएचयू) ने सभी हॉस्टल्स के पढ़ाई के कमरों (कॉमन रूम) को एसी वाले कमरे में परिवर्तित किया जा रहा है. इस सुधार से छात्रों को आरामदायक वातावरण मिलेगा. आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक, प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक समावेशी कैम्पस तैयार करना है, जो दुनिया भर से विविध छात्रों को आकर्षित करे, जिससे सभी के लिए वैश्विक शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके.

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Last Updated : 16 hours ago
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