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30 साल पहले बनी थी पानी की टंकी फिर भी बोतलबंद पानी पीने के लिए मजबूर लोग - agra rural assembly

यूपी के आगरा जिले में ग्राम पंचायत अकोला में पीने के पानी की गंभीर समस्या है. यहां का पानी खारा है, इसलिए लोग बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं. वर्तमान सांसद और विधायक के साथ-साथ पूर्व के सांसद और विधायक को भी मामले से अवगत कराया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

जर्जर पानी की टंकी.
जर्जर पानी की टंकी.
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Published : Feb 24, 2021, 2:13 PM IST

आगरा: आगरा ग्रामीण विधानसभा की ग्राम पंचायत अकोला सहित कई गांव में आज भी लोगों को दूरदराज से पानी खरीदकर लाना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जल निगम द्वारा बसपा सरकार में बनाई गई टंकी सफेद हाथी साबित हो रही है. इस टंकी से लगभग 9 गांवों को पानी पहुंचता था लेकिन, इसके खराब होने पर किसी भी जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

गांव में है खारा पानी
स्थानीय निवासी बालकिशन शर्मा ने बताया कि गांव का पानी काफी समय पहले से ही खारा है. इस वजह से लोगों को पानी खरीदना पड़ता है. बालकिशन शर्मा ने बताया कि गांव में मीठा पानी बेचने वाले टेंपो से आते हैं जो 10 रुपये की एक छोटी सी बोतल देते हैं. ग्रामीणों को मजबूरी में वही पानी खरीदना पड़ता है.

बोतलबंद पानी पीने के लिए मजबूर लोग

गांव की टंकी बनी सफेद हाथी
स्थानीय निवासी कमल बिहारी मुखिया ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पूर्व जल निगम द्वारा इस टंकी को बनाया गया था. यह टंकी 10 वर्ष तक लगातार ग्रामीणों की प्यास बुझाती रही, लेकिन 20 वर्ष से लगातार टंकी इस प्रकार जर्जर हालत में खड़ी हुई है. जर्जर हो चुकी टंकी हादसे को भी निमंत्रण दे रही है. कमल बिहारी मुखिया ने बताया है कि उन्होंने वर्तमान सांसद और विधायक के साथ-साथ पूर्व के सांसद और विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. कमल बिहारी मुखिया ने बताया कि अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ग्रामीणों को पानी खरीदना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि या तो जर्जर टंकी की मरम्मत कराई जाए या फिर उसे गिरा दिया जाए.

आगरा: आगरा ग्रामीण विधानसभा की ग्राम पंचायत अकोला सहित कई गांव में आज भी लोगों को दूरदराज से पानी खरीदकर लाना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जल निगम द्वारा बसपा सरकार में बनाई गई टंकी सफेद हाथी साबित हो रही है. इस टंकी से लगभग 9 गांवों को पानी पहुंचता था लेकिन, इसके खराब होने पर किसी भी जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

गांव में है खारा पानी
स्थानीय निवासी बालकिशन शर्मा ने बताया कि गांव का पानी काफी समय पहले से ही खारा है. इस वजह से लोगों को पानी खरीदना पड़ता है. बालकिशन शर्मा ने बताया कि गांव में मीठा पानी बेचने वाले टेंपो से आते हैं जो 10 रुपये की एक छोटी सी बोतल देते हैं. ग्रामीणों को मजबूरी में वही पानी खरीदना पड़ता है.

बोतलबंद पानी पीने के लिए मजबूर लोग

गांव की टंकी बनी सफेद हाथी
स्थानीय निवासी कमल बिहारी मुखिया ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पूर्व जल निगम द्वारा इस टंकी को बनाया गया था. यह टंकी 10 वर्ष तक लगातार ग्रामीणों की प्यास बुझाती रही, लेकिन 20 वर्ष से लगातार टंकी इस प्रकार जर्जर हालत में खड़ी हुई है. जर्जर हो चुकी टंकी हादसे को भी निमंत्रण दे रही है. कमल बिहारी मुखिया ने बताया है कि उन्होंने वर्तमान सांसद और विधायक के साथ-साथ पूर्व के सांसद और विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. कमल बिहारी मुखिया ने बताया कि अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ग्रामीणों को पानी खरीदना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि या तो जर्जर टंकी की मरम्मत कराई जाए या फिर उसे गिरा दिया जाए.

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