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रियलिटी चेक: आगरा के बाजारों में आग लगने पर जान बचाने के नहीं हैं इंतजाम

राजधानी दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास इमारत में आग लगते हुए बड़े हादसे को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने आगरा के व्यवसायिक क्षेत्रों में रियल्टी चेक की. रियल्टी चेकिंग में मिली जानकारी को जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर..

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Published : May 15, 2022, 8:42 PM IST

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लोहार गली

आगरा : राजधानी दिल्ली मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला व्यवसायिक इमारत में आग लग गई. आग लगने से 27 लोग मर गए और 12 लोग आग में झुलस गए थे. इस बडे़ हादसे को देखते हुए ईटीवी भारत ने आगरा के व्यवसायिक क्षेत्रों में रियल्टी चेक की. पड़ताल करने पर पता चला कि आगरा के मुख्य व्यवसायिक बाजार नमक मंडी, दवा मार्केट, लोहार गली, हींग की मंडी, किसी में भी आग से बचने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं. व्यापारियों ने कहा कि हमने कई बार लिखित में शिकायत भी की. इसके बाद भी प्रशासन हमारी सुरक्षा को अनदेखा कर देता है. इन तीन फिट की गालियों में यदि आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी तो दूर की बात फायर ब्रिगेड की गाड़ी का पाइप भी पहुंच नहीं पाएगा.

आगरा की बाजारों का रियलटी चेक

आग से बचने का नही है कोई इंतजाम : उत्तर प्रदेश सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू मेहरा ने बताया कि नमक मंडी में 5,000 सर्राफा व्यापारियों की दुकानें हैं. प्रशासन की मिलीभगत से लगातार यहां पर बिल्डिंग खड़ी की जा रही है जबकि यह क्षेत्र इतना रिहायशी इलाका है कि इस 3 फुट की गली में इंसान मोटरसाइकिल लेकर भी नहीं जा सकता है और ऐसे जगह पर इमारतें खड़ी हो रही हैं. नियम यह है कि 3 फुट की गली में आप 3 मंजिला मकान भी नहीं बना सकते हैं. यहां धड़ल्ले से बिल्डिंग बन रही है. नमक मंडी में आग लग जाए तो निकलना भी मुश्किल हो जाएगा.

पढ़ेंः मेरठ में ढाबे, रेस्टोरेंट और पेंट की दुकान में लगी आग, लाखों का नुकसान

राजू मेहरा ने बताया कि शुक्रवार को गैस सिलेंडर में आग लगने पर सभी व्यापारी अपना गैस सिलेंडर लेकर भाग गए. उन्होंने सोचा कहीं ब्लास्ट हुआ तो सब इकट्ठे न मारे जाएं. आग से बचने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं हैं. इस सर्राफा मार्केट स्थित नमक मंडी के पास ही दवा मार्केट है. आगरा फार्मा के अध्यक्ष पुनीत कालरा बताते हैं कि 900 दुकानें हैं. दवा मार्केट में हर दवा व्यापारी ने अपनी-अपनी दुकान पर आग से बचने के इंतजाम किए हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है.

आए दिन टोरेंट के द्वारा लगाए गए बक्सों में होते हैं ब्लास्ट : नमक मंडी स्थित स्वर्णकार प्रदीप कुमार बताते हैं कि नमक मंडी में पूरे टोरेंट के तारों का जाल बिछा हुआ है. नमक मंडी की जो सड़कें हैं, उनके नीचे से टोरंट की पाइप लाइन डाली गई है. उनमें भी शॉर्ट सर्किट होता रहता है जो इनके बॉक्स लगाए गए हैं. उसमें भी शार्ट सर्किट होता रहता है. पूरे बाजार में तारों का जाल बिछा हुआ है. ऐसे में आए दिन शॉर्ट सर्किट होने से आग लगती रहती है. हर व्यापारी इस दहशत में रहता है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

आगरा के फूब्बारा स्थित नमक मंडी में 5,000 से भी ज्यादा सर्राफा व्यापारियों की दुकानें हैं. वहीं, नमक मंडी के पास स्थित लोहार गली में 2,000 से 3,000 दुकानें हैं. कुछ ही दूरी पर दवा मार्केट है जिसमें 800 से 900 दुकानें हैं. वहीं, पास में हींग की मंडी में जूते का बड़ा कारोबार है. वहां पर भी जूते की कई दुकानें हैं. आगरा के मुख्य बाजारों में यह बाजार गिने जाते हैं.

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आगरा : राजधानी दिल्ली मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला व्यवसायिक इमारत में आग लग गई. आग लगने से 27 लोग मर गए और 12 लोग आग में झुलस गए थे. इस बडे़ हादसे को देखते हुए ईटीवी भारत ने आगरा के व्यवसायिक क्षेत्रों में रियल्टी चेक की. पड़ताल करने पर पता चला कि आगरा के मुख्य व्यवसायिक बाजार नमक मंडी, दवा मार्केट, लोहार गली, हींग की मंडी, किसी में भी आग से बचने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं. व्यापारियों ने कहा कि हमने कई बार लिखित में शिकायत भी की. इसके बाद भी प्रशासन हमारी सुरक्षा को अनदेखा कर देता है. इन तीन फिट की गालियों में यदि आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी तो दूर की बात फायर ब्रिगेड की गाड़ी का पाइप भी पहुंच नहीं पाएगा.

आगरा की बाजारों का रियलटी चेक

आग से बचने का नही है कोई इंतजाम : उत्तर प्रदेश सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू मेहरा ने बताया कि नमक मंडी में 5,000 सर्राफा व्यापारियों की दुकानें हैं. प्रशासन की मिलीभगत से लगातार यहां पर बिल्डिंग खड़ी की जा रही है जबकि यह क्षेत्र इतना रिहायशी इलाका है कि इस 3 फुट की गली में इंसान मोटरसाइकिल लेकर भी नहीं जा सकता है और ऐसे जगह पर इमारतें खड़ी हो रही हैं. नियम यह है कि 3 फुट की गली में आप 3 मंजिला मकान भी नहीं बना सकते हैं. यहां धड़ल्ले से बिल्डिंग बन रही है. नमक मंडी में आग लग जाए तो निकलना भी मुश्किल हो जाएगा.

पढ़ेंः मेरठ में ढाबे, रेस्टोरेंट और पेंट की दुकान में लगी आग, लाखों का नुकसान

राजू मेहरा ने बताया कि शुक्रवार को गैस सिलेंडर में आग लगने पर सभी व्यापारी अपना गैस सिलेंडर लेकर भाग गए. उन्होंने सोचा कहीं ब्लास्ट हुआ तो सब इकट्ठे न मारे जाएं. आग से बचने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं हैं. इस सर्राफा मार्केट स्थित नमक मंडी के पास ही दवा मार्केट है. आगरा फार्मा के अध्यक्ष पुनीत कालरा बताते हैं कि 900 दुकानें हैं. दवा मार्केट में हर दवा व्यापारी ने अपनी-अपनी दुकान पर आग से बचने के इंतजाम किए हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है.

आए दिन टोरेंट के द्वारा लगाए गए बक्सों में होते हैं ब्लास्ट : नमक मंडी स्थित स्वर्णकार प्रदीप कुमार बताते हैं कि नमक मंडी में पूरे टोरेंट के तारों का जाल बिछा हुआ है. नमक मंडी की जो सड़कें हैं, उनके नीचे से टोरंट की पाइप लाइन डाली गई है. उनमें भी शॉर्ट सर्किट होता रहता है जो इनके बॉक्स लगाए गए हैं. उसमें भी शार्ट सर्किट होता रहता है. पूरे बाजार में तारों का जाल बिछा हुआ है. ऐसे में आए दिन शॉर्ट सर्किट होने से आग लगती रहती है. हर व्यापारी इस दहशत में रहता है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

आगरा के फूब्बारा स्थित नमक मंडी में 5,000 से भी ज्यादा सर्राफा व्यापारियों की दुकानें हैं. वहीं, नमक मंडी के पास स्थित लोहार गली में 2,000 से 3,000 दुकानें हैं. कुछ ही दूरी पर दवा मार्केट है जिसमें 800 से 900 दुकानें हैं. वहीं, पास में हींग की मंडी में जूते का बड़ा कारोबार है. वहां पर भी जूते की कई दुकानें हैं. आगरा के मुख्य बाजारों में यह बाजार गिने जाते हैं.

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