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मुखौटा और मुकुट के कारण थाईलैंड के पर्यटकों को ताजमहल में जाने रोका

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Published : Aug 3, 2022, 10:17 PM IST

Updated : Aug 3, 2022, 10:52 PM IST

थाईलैंड के पर्यटक बिना ताजमहल का दीदार करे चले गए. कहा जा रहा है कि पर्यटकों के पास मुखौटा और मुकुट थे, जिसके चलते उन्हें अंदर जाने से रोका गया था.

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थाईलैंड के पर्यटक

आगरा: ताजमहल एक बार फिर विवाद में आ गया है. बुधवार को ताजमहल के पूर्वी गेट पर ट्रैडिशनल ड्रेस में आए थाईलैंड के पर्यटक बिना दीदार करके चले गए हैं. ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई का कहना है कि थाईलैंड से आए पर्यटक अपने साथ मुखौटा लेकर पूर्वी गेट पहुंचे. सुरक्षा के लिहाज से पर्यटकों को मुखौटा समेत अन्य सामान क्लॉक रूम में रखने के लिए कहा था, इसके बाद पर्यटक नहीं आए.

जानकारी के मुताबिक थाईलैंड का पर्यटक दल ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचा था. पर्यटक दल में तीन महिला और तीन पुरुष थे. तीनों महिलाओं और दो पुरुष ट्रेडिशनल ड्रेस में थे. पर्यटकों के पास मुखौटा, मुकुट और अन्य सामान था. जब वह ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचे तो उन्हें सुरक्षा जांच प्वाइंट पर सीआईएसएफ ने रोक दिया. कहा कि मुखौटा, मुकुट और अन्य सामान ताजमहल में प्रतिबंधित हैं. इसलिए ये सभी क्लॉक रूम में जमा कराएं. इसके बाद ही ताजमहल देखने जा सकते हैं. साथ ही ताजमहल में प्रमोशनल और कॉमर्सियल एक्टिविटी नहीं कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- AMU में होगी सनातन धर्म की पढ़ाई, इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट ने भेजा कोर्स का प्रस्ताव

वहीं, एएसआई के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि पर्यटकों को सुरक्षा के लिहाज से सीआईएसएफ ने एंट्री से रोका दिया था. उन्हें प्रतिबंधित सामान मुखौटा, मुकुट और अन्य क्लॉक रूम में जमा करके आने के लिए कहा था. तब पर्यटकों का दल चला गया, इसके बाद लौट कर नहीं आया.

इधर, थाईलैंड के पर्यटकों को अपनी ट्रेडिशनल ड्रेस, मुखौटा, मुकुट और अन्य सामान के साथ ही ताजमहल के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करानी थी. इसलिए पर्यटकों का दल यमुना किनारे दशहरा घाट पर पहुंच गया. जहां से उन्होंने ताज के साए में ट्रेडिशनल ड्रेस और अपने साथ लाए हुए मुखौटे, मुकुट और सामान के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई. वहां पर अपनी प्रोमशनल एक्टविटी की.

बता दें कि 26 अप्रैल-2022 को अयोध्या से जगद्गुरु परमहंस आचार्य ताजमहल का दीदार करने आए थे. भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ ताजमहल में प्रवेश करना चाहते हैं. सीआईएसएफ के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें धर्मदंड के साथ ताजमहल में एंट्री नहीं दी. इसको लेकर खूब बवाल हुआ था. जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने ताजमहल में भगवान शिव की प्रतिमा होने और उसकी पूजा करने की बात कही थी. इस पर खूब बवाल हुआ था.

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आगरा: ताजमहल एक बार फिर विवाद में आ गया है. बुधवार को ताजमहल के पूर्वी गेट पर ट्रैडिशनल ड्रेस में आए थाईलैंड के पर्यटक बिना दीदार करके चले गए हैं. ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई का कहना है कि थाईलैंड से आए पर्यटक अपने साथ मुखौटा लेकर पूर्वी गेट पहुंचे. सुरक्षा के लिहाज से पर्यटकों को मुखौटा समेत अन्य सामान क्लॉक रूम में रखने के लिए कहा था, इसके बाद पर्यटक नहीं आए.

जानकारी के मुताबिक थाईलैंड का पर्यटक दल ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचा था. पर्यटक दल में तीन महिला और तीन पुरुष थे. तीनों महिलाओं और दो पुरुष ट्रेडिशनल ड्रेस में थे. पर्यटकों के पास मुखौटा, मुकुट और अन्य सामान था. जब वह ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचे तो उन्हें सुरक्षा जांच प्वाइंट पर सीआईएसएफ ने रोक दिया. कहा कि मुखौटा, मुकुट और अन्य सामान ताजमहल में प्रतिबंधित हैं. इसलिए ये सभी क्लॉक रूम में जमा कराएं. इसके बाद ही ताजमहल देखने जा सकते हैं. साथ ही ताजमहल में प्रमोशनल और कॉमर्सियल एक्टिविटी नहीं कर सकते हैं.

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वहीं, एएसआई के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि पर्यटकों को सुरक्षा के लिहाज से सीआईएसएफ ने एंट्री से रोका दिया था. उन्हें प्रतिबंधित सामान मुखौटा, मुकुट और अन्य क्लॉक रूम में जमा करके आने के लिए कहा था. तब पर्यटकों का दल चला गया, इसके बाद लौट कर नहीं आया.

इधर, थाईलैंड के पर्यटकों को अपनी ट्रेडिशनल ड्रेस, मुखौटा, मुकुट और अन्य सामान के साथ ही ताजमहल के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करानी थी. इसलिए पर्यटकों का दल यमुना किनारे दशहरा घाट पर पहुंच गया. जहां से उन्होंने ताज के साए में ट्रेडिशनल ड्रेस और अपने साथ लाए हुए मुखौटे, मुकुट और सामान के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई. वहां पर अपनी प्रोमशनल एक्टविटी की.

बता दें कि 26 अप्रैल-2022 को अयोध्या से जगद्गुरु परमहंस आचार्य ताजमहल का दीदार करने आए थे. भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ ताजमहल में प्रवेश करना चाहते हैं. सीआईएसएफ के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें धर्मदंड के साथ ताजमहल में एंट्री नहीं दी. इसको लेकर खूब बवाल हुआ था. जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने ताजमहल में भगवान शिव की प्रतिमा होने और उसकी पूजा करने की बात कही थी. इस पर खूब बवाल हुआ था.

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Last Updated : Aug 3, 2022, 10:52 PM IST
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