आगरा: जनपद के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने प्रेरणा एप का विरोध किया है. उन्होंने कमिश्नर अनिल कुमार की अनुपस्थिति में एसीएम प्रथम को सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.
क्या है प्रेरणा एप
सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी को पारदर्शी रखने के लिए प्रेरणा एप बनाया गया है. प्रत्येक शिक्षक को अपने स्मार्ट फोन में इसे डाउनलोड करना होगा. इसके बाद स्कूल में जाते ही मोबाइल से फोटो खींचकर इसे एप पर अपलोड किया जाएगा. उसके बाद छात्रों की उपस्थित भी अपलोड होगी. मिड-डे-मील दिए जाने की भी प्रक्रिया को एप पर अपलोड किया जाएगा. स्कूल से जाने तक की भी फोटो डालनी होगी. इससे दफ्तरों में बैठे अधिकारी एप को खोल कर शिक्षकों की जांच कर सकेंगे.
प्रेरणा एप के विरोध में शिक्षक पहले से ही उतरे हुए हैं. इसके बाद भी सरकार की ओर से इसे लागू किया गया है. इसमें जब तक संशोधन नहीं किया जाएगा. हमारा विरोध ऐसे ही चलता रहेगा.
-वीरेंद्र छौंकर, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षा मित्र संघपूरे प्रदेश में प्रेरणा ऐप का विरोध किया जा रहा है. इससे पढ़ाई का सत्यानाश हो जाएगा. इसके बाद भी इसे लागू किया गया है. इसके चलते ही हमने आज सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
मुकेश डागुर, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
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बस्ती में शिक्षकों ने इस्तीफा देने की दी धमकी
बस्ती जिले में प्रेरणा एप के प्रशिक्षण का शनिवार को शिक्षकों ने बहिष्कार कर दिया. शिक्षकों ने कहा कि उन्हें प्रेरणा ऐप किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है. सरकार शिक्षकों के निजता का हनन कर रही है. अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो शिक्षक इस्तीफा देने पर मजबूर होंगे.
प्रेरणा एप शिक्षकों पर जबरन थोपा जा रहा है. इसे शिक्षक किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह काला कानून है. सरकार शिक्षकों को बेईमान मान रही है. शिक्षक पूरी मेहनत से काम करते हैं, इसके बावजूद सरकार को शक है तो जांच अधिकारी बैठा दे. हमको अविश्वास की नजर से न देखा जाए.
-उदय शंकर शुक्ला, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ