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शिक्षकों ने प्रेरणा एप का किया विरोध, बताया 'काला कानून'

उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में प्रेरणा एप के माध्यम से अध्यापकों की हाजिरी सेल्फी के जरिए लगाने को लेकर शिक्षक काफी नाखुश नजर आ रहे हैं. आगरा और बस्ती जिले में भी शिक्षकों ने एप का विरोध करते हुए कहा कि सरकार हमें शक की निगाह से देखती है. यह काला कानून है.

विरोध जताते शिक्षक.
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Published : Sep 8, 2019, 5:14 AM IST

Updated : Sep 8, 2019, 5:24 AM IST

आगरा: जनपद के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने प्रेरणा एप का विरोध किया है. उन्होंने कमिश्नर अनिल कुमार की अनुपस्थिति में एसीएम प्रथम को सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.

शिक्षकों ने प्रेरणा एप का किया विरोध.

क्या है प्रेरणा एप

सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी को पारदर्शी रखने के लिए प्रेरणा एप बनाया गया है. प्रत्येक शिक्षक को अपने स्मार्ट फोन में इसे डाउनलोड करना होगा. इसके बाद स्कूल में जाते ही मोबाइल से फोटो खींचकर इसे एप पर अपलोड किया जाएगा. उसके बाद छात्रों की उपस्थित भी अपलोड होगी. मिड-डे-मील दिए जाने की भी प्रक्रिया को एप पर अपलोड किया जाएगा. स्कूल से जाने तक की भी फोटो डालनी होगी. इससे दफ्तरों में बैठे अधिकारी एप को खोल कर शिक्षकों की जांच कर सकेंगे.

प्रेरणा एप के विरोध में शिक्षक पहले से ही उतरे हुए हैं. इसके बाद भी सरकार की ओर से इसे लागू किया गया है. इसमें जब तक संशोधन नहीं किया जाएगा. हमारा विरोध ऐसे ही चलता रहेगा.
-वीरेंद्र छौंकर, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ

पूरे प्रदेश में प्रेरणा ऐप का विरोध किया जा रहा है. इससे पढ़ाई का सत्यानाश हो जाएगा. इसके बाद भी इसे लागू किया गया है. इसके चलते ही हमने आज सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
मुकेश डागुर, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

ये भी पढ़ें:- लखनऊ: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की

बस्ती में शिक्षकों ने इस्तीफा देने की दी धमकी

बस्ती जिले में प्रेरणा एप के प्रशिक्षण का शनिवार को शिक्षकों ने बहिष्कार कर दिया. शिक्षकों ने कहा कि उन्हें प्रेरणा ऐप किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है. सरकार शिक्षकों के निजता का हनन कर रही है. अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो शिक्षक इस्तीफा देने पर मजबूर होंगे.

प्रेरणा एप शिक्षकों पर जबरन थोपा जा रहा है. इसे शिक्षक किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह काला कानून है. सरकार शिक्षकों को बेईमान मान रही है. शिक्षक पूरी मेहनत से काम करते हैं, इसके बावजूद सरकार को शक है तो जांच अधिकारी बैठा दे. हमको अविश्वास की नजर से न देखा जाए.
-उदय शंकर शुक्ला, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ

आगरा: जनपद के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने प्रेरणा एप का विरोध किया है. उन्होंने कमिश्नर अनिल कुमार की अनुपस्थिति में एसीएम प्रथम को सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.

शिक्षकों ने प्रेरणा एप का किया विरोध.

क्या है प्रेरणा एप

सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी को पारदर्शी रखने के लिए प्रेरणा एप बनाया गया है. प्रत्येक शिक्षक को अपने स्मार्ट फोन में इसे डाउनलोड करना होगा. इसके बाद स्कूल में जाते ही मोबाइल से फोटो खींचकर इसे एप पर अपलोड किया जाएगा. उसके बाद छात्रों की उपस्थित भी अपलोड होगी. मिड-डे-मील दिए जाने की भी प्रक्रिया को एप पर अपलोड किया जाएगा. स्कूल से जाने तक की भी फोटो डालनी होगी. इससे दफ्तरों में बैठे अधिकारी एप को खोल कर शिक्षकों की जांच कर सकेंगे.

प्रेरणा एप के विरोध में शिक्षक पहले से ही उतरे हुए हैं. इसके बाद भी सरकार की ओर से इसे लागू किया गया है. इसमें जब तक संशोधन नहीं किया जाएगा. हमारा विरोध ऐसे ही चलता रहेगा.
-वीरेंद्र छौंकर, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ

पूरे प्रदेश में प्रेरणा ऐप का विरोध किया जा रहा है. इससे पढ़ाई का सत्यानाश हो जाएगा. इसके बाद भी इसे लागू किया गया है. इसके चलते ही हमने आज सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
मुकेश डागुर, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

ये भी पढ़ें:- लखनऊ: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की

बस्ती में शिक्षकों ने इस्तीफा देने की दी धमकी

बस्ती जिले में प्रेरणा एप के प्रशिक्षण का शनिवार को शिक्षकों ने बहिष्कार कर दिया. शिक्षकों ने कहा कि उन्हें प्रेरणा ऐप किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है. सरकार शिक्षकों के निजता का हनन कर रही है. अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो शिक्षक इस्तीफा देने पर मजबूर होंगे.

प्रेरणा एप शिक्षकों पर जबरन थोपा जा रहा है. इसे शिक्षक किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह काला कानून है. सरकार शिक्षकों को बेईमान मान रही है. शिक्षक पूरी मेहनत से काम करते हैं, इसके बावजूद सरकार को शक है तो जांच अधिकारी बैठा दे. हमको अविश्वास की नजर से न देखा जाए.
-उदय शंकर शुक्ला, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ

Intro:आगरा.
सरकार की सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की सैल्फी से हाजिरी को लागू किए गए प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षकों ने शनिवार दोपहर कमिश्नरी का घेराव किया. जमकर के नारेबाजी की. इसके बाद सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम कमिश्नर अनिल कुमार की अनुपस्थिति में एसीएम प्रथम को ज्ञापन सौंपा. और मांग की, जब तक प्रेरणा ऐप की खामियों को दूर नहीं किया जाएगा. शिक्षकों का यूं ही विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.




Body:सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सीएम योगी सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. इन्हीं में एक पहल सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी को लेकर की गई. जिसके तहत प्रेरणा ऐप बनाया गया है.
आगरा में शनिवार को संयुक्त शिक्षक संगठन संघर्ष समिति के
बैनर तले सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने कमिश्नरी का घेराव किया. शिक्षकों ने 15 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम सौंपा है. जिसमें शिक्षकों की मांग सेल्फी 2 घंटे का समय बर्बाद होगा. अध्यापन कार्य में समस्या आएगी सेल्फी शिक्षकों की निजता का हनन होगा. इससे शिक्षकों पर मानसिक दबाव पड़ेगा.

प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र ने बताया विरोध में शिक्षक पहले से ही उतरे हुए हैं. इसके बाद भी सरकार की ओर से इसे लागू किया गया है. इसमें जब तक संशोधन नहीं किया जाएगा. हमारा विरोध ऐसे ही चलता रहेगा.
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष मुकेश डागुर ने कहा पूरे प्रदेश में प्रेरणा ऐप का विरोध किया जा रहा है. इससे पढ़ाई का सत्यानाश हो जाएगा. इसके बाद भी इसे लागू किया गया है. इसके चलते ही हमने आज सीएम योगी और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.



Conclusion:शिक्षक इस ऐप के लागू होने के बाद से ही आंदोलन कर रहे हैं. इस ऐप के जरिए सेल्फी से शिक्षकों की हाजिरी लगेगी.
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वीरेंद्र छौंकर, जिलाध्यक्ष (प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की।
मुकेश डागुर, जिलाध्यक्ष, (राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) ।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
Last Updated : Sep 8, 2019, 5:24 AM IST
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