आगराः वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग में प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है. ताजमहल से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित 'ताज नेचर वॉक' ने प्लास्टिक के प्रयोग में कमी लाने के लिए अहम पहल की है. 'ताज नेचर वॉक' में प्रकृति का आनंद लेने और ताजमहल को निहारने वाले पर्यटकों के लिए टोकन व्यवस्था लागू की गई है.
यहां से अलग अंदाज में दिखता है ताज
'ताज नेचर वॉक' प्राकृतिक विविधताओं से भरा हुआ है. यहां पर जहां तमाम तरह के पौधे हैं. वहीं ताजमहल भी यहां से अलग अंदाज में दिखाई देता है. इसलिए ताज नेचर वॉक भी टूरिस्टों की पसंद बन गया है.
पहले रहती थी गंदगी की समस्या
'ताज नेचर वॉक' में आने वाले टूरिस्ट पहले प्लास्टिक की बोतल और चिप्स के रैपर अंदर ही छोड़ देते थे, जिससे गंदगी की समस्या बनी रहती थी, लेकिन टोकन सिस्टम लागू करने के बाद यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो गई है.
मुहिम के बाद ताज नेचर वॉक हुआ प्लास्टिक मुक्त
अब टूरिस्ट प्लास्टिक की बोतल या अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक का कोई भी आइटम 'ताज नेचर वॉक' में लेकर जाता है, तो उसे 20 रुपये का टोकन लेना पड़ता है. पार्क से बाहर निकलते समय टूरिस्ट को प्लास्टिक डस्टबिन में डालना होता है, जिसके बाद उसके 20 रुपये वापस कर दिए जाते हैं. इस मुहिम के शुरु होने के बाद से 'ताज नेचर वॉक' पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो गया है.
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हजारों साल नष्ट नहीं होता प्लास्टिक का कचरा
प्लास्टिक एक ऐसा खतरनाक कचरा है जो हजारों साल तक नष्ट नहीं होता, इस खतरनाक कचरे से बचने दिशा में भारत सरकार के साथ ईटीवी भारत लगातार प्रयास कर रहा है. हर भारतीय की कोशिश होनी चाहिए कि इस मुहिम से जुड़ें और अपने देश को स्वच्छ बनाने में योगदान करें.