आगरा: ताजमहल एक मंदिर या मकबरा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी के हाल में ताजमहल परिसर में हिंदू देवताओं के चित्र शौचालय के पास होने पर आपत्ति जताई है. इसको लेकर हंगामा भी किया. अब इस मामले में मुगल वंशज प्रिंस तुसी ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए आगरा की ताजगंज थाना पुलिस को शिकायत की है. तहरीर में अयोध्या के जगतगुरु परमहंसाचार्य, उनके शिष्य संत मत्स्येंद्र गोस्वामी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की पौत्री को नामजद किया है. इस बारे में ताजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र बालियान ने बताया कि प्रिंस तुसी की तहरीर मिली है. इसकी जांच कराई जा रही है.
बता दें कि बीते सप्ताह ताजमहल देखने उरई के संत मत्यगेंद्र गोस्वामी आए और ताजमहल की पच्चीकारी और शौचालय के पास लगी फोटो गैलरी को लेकर सोशल मीडिया पर एएसआई को अल्टीमेटम दिया था कि शौचालय के पास लगे मंदिर के फोटोज हटाए जाएं, नहीं तो वे अनशन करेंगे. सोमवार को भी संत मत्यगेंद्र गोस्वामी ताजमहल देखने आए और हंगामा किया. बुधवार तक हिंदू देवी-देवता और मंदिर की तस्वीरें हटाने का ऐलान किया. वहीं, अब मुगल वंशज प्रिंस तुसी ने इसे चीप पब्लिसिटी बताया है.
हैदराबाद से भेजा शिकायत का ई-मेल
रॉयल मुगल पैलेस, बहादुर शाह जफर मार्ग, जुकुल शमशाबाद हैदराबाद निवासी प्रिंस तुसी ने ताजगंज थाना पुलिस के साथ ही यूपी पुलिस के तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी तहरीर भेजी है. उसमें लिखा है कि प्रार्थी मुगल वंशज है. औरंगजेब और अन्य तमाम मुगल शासक उसके परदादा हैं. उनकी जानकारी में आया है कि दो कथित संत मत्स्येंद्र गोस्वामी और अयोध्या के संत परमहंसाचार्य ने ताजमहल की पच्चीकारी में स्वास्तिक होने का वीडियो जारी करके विवाद खड़ा कर दिया है.
संत ने ताजमहल, राजा महाराजाओं का स्थान और भगवान का वास होने वाली जगह और मंदिर बताया है. साथ ही शनिवार को ताजमहल के गेट पर आमरण अनशन पर बैठने की धमकी दी है. इसी प्रकार अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पौत्री राजश्री ने ताजमहल के तेजोमहालय साबित हो जाने पर पूजा के लिए जाने की बात कही. इस प्रकार उपरोक्त आदि संत द्वारा सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगाड़ा जा रहा है. इससे सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं और शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ सकता है.
पीएम मोदी और सीएम योगी को भेजी शिकायत
प्रिंस तुसी ने अपनी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ ही यूपी के तमाम आलाधिकारी व थाना ताजगंज पुलिस को भी भेजी है. इसमें मांग की है कि जो लोग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रहे हैं या सांप्रदायिक दंगे जिनकी वजह से भड़क सकते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
एक नजर में जानें मामला
- 26 अप्रैल 2022 को अयोध्या से आए जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल के पश्चिमी गेट से सीआईएसएफ के जवानों ने भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के चलते प्रवेश नहीं करने दिया था.
- जगतगुरु परमहंसाचार्य ने पांच मई 2022 को आगरा आने और ताजमहल में शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने का ऐलान किया था. लेकिन, 3 मई को ही परमहंस आचार अपनी सिस्टर के साथ आगरा आए. पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर लिया था.
- 23 मई 2022 को उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ताजमहल देखने आए. उन्होंने ताजमहल की पच्चीकारी और शौचालय के पास लगी हिंदू देवताओं की फोटो को लेकर हंगामा किया. उन्हें हटाने की धमकी दी. इसके बाद 30 मई को फिर संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने ताजमहल का निरीक्षण किया.
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