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ताजमहल की बाउंड्रीवॉल के आसपास कारोबार होगा या नहीं, 7 नवंबर को SC में होगी सुनवाई

ताजमहल की बाउंड्रीवॉल (Taj Mahal boundary wall case) के आसपास कारोबार होगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट 7 नवंबर को सुनवाई करेगी.

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ताजमहल बाउंड्रीवॉल मामले की सुनवाई
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Published : Nov 1, 2022, 10:54 PM IST

Updated : Nov 2, 2022, 6:28 AM IST

आगरा: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल (Taj Mahal boundary wall case) से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियां बंद होंगी या रहेंगी, इस पर अब 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. एडीए से जब ताजगंज के कारोबारियों को 17 जनवरी 2023 तक की राहत मिली तब कारोबारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कारोबारियों का कहना है कि हमें तैयारी करने के लिए समय मिल गया है. ताजगंज क्षेत्र के लोगों निगाहें दिनभर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर लगी रहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर 2022 को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को आदेश दिया था कि ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियां बंद कराएं. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय एस. ओक ने दिया था. इस बारे में ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की जनहित याचिका को एमसी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वाद से जोड़कर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश कीअनुपालन में एडीए ने ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर की परिधि में सर्वे किया और फिर व्यवसायिक गतिविधियां बंद करने का कारोबारियों को नोटिस दिया था. जिससे 30 से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी पर संकट आ गया. वहीं, जब लोगों ने आंदोलन शुरू किया तब जाकर जनप्रतिनिधि आगे आए.

सीएम से मिले तो मिली 3 माह की मोहलत
छावनी विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह आगे आए. उन्होंने कारोबारियों की बात सुनी. पर्यटन मंत्री के आश्वासन पर ताजगंज के कारोबारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से मिला और पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश में कारोबारियों की सीएम योगी से मुलाकात कराई. जिसके बाद सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए तो अधिकारियों की बैठकें हुई और कारोबारियों को 17 जनवरी-2023 तक की मोहलत दी. इस पर ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन और ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन ने 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए जल्द सुनवाई को प्रार्थना की थी. याचिका पर न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय एस. ओक की अदालत में मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन नवंबर नहीं आ सका.

एडीए के निर्माण कार्य बने मुसीबत
ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसकी मुख्य वजह एडीए के अधिकारियों की दोहरी नीति थी. एडीए ने दुकानदारों पर पाबंदियां लगाईं. मगर, खुद नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य कराए. एडीए ने ताजमहल के पश्चिमी गेट पर नीम तिराहा, अमरूद का टीला पार्किंग और बैरियर के नजदीक कैंटीन बना दी. इन्हीं को आधार बनाते हुए ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी. जो अब ताजगंज क्षेत्र की जनता के लिए मुसीबत बन गई है.

यह भी पढ़ें: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से सटी व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने की मियाद खत्म, मगर कार्रवाई आज नहीं

आगरा: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल (Taj Mahal boundary wall case) से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियां बंद होंगी या रहेंगी, इस पर अब 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. एडीए से जब ताजगंज के कारोबारियों को 17 जनवरी 2023 तक की राहत मिली तब कारोबारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कारोबारियों का कहना है कि हमें तैयारी करने के लिए समय मिल गया है. ताजगंज क्षेत्र के लोगों निगाहें दिनभर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर लगी रहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर 2022 को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को आदेश दिया था कि ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियां बंद कराएं. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय एस. ओक ने दिया था. इस बारे में ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की जनहित याचिका को एमसी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वाद से जोड़कर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश कीअनुपालन में एडीए ने ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर की परिधि में सर्वे किया और फिर व्यवसायिक गतिविधियां बंद करने का कारोबारियों को नोटिस दिया था. जिससे 30 से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी पर संकट आ गया. वहीं, जब लोगों ने आंदोलन शुरू किया तब जाकर जनप्रतिनिधि आगे आए.

सीएम से मिले तो मिली 3 माह की मोहलत
छावनी विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह आगे आए. उन्होंने कारोबारियों की बात सुनी. पर्यटन मंत्री के आश्वासन पर ताजगंज के कारोबारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से मिला और पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश में कारोबारियों की सीएम योगी से मुलाकात कराई. जिसके बाद सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए तो अधिकारियों की बैठकें हुई और कारोबारियों को 17 जनवरी-2023 तक की मोहलत दी. इस पर ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन और ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन ने 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए जल्द सुनवाई को प्रार्थना की थी. याचिका पर न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय एस. ओक की अदालत में मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन नवंबर नहीं आ सका.

एडीए के निर्माण कार्य बने मुसीबत
ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसकी मुख्य वजह एडीए के अधिकारियों की दोहरी नीति थी. एडीए ने दुकानदारों पर पाबंदियां लगाईं. मगर, खुद नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य कराए. एडीए ने ताजमहल के पश्चिमी गेट पर नीम तिराहा, अमरूद का टीला पार्किंग और बैरियर के नजदीक कैंटीन बना दी. इन्हीं को आधार बनाते हुए ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी. जो अब ताजगंज क्षेत्र की जनता के लिए मुसीबत बन गई है.

यह भी पढ़ें: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से सटी व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने की मियाद खत्म, मगर कार्रवाई आज नहीं

Last Updated : Nov 2, 2022, 6:28 AM IST
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