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बेबसी ने बनाया ऑक्सीजन का 'पारस', अब थैक्यू से मिलता है सुकून - ऑक्सीजन का पारस

आगरा निवासी समाजसेवी नरेश पारस कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी दे रहे हैं. नरेश के पास अब तक कई लोग मदद के लिए कॉल कर चुके हैं और उनकी जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त कर चुके हैं.

ऑक्सीजन के पारस.
ऑक्सीजन के पारस.
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Published : May 4, 2021, 1:34 PM IST

Updated : May 4, 2021, 5:06 PM IST

आगरा : जनपद में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या के साथ-साथ ऑक्सीजन की किल्लत भी बढ़ने लगी है. प्रशासन द्वारा जारी कंट्रोल रूम का नंबर दिन-रात व्यस्त रहने लगा है, जिससे मरीजों के तीमारदारों की समय पर मदद नहीं हो पा रही. ऐसे में समाजसेवी नरेश पारस जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांट की जानकारी एकत्रित कर प्लांट के मालिकों के नंबर सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उनके इस प्रयास से अब तक कई लोगों की जान बच चुकी है. वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए नरेश पारस के पास सिर्फ आगरा ही नहीं, आसपास के जिलों और विदेशों से भी फोन आने लगे हैं.

रिपोर्ट.
'नरेश पारस की यह पहल काफी अच्छी है'

बोदला निवासी निर्मला शर्मा सोशल वर्कर हैं. निर्मला के मुताबिक, उनके सोशल मीडिया ग्रुप में किसी को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी. सरकारी नंबर पर लगातार फोन करने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली. तब उन्होंने सोशल मीडिया पर नरेश पारस का मैसेज देखा और उन्हें फोन किया. इसके बाद नजदीकी शास्त्रीपुरम स्थित प्लांट पर जाकर तीमारदार को ऑक्सीजन सिलेंडर उप्लब्ध कराया. निर्मला शर्मा बताती हैं कि ऐसी महामारी के वक्त में तीमारदार वैसे ही परेशान होते हैं, ऊपर से प्रशासन द्वारा जारी किया गया नंबर दिनभर व्यस्त रहता है. निर्मला ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए हमने नरेश पारस की सहायता ली. नरेश पारस की यह पहल काफी अच्छी है.

नरेश पारस कोरोना काल में कर रहे लोगों की मदद
नरेश पारस कोरोना काल में कर रहे लोगों की मदद

भाई को ऑक्सीजन की जरूरत, नरेश पारस से किया संपर्क

शाहगंज के रहने वाले अली हैदर के भाई को भी ऑक्सीजन की जरूरत थी. उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि उस वक्त वह कहां से अपने भाई के लिए ऑक्सीजन का सिलेंडर उपलब्ध कराएं. ऐसे में उन्हें सोशल मीडिया पर जानकारी हुई और नरेश पारस से संपर्क किया. उन्होंने नरेश पारस से प्लांट की जानकारी ली और वहां जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर लिया, जिससे उनके भाई की जान बच सकी. भाई के ठीक होते ही अली ने नरेश पारस को मैसेज कर धन्यवाद दिया. वहीं, जनपद मथुरा निवासी तनुष अग्रवाल ने बताया कि नरेश पारस से उनकी पहले से ही दोस्ती है. जब उनके मित्रों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो मथुरा से उन्होंने आगरा में नरेश पारस को कॉल किया और उनसे ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी ली.

ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी देते हैं नरेश पारस
ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी देते हैं नरेश पारस
ऑक्सीजन के लिए विदेशों से भी आ चुके फोन

नरेश पारस ने बताया कि ऑक्सीजन के लिए एक दिन में 800 से 900 कॉल आती है, लेकिन 400 से ज्यादा कॉल वह रिसीव नहीं कर पाते. सात समंदर पार रहने वाले लोगों को भी अपनों की चिंता सता रही थी. जिसे भी सोशल मीडिया पर नंबर मिला लोगों ने नरेश पारस को फोन किया. ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली पूजा गुप्ता ने ऑक्सीजन की जानकारी के लिए नरेश पारस को फोन किया. इसके अलावा सूडान से भी नरेश पारस के पास कॉल आ चुकी है. जम्मू कश्मीर में तैनात आर्मी के जवान ने भी आगरा में उनके परिवार के सदस्य के लिए ऑक्सीजन को लेकर नरेश पारस को फोन किया था.

इसे भी पढे़ं- देश में कम हुए कोरोना के आंकड़े, 24 घंटे में 3.57 लाख नए केस

'लोगों के थैंक्यू देते हैं दिल को सुकून'

नरेश पारस बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में लगातार मौतें हो रही हैं. लोगों को ऑक्सीजन के सिलेंडर को लेकर सही जानकारी नहीं मिल रही, इसलिए उन्होंने ऑक्सीजन का कॉल सेंटर खोला और लोगों को सही जानकारी दी. नरेश पारस कहते हैं कि जब लोग उनको थैंक्यू बोलते हैं तो उनके दिल को सुकून मिलता है.

आगरा : जनपद में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या के साथ-साथ ऑक्सीजन की किल्लत भी बढ़ने लगी है. प्रशासन द्वारा जारी कंट्रोल रूम का नंबर दिन-रात व्यस्त रहने लगा है, जिससे मरीजों के तीमारदारों की समय पर मदद नहीं हो पा रही. ऐसे में समाजसेवी नरेश पारस जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांट की जानकारी एकत्रित कर प्लांट के मालिकों के नंबर सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उनके इस प्रयास से अब तक कई लोगों की जान बच चुकी है. वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए नरेश पारस के पास सिर्फ आगरा ही नहीं, आसपास के जिलों और विदेशों से भी फोन आने लगे हैं.

रिपोर्ट.
'नरेश पारस की यह पहल काफी अच्छी है'

बोदला निवासी निर्मला शर्मा सोशल वर्कर हैं. निर्मला के मुताबिक, उनके सोशल मीडिया ग्रुप में किसी को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी. सरकारी नंबर पर लगातार फोन करने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली. तब उन्होंने सोशल मीडिया पर नरेश पारस का मैसेज देखा और उन्हें फोन किया. इसके बाद नजदीकी शास्त्रीपुरम स्थित प्लांट पर जाकर तीमारदार को ऑक्सीजन सिलेंडर उप्लब्ध कराया. निर्मला शर्मा बताती हैं कि ऐसी महामारी के वक्त में तीमारदार वैसे ही परेशान होते हैं, ऊपर से प्रशासन द्वारा जारी किया गया नंबर दिनभर व्यस्त रहता है. निर्मला ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए हमने नरेश पारस की सहायता ली. नरेश पारस की यह पहल काफी अच्छी है.

नरेश पारस कोरोना काल में कर रहे लोगों की मदद
नरेश पारस कोरोना काल में कर रहे लोगों की मदद

भाई को ऑक्सीजन की जरूरत, नरेश पारस से किया संपर्क

शाहगंज के रहने वाले अली हैदर के भाई को भी ऑक्सीजन की जरूरत थी. उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि उस वक्त वह कहां से अपने भाई के लिए ऑक्सीजन का सिलेंडर उपलब्ध कराएं. ऐसे में उन्हें सोशल मीडिया पर जानकारी हुई और नरेश पारस से संपर्क किया. उन्होंने नरेश पारस से प्लांट की जानकारी ली और वहां जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर लिया, जिससे उनके भाई की जान बच सकी. भाई के ठीक होते ही अली ने नरेश पारस को मैसेज कर धन्यवाद दिया. वहीं, जनपद मथुरा निवासी तनुष अग्रवाल ने बताया कि नरेश पारस से उनकी पहले से ही दोस्ती है. जब उनके मित्रों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो मथुरा से उन्होंने आगरा में नरेश पारस को कॉल किया और उनसे ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी ली.

ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी देते हैं नरेश पारस
ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी देते हैं नरेश पारस
ऑक्सीजन के लिए विदेशों से भी आ चुके फोन

नरेश पारस ने बताया कि ऑक्सीजन के लिए एक दिन में 800 से 900 कॉल आती है, लेकिन 400 से ज्यादा कॉल वह रिसीव नहीं कर पाते. सात समंदर पार रहने वाले लोगों को भी अपनों की चिंता सता रही थी. जिसे भी सोशल मीडिया पर नंबर मिला लोगों ने नरेश पारस को फोन किया. ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली पूजा गुप्ता ने ऑक्सीजन की जानकारी के लिए नरेश पारस को फोन किया. इसके अलावा सूडान से भी नरेश पारस के पास कॉल आ चुकी है. जम्मू कश्मीर में तैनात आर्मी के जवान ने भी आगरा में उनके परिवार के सदस्य के लिए ऑक्सीजन को लेकर नरेश पारस को फोन किया था.

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'लोगों के थैंक्यू देते हैं दिल को सुकून'

नरेश पारस बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में लगातार मौतें हो रही हैं. लोगों को ऑक्सीजन के सिलेंडर को लेकर सही जानकारी नहीं मिल रही, इसलिए उन्होंने ऑक्सीजन का कॉल सेंटर खोला और लोगों को सही जानकारी दी. नरेश पारस कहते हैं कि जब लोग उनको थैंक्यू बोलते हैं तो उनके दिल को सुकून मिलता है.

Last Updated : May 4, 2021, 5:06 PM IST
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