आगरा: आगरा में होमगार्ड्स को नई जिम्मेदारी और नया हथियार मिला है. होमगार्ड का नया हथियार गुलेल है. जो कलक्ट्रेट परिसर में बंदरों का आतंक को रोकने और बंदरों को भागने के लिए किया गया है. क्योंकि, कलेक्ट्रेट परिसर में बाइक, कार और ऑफिस में रखा सामान बंदर उठा ले जाते हैं. ऑफिस में रखे दस्तावेज मोटरसाइकिल में रखा कोई सामान भी बंदर खराब कर देते हैं. इसलिए, बंदरों के उत्पात से परेशान होकर जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट में तैनात होमगार्ड्स को ड्यूटी पर गुलेल थमा दी है.
बंदरों के आतंक से फरियादी परेशान: कलेक्ट्रेट में डीएम, एससीपी सिटी, एडीएम और अन्य अधिकारियों के ऑफिस हैं. इसलिए, हर दिन सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट किसी ना किसी काम से आते हैं. कई बार कलेक्ट्रेट में आए लोगों के दस्तावेज और नोटों की गड्डी बंदर लूट ले गए. इतना ही नहीं, कलक्ट्रेट में बंदरों के झुंड कारों की छत पर उछल कूद करते हैं. मोटरसाइकिलों की सीट्स और बैग भी बंदर फाड़ देते हैं. इससे आम लोगों, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी परेशान भी हैं. क्योंकि, कई बार पुलिसकर्मियों के सरकारी दस्तावेज फाड़ने से बैग और रुपये तक बंदर लूट चुके हैं.
गुलेल थमाई, मगर आदेश नहीं: कलेक्ट्रेट में तैनात हर होमगार्ड्स के हाथों में गुलेल थमा दी गई है. मगर, इसके बारे कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. एक होमगार्ड ने बताया कि, बंदर आए दिन जब किसी अधिकारी या कर्मचारी की गाड़ी का नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसको लेकर उन्हें डांटा जाता है. जब बंदर को डंडे दिखाते हैं, तो बंदर हमलावर हो जाते हैं. जबकि गुलेल देखते ही बंदर भाग जाते हैं. बंदरों पर गुलेल का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
लंगूर के कट ऑउट नहीं आए काम: आगरा कलेक्ट्रेट परिसर में बंदरों से बचाव के लिए पूर्व एसएसपी अमित पाठक के समय में लंगूर की तैनाती की गई थी. लेकिन, इस पर पशु प्रेमी संस्थाओं विरोध किया तो लंगूरों को हटाना पड़ा था. इसके बाद नगर निगम की ओर से लंगूरों के कट आउट लगाए गए हैं. मगर, बदरों ने डरने की बजाय कट आउट ही फाड़ डाले थे.
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