आगरा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आगरा के ताजगंज क्षेत्र में खलबली मची हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की बाउंड्रीवाल से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधि बंद कराने के आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को निर्देश दिए हैं. एडीए अब सर्वे कराने के साथ ही लोगों को नोटिस भी थमा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजगंज के 30 हजार लोगों के सामने रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है.
इसे लेकर दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठानों पर 'वी वांट जस्टिस' के फ्लैक्स, बैनर और पोस्टर भी चस्पा कर दिए हैं. वहीं, ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से रविवार को अपनी आगे की रणनीति साझा की. संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि सोमवार से स्थानीय लोगों के साथ मिलकर संस्था के पदाधिकारी अधिकारियों से वार्ता करेंगे. हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्वक ढंग से रहेगा.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को आगरा विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि ताजमहल की बाउंड्री वॉल से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियां बंद कराएं. उसके बाद से ही ताजगंज क्षेत्र में विरोध शुरू हो गया है. भले ही एडीए की ओर से हर दिन व्यावसायिक गतिविधियों का सर्वे कराया जा रहा है. एडीए की टीमें दुकानदारों को नोटिस दे रही हैं.
ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन (Tajganj Development Foundation) से जुड़े सैय्यद इब्राहिम जैदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजगंज के अधिकतर दुकानदार प्रभावित हुए हैं. 30 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसे में उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा एक बड़ा सवाल है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर हम लोग जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ ही मिलकर अपनी पीड़ा साझा कर रहे हैं.
यह कार्यक्रम की प्लानिंग की
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