आगरा: मुगल बादशाह शाहजहां का 367वां उर्स 27 फरवरी से 3 दिन तक चलेगा. उर्स के पहले और दूसरे दिन दोपहर 2 बजे से पर्यटकों को फ्री में एंट्री मिलेगी. इतना ही नहीं, पर्यटक ताजमहल के मुख्य गुम्मद के तहखाने में स्थित मुगल बादशाह शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की भूमिगत कब्र भी देख सकेंगे. उर्स के अंतिम दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक पर्यटक नि:शुल्क ताजमहल में जा सकेंगे. इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अधिसूचना जारी की है.
शाहजहां का उर्स हर साल हिजरी कैलेंडर के रजब माह के 25, 26 और 27 तारीख को मनाया जाता है. इस वर्ष रजब माह की यह तारीख 27 फरवरी, 28 फरवरी और 1 मार्च को हैं. शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि इस बार बादशाह शाहजहां और मुमताज का 367वां उर्स है. उर्स की पूरी तैयारी कर ली गई है. कोरोना की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा.
एएसआई ने जारी की यह अधिसूचना
मुगल बादशाह शाहजहां के 3 दिवसीय सालाना उर्स को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आगामी 27 फरवरी और 28 फरवरी को दोपहर 2 बजे से और 1 मार्च को पूरे दिन स्मारक में निशुल्क प्रवेश की अधिसूचना जारी की है. एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि आयोजन समिति को यह भी निर्देश निर्देश दिए हैं कि कोविड प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पालन उर्स के दौरान किया जाए.
गुस्ल की रस्म के साथ शुरू होगा उर्स
शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि 3 दिवसीय उर्स में सबसे पहले दिन 27 फरवरी को दोपहर 2 बजे ताजमहल के मुख्य गुम्मद के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों को खोले जाने पर गुस्ल की रस्म होगी. इसमें मजार-ए-पाक पर केवड़ा और चंदन का लेप लगाया जाएगा. उर्स के दूसरे दिन 28 फरवरी को कव्वाली के साथ मजार-ए-पाक संदल चढ़ाया जाएगा. उर्स के आखिरी दिन के कुल के छींटों के साथ कुरानख्वानी, फातिहा और चादरपोशी होगी. चादरपोशी शाम तक चलेगी. इसमें खास सतरंगी चादरपोशी भी होगी.
इन सामान पर रहता है प्रतिबंध
ताजमहल सहित अन्य सभी स्मारकों पर बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू, पान मसाला, किसी भी प्रकार का झंडा, बैनर, पोस्टर, किताब, 36 इंच से बड़ा ढोल, बैंड बाजा, पेचकस, लाइटर, चाकू, समेत अन्य तमाम सामान प्रतिबंधित रहता है.
कोरोना का लगा था 365वें उर्स पर ग्रहण
दरअसल, ताजमहल में शाहजहां का 365वां उर्स नहीं मनाया गया था. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक सन 2020 में रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख तब 21 मार्च, 22 मार्च और 23 मार्च को थी. एएसआई के साथ ही शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी ने भी पूरी तैयारी कर ली थी. लेकिन, इससे पहले ही संस्कृति मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के चलते 17 मार्च 2020 को ताजमहल सहित देश के सभी स्मारकों को बंद कर दिया था. फिर लॉकडाउन लग गया. इसके चलते शाहजहां का 365वां उर्स नहीं मनाया गया. इतने सालों में पहली बार यह परंपरा टूटी थी.
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