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शाहजहां का उर्स 10 मार्च से, शाहजहां और बेगम मुमताज की असली कब्र पर होगी चादरपोशी - शाहजहां का उर्स 10 मार्च से

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मुगल शहंशाह शाहजहां का 366वां उर्स 10 मार्च से मनाया जाएगा. उर्स के दौरान ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र पर चादरपोशी होगी. हालांकि आयोजन की अनुमति को लेकर अभी असमंजस बना हुआ है.

शाहजहां का उर्स 10 मार्च से
शाहजहां का उर्स 10 मार्च से
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Published : Feb 20, 2021, 6:26 PM IST

आगराः मुगल शहंशाह शाहजहां का 366वां उर्स 10 मार्च से मनाया जाएगा. उर्स के दौरान ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र पर चादरपोशी होगी. सतरंगी चादर भी मजार पर चढ़ाई जाएगी. उर्स के लिए शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी और उत्तर प्रदेश अमन कमेटी की बैठक भी हो चुकी है. इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है. हालांकि कोरोना महामारी के बाद लगी बंदिशें अभी भी ताजमहल में लागू हैं. ऐसे में उर्स की अनुमति को लेकर असमंजस बना हुआ है.

शाहजहां का उर्स

10 से 12 मार्च तक आयोजन
शाहजहां का उर्स हर साल इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख को मनाया जाता है. इस बार 10 मार्च से 12 मार्च तक ताजमहल में मनाया जाएगा. उर्स के दौरान ताजमहल में पहले 2 दिन दोपहर 2 बजे के बाद हर व्यक्ति को निशुल्क प्रवेश मिलता है. जबकि, तीसरे दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक सभी को निशुल्क प्रवेश मिलता है.

कमेटी लगी उर्स की तैयारियों में
शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि उर्स कमेटी की तरफ से पूरी तैयारियां चल रही हैं. 10 दिन पहले एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी को भी पत्र दिया है. इस बार शाहजहां का 366 वां उर्स मनाया जाएगा. बीते साल कोविड-19 की वजह से उर्स नहीं हुआ था. एएसआई के अधिकारियों ने उर्स की सभी रस्में पूरी कीं थी लेकिन, इस साल कोविड-19 के बाद ताजमहल भी खुल गया है. ताजमहल पर 1 दिन में 15 से 20 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं. इसलिए उम्मीद है कि इस बार उर्स भी लगना तय है.

गुस्ल की रस्म के साथ शुरू होगा उर्स
राष्ट्रीय स्मारक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सैय्यद मुनव्वर अली ने बताया कि तीन दिवसीय उर्स में सबसे पहले दिन (10 मार्च) गुस्ल की रस्म होगी. इसमें मजार-ए-पाक पर केवड़ा और चंदन का लेपा होगा. अगले दिन कव्वाली के साथ मजार-ए-पाक पर संदल चढ़ाया जाएगा. तीसरे दिन कुल के छींटों के बाद कुरानख्वानी, फातिहा और चादरपोशी होगी. चादरपोशी देर शाम तक चलेगी. शाम पांच बजे से लंगर होगा. उर्स को लेकर एएसआई के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि उर्स की परमिशन में जिलाधिकारी बाधा बने हुए हैं.

मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मांगी
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि शाहजहां के उर्स के लिए एएसआई मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है. मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही उर्स का आयोजन ताजमहल परिसर में होने दिया जाएगा.

दक्षिणी गेट को खोलने की मांग
शहंशाह शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी और उत्तर प्रदेश अमन कमेटी की बैठक में उर्स के दौरान ताजमहल के दक्षिणी गेट को खोले जाने की भी मांग उठाई गई है. सुरक्षा कारणों से बीते तीन साल पहले इस गेट को बंद कर दिया गया था.

आगराः मुगल शहंशाह शाहजहां का 366वां उर्स 10 मार्च से मनाया जाएगा. उर्स के दौरान ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र पर चादरपोशी होगी. सतरंगी चादर भी मजार पर चढ़ाई जाएगी. उर्स के लिए शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी और उत्तर प्रदेश अमन कमेटी की बैठक भी हो चुकी है. इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है. हालांकि कोरोना महामारी के बाद लगी बंदिशें अभी भी ताजमहल में लागू हैं. ऐसे में उर्स की अनुमति को लेकर असमंजस बना हुआ है.

शाहजहां का उर्स

10 से 12 मार्च तक आयोजन
शाहजहां का उर्स हर साल इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख को मनाया जाता है. इस बार 10 मार्च से 12 मार्च तक ताजमहल में मनाया जाएगा. उर्स के दौरान ताजमहल में पहले 2 दिन दोपहर 2 बजे के बाद हर व्यक्ति को निशुल्क प्रवेश मिलता है. जबकि, तीसरे दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक सभी को निशुल्क प्रवेश मिलता है.

कमेटी लगी उर्स की तैयारियों में
शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि उर्स कमेटी की तरफ से पूरी तैयारियां चल रही हैं. 10 दिन पहले एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी को भी पत्र दिया है. इस बार शाहजहां का 366 वां उर्स मनाया जाएगा. बीते साल कोविड-19 की वजह से उर्स नहीं हुआ था. एएसआई के अधिकारियों ने उर्स की सभी रस्में पूरी कीं थी लेकिन, इस साल कोविड-19 के बाद ताजमहल भी खुल गया है. ताजमहल पर 1 दिन में 15 से 20 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं. इसलिए उम्मीद है कि इस बार उर्स भी लगना तय है.

गुस्ल की रस्म के साथ शुरू होगा उर्स
राष्ट्रीय स्मारक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सैय्यद मुनव्वर अली ने बताया कि तीन दिवसीय उर्स में सबसे पहले दिन (10 मार्च) गुस्ल की रस्म होगी. इसमें मजार-ए-पाक पर केवड़ा और चंदन का लेपा होगा. अगले दिन कव्वाली के साथ मजार-ए-पाक पर संदल चढ़ाया जाएगा. तीसरे दिन कुल के छींटों के बाद कुरानख्वानी, फातिहा और चादरपोशी होगी. चादरपोशी देर शाम तक चलेगी. शाम पांच बजे से लंगर होगा. उर्स को लेकर एएसआई के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि उर्स की परमिशन में जिलाधिकारी बाधा बने हुए हैं.

मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मांगी
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि शाहजहां के उर्स के लिए एएसआई मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है. मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही उर्स का आयोजन ताजमहल परिसर में होने दिया जाएगा.

दक्षिणी गेट को खोलने की मांग
शहंशाह शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी और उत्तर प्रदेश अमन कमेटी की बैठक में उर्स के दौरान ताजमहल के दक्षिणी गेट को खोले जाने की भी मांग उठाई गई है. सुरक्षा कारणों से बीते तीन साल पहले इस गेट को बंद कर दिया गया था.

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