आगरा: यूपी सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को 380 दिनों के बाद बहुचर्चित मौत की मॉक ड्रिल मामले में श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोल दी. पहले ही जिला प्रशासन और एक संयुक्त कमेटी की जांच रिपोर्ट में श्रीपारस हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को क्लीनचिट दे दी गई थी. दोनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर यूपी सरकार से स्वास्थ्य विभाग को श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोलने के निर्देश दिए गए.
जून 2021 के पहले सप्ताह में श्रीपारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन का मौत की मॉकड्रिल के कुबूलनामे के चार वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. तब आक्सीजन की कमी से की गई मौत की मॉकड्रिल में 22 कोरोना संक्रमितों की जान लेने का आरोप श्रीपारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन पर लगा था. इसे लेकर आगरा से दिल्ली तक खलबली मच गई थी. राहुल और प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को घेरा था. सीएम योगी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. इस मामले की प्रशासन व कमेटी ने जांच की थी. जिला प्रशासन की टीम ने पहले श्रीपारस हॉस्पिटल संचालक को क्लीनचिट दी और इसके बाद गठित संयुक्त कमेटी की जांच में भी क्लीन चिट दी गई.
आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोल दी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छह जून 2021 को हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित करके श्रीपारस हॉस्पिटल की समस्त चिकित्सकीय सुविधाएं बंद कर दी थी. हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था. शासन ने जिला प्रशासन और गठित की गई संयुक्त कमेटी की जांच रिपोर्ट में मिली क्लीनिट पर सील खोलने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हॉस्पिटल के लाइसेंस का निलंबन भी रद कर दिया है.
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