आगरा: राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद आगरा में चंबल नदी में आए उफान के बाद तटवर्ती इलाके का समूचा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गया. खतरे के निशान से 7 मीटर ऊपर पहुंची चंबल नदी का जलस्तर धीरे-धीरे शुक्रवार को स्थिर हो गया, जिससे ग्रामीणों सहित प्रशासनिक अमले ने राहत की सांस ली है. किंतु बाढ़ की मार झेल रहे तटवर्ती गांव में हालात पूरी तरह से खराब बने हुए हैं.
गौरतलब है कि पिनाहट घाट पर चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 130 मीटर से 7 मीटर ऊपर 137.80 पहुंच गया था जो शुक्रवार को स्थिर होकर गिरावट देखी गई. शुक्रवार रात तक चंबल नदी का जलस्तर घटकर 136 मीटर तक पहुंच गया है मगर चंबल क्षेत्र के 38 गांव में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. ब्लॉक बाह, जैतपुर, पिनाहट के एक दर्जन से अधिक गांव में हालात बेहद खराब हुए हैं. संपर्क मार्ग टूटने से प्रशासन द्वारा लोगों के आवागमन हेतु स्ट्रीमर संचालित किए गए.
चंबल की बाढ़ के चलते उमरैठा पुरा, क्योरी, बीच का पुरा, ऊपरी पुरा, डगोंरा, कछियारा, रेहा, भगवान पुरा, डालपुरा, झरना पुरा, शिवलाल का पुरा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा गांव पूर्ण रूप से जलमग्न गए हैं. इन गांव के घर मकान स्कूल सब पानी में डूब चुके हैं. इन गांव के लोगों ने जंगल के ऊंचे टीलों पर तंबू लगाकर अपने परिवार के साथ जीवन जीने को मजबूर है. वहीं, प्रशासन द्वारा खाद्यान्न सामग्री वितरण करने का एवं हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी लगातार क्षेत्र में मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
SDRF एवं जल पुलिस बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने को कर रही रेस्क्यू
चंबल में आई बाढ़ के चलते तटवर्ती इलाकों के कई गांव चपेट में आ गए. जिन गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए SDRF एवं जल पुलिस ने मोटर बोर्ड द्वारा रेस्क्यू कर कार्य किया. बता दें रैहा, बरैण्डा, कछियारा, डगोरा, साहित गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, आदि गांव में फंसे करीब 100 से अधिक लोगों को टीमों द्वारा वोट द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. साथ ही मनसुखपुरा पुलिस द्वारा भोजन सामग्री भी वितरित की गई.
बाढ़ प्रभावित गांव के लोग ऊंचे टीलों पर तंबू लगाकर रहने को मजबूर
बाढ़ से गांव घर डूबने के बाद टीले पर तंबू लगाकर रह रहे उमरैठा पुरा, क्योरी बीच का पुरा, क्योरी ऊपरी पुरा के लोगों को तंबुओं में जाकर प्रशासन द्वारा भोजन बांटा गया. जिसमें पूरी-सब्जी प्रत्येक तंबू तक पहुंचाया गया. लेखपाल कार्तिकेय तोमर ने बताया कि दोनों टाइम भोजन पहुंचाया जा रहा है, जिनके पास तंबू की ब्यवस्था नहीं थी. उनके लिए टैंट की व्यवस्था की गई है. पेयजल टैंकर रखवाए गए हैं. वहीं, उजाले के लिये जनरेटर रखा गया है.
बाढ़ प्रभावित गांवों में लगे स्वास्थ्य शिविर
बाढ़ प्रभावित गांव क्योरी बीच का पुरा, क्योरी ऊपरी पुरा, उमरैठा पुरा, बरैण्डा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को कैंप लगाकर लोगों का चैकप कर दवा वितरित की. साथ ही पशु चिकित्सक भी इन गांव का दौरा कर पशुओं का उपचार कर रहे हैं. सीएससी पिनाहट प्रभारी डॉक्टर विजय कुमार सिंह ने बताया कि टीमें बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की देखरेख को लगातार कैंप लगाए जा रहे हैं.
चंबल का हालात जानने पहुंचे मुख्यमंत्री के दूत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सूबे के 3 मंत्री जिनमें प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह, प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी चंबल की बाढ़ के हालात का जायजा लेने पिनाहट चंबल नदी घाट पहुंचे. चंबल नदी किनारे स्थित चंबल डाल नहर परियोजना की द्वितीय पंप हाऊस की इमारत के ऊपर चढ़कर नदी के हालात का जायजा लिया. करीब 20 मिनट तक रुकने के बाद चंबल डाल नहर परियोजना के प्रथम पंप हाउस पर आयोजित कार्यक्रम में किसानों से बाढ़ से नुकसान का आंकलन किया. इस दौरान मंत्रियों ने बताया ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर हम हालात का आंकलन करने आए हैं, जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौपेंगे. किसानों के नाम व गांव के नाम भी लिखे हैं, जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी जाएगी.
पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलवाया जाएगा. इस दौरान क्षेत्रीय विधायक पक्षालिका सिंह, सीडीओ ए मणिकंडन, एसपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा, एडीएम एफ आर, एसडीएम बाह रतन वर्मा, ब्लाक प्रमुख पिनाहट सत्यवीर सिंह भदौरिया समेत पिनाहट सर्किल के चारों थानों का फोर्स समेत सिंचाई विभाग के आलावा अधिकारी मौजूद रहे.
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