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आगरा: स्वच्छ भारत मिशन में करोड़ों का घोटाला, 5 कंपनियों के खिलाफ होगी FIR - agra latest news

आगरा नगर निगम के अधिकारियों ने कूड़ा उठाने वाली कंपनी के साथ मिलकर करोड़ों रुपये घोटाला करने का मामला सामने आया है. घोटाला की जांच की गई तो कंपनी की पोल खुल गई. निगम ने पांचों कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है. साथ ही उसके संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी के भी आदेश दिए हैं.

आगरा नगर निगम
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Published : Jan 7, 2020, 12:49 PM IST

आगराः नगर निगम के अफसरों ने पांच कंपनियों के साथ ' स्वच्छ भारत मिशन' के तहत 22.65 करोड़ रुपये का घोटाला कर डाला है. पार्षदों की पकड़ में जब डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का यह घोटाला आया, तो इसकी जांच हुई. जांच में नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के आदेश हुए हैं. राजीव राठी से अतिरिक्त काम भी छीन लिए गए हैं.

देखें रिपोर्ट.

सदन पटल पर रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के 100 में से 85 वार्डों में कंपनियों ने 24 माह तक कूड़ा कलेक्शन किया. कंपनियों ने 14 माह में नगर निगम के खाते से 1.68 करोड़ रुपये जमा कराएं. कूड़ा कलेक्शन के एवज में नगर निगम ने इन कंपनियों को 22.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि कंपनियों ने फर्जी सूची पेश की. जांच रिपोर्ट के मुताबिक 43 फीसदी एड्रेस गलत पेश किए गए, जबकि 37 फीसदी भवन स्वामियों का नाम भी गलत था. लिहाजा यहां से कूड़ा ही नहीं उठाया गया.

विधायक और सांसद भी पहुंचे सदन में
नगर निगम के विशेष सदन में आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल के साथ विधायक भी पहुंचे. पार्षदों के साथ ही सांसद और विधायकों ने भी नगर निगम में हुए कूड़ा कलेक्शन घोटाले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. सांसद और विधायकों ने नगर निगम के अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

जनता से छल, सरकार की छवि की खराब
नगर निगम सदन में विधायक ने कहा कि, नगर निगम अफसरों की मिलीभगत से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में करोड़ों का घोटाला हुआ है. ऐसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही दोषी अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. उनका कहना है कि बिना सत्यापन के नगर निगम की ओर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनियों को भुगतान किया गया. अगर सत्यापन हो जाता, तो यह पूरा खेल ही नहीं होता. सबसे ज्यादा इस घोटाले में अफसर इसके लिए दोषी हैं.

यह हैं कंपनी

  • - आरबा
  • -सेवा
  • -एमएमआरटी
  • -स्पार्क ग्लोबल
  • -ओम मोटर्स

कूड़ा उठाने वाली कंपनी ने ताज नगरी की छवि को धूमिल किया है. अफसर भी इस घोटाले में बराबर के साझेदार है. दोषी कंपनियों पर मुकदमा दर्ज कर उनसे धनराशि भी वसूली जाए. रिपोर्ट में 10 फीसदी काम करके 100% का रुपया लूटा है.
-डॉ. एसपी सिंह बघेल, सांसद

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनियों ने 10 फीसदी ही क्षेत्रों से कूड़े का उठान किया है. 90 फीसदी क्षेत्रों के फर्जी बिल लगाकर के 22.65 करोड रुपये का भुगतान ले लिया है. पांचों कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी, जोनल सैनिटरी इंस्पेक्टर, सैनिटरी इंस्पेक्टर और सुपरवाइजरों को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.
-नवीन जैन, महापौर

आगराः नगर निगम के अफसरों ने पांच कंपनियों के साथ ' स्वच्छ भारत मिशन' के तहत 22.65 करोड़ रुपये का घोटाला कर डाला है. पार्षदों की पकड़ में जब डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का यह घोटाला आया, तो इसकी जांच हुई. जांच में नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के आदेश हुए हैं. राजीव राठी से अतिरिक्त काम भी छीन लिए गए हैं.

देखें रिपोर्ट.

सदन पटल पर रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के 100 में से 85 वार्डों में कंपनियों ने 24 माह तक कूड़ा कलेक्शन किया. कंपनियों ने 14 माह में नगर निगम के खाते से 1.68 करोड़ रुपये जमा कराएं. कूड़ा कलेक्शन के एवज में नगर निगम ने इन कंपनियों को 22.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि कंपनियों ने फर्जी सूची पेश की. जांच रिपोर्ट के मुताबिक 43 फीसदी एड्रेस गलत पेश किए गए, जबकि 37 फीसदी भवन स्वामियों का नाम भी गलत था. लिहाजा यहां से कूड़ा ही नहीं उठाया गया.

विधायक और सांसद भी पहुंचे सदन में
नगर निगम के विशेष सदन में आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल के साथ विधायक भी पहुंचे. पार्षदों के साथ ही सांसद और विधायकों ने भी नगर निगम में हुए कूड़ा कलेक्शन घोटाले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. सांसद और विधायकों ने नगर निगम के अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

जनता से छल, सरकार की छवि की खराब
नगर निगम सदन में विधायक ने कहा कि, नगर निगम अफसरों की मिलीभगत से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में करोड़ों का घोटाला हुआ है. ऐसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही दोषी अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. उनका कहना है कि बिना सत्यापन के नगर निगम की ओर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनियों को भुगतान किया गया. अगर सत्यापन हो जाता, तो यह पूरा खेल ही नहीं होता. सबसे ज्यादा इस घोटाले में अफसर इसके लिए दोषी हैं.

यह हैं कंपनी

  • - आरबा
  • -सेवा
  • -एमएमआरटी
  • -स्पार्क ग्लोबल
  • -ओम मोटर्स

कूड़ा उठाने वाली कंपनी ने ताज नगरी की छवि को धूमिल किया है. अफसर भी इस घोटाले में बराबर के साझेदार है. दोषी कंपनियों पर मुकदमा दर्ज कर उनसे धनराशि भी वसूली जाए. रिपोर्ट में 10 फीसदी काम करके 100% का रुपया लूटा है.
-डॉ. एसपी सिंह बघेल, सांसद

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनियों ने 10 फीसदी ही क्षेत्रों से कूड़े का उठान किया है. 90 फीसदी क्षेत्रों के फर्जी बिल लगाकर के 22.65 करोड रुपये का भुगतान ले लिया है. पांचों कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी, जोनल सैनिटरी इंस्पेक्टर, सैनिटरी इंस्पेक्टर और सुपरवाइजरों को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.
-नवीन जैन, महापौर

Intro:आगरा.
आगरा नगर निगम के अफसरों ने पांच कंपनियों के साथ ' स्वच्छ भारत मिशन' के तहत 22.65 करोड़ रुपए का घोटाला कर डाला है. नगर निगम पार्षदों की पकड़ में जब शहर की डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का यह घोटाला आया तो इसकी जांच हुई. जिसकी जांच रिपोर्ट सोमवार शाम विशेष सदन में रखी गई. तो शहर से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली पांचों कंपनियों की पोल खुल गई. निगम अब इन पांचों कंपनियों को काली सूची में डाला जा रहा है. और उसके संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी के भी आदेश दिए गए हैं. वहीं, नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के आदेश हुए हैं. राजीव राठी से अतिरिक्त काम भी छीन लिए गए हैं.



Body:आगरा नगर निगम के सदन पटल पर रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के 100 में से 85 वार्डों में कंपनियों ने 24 माह तक कूड़ा कलेक्शन किया. कंपनियों ने 14 माह में नगर निगम के खाते से 1.68 करोड़ रुपए जमा कराएं. कूड़ा कलेक्शन के एवज में नगर निगम इन कंपनियों को 22.65 करोड़ रुपए का भुगतान किया.जबकि, कंपनियों ने फर्जी सूची पेश की. सूचियों का सत्यापन नहीं हुआ. जांच रिपोर्ट के मुताबिक 43 फ़ीसदी एड्रेस गलत पेश किए गए. जबकि 37 फ़ीसदी भवन स्वामियों का नाम भी गलत था. लिहाजा यहां से कूड़ा ही नहीं उठाया गया.10 फीसदी ऐसे लोग थे, जिन्होंने कूड़ा देने से इनकार कर दिया.

विधायक और सांसद भी पहुंचे सदन में
नगर निगम के विशेष सदन में आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, विधायक योगेंद्र उपाध्याय, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी पहुंचे. पार्षदों के साथ ही सांसद और दोनों विधायकों ने भी नगर निगम में हुए कूड़ा कलेक्शन घोटाले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. सांसद और विधायकों ने नगर निगम के अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की.


जनता से छल, सरकार की छवि की खराब
नगर निगम सदन में विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि, नगर निगम अफसरों की मिलीभगत से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में करोड़ों का घोटाला हुआ है. ऐसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए. जनता के साथ छल किया गया है और अफसरों ने सरकार की छवि को भी खराब किया है.

दोषी अफसरों पर हो सख्त कार्रवाई
नगर निगम सदन में बोलते हुए विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि मैं सभी पार्षदों का धन्यवाद देना चाहता हूं, कि उन्होंने इस घोटाले को उठाया. अफसोस की बात है कि बिना सत्यापन के नगर निगम की ओर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनियों को भुगतान किया गया. अगर सत्यापन तभी हो जाता तो यह पूरा खेल ही नहीं होता. सबसे ज्यादा इस घोटाले में अफसर इसके लिए दोषी हैं. जिनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.

रिपोर्ट में खुला घोटाला, कंपनियों से वसूली हो
सांसद एसपी सिंह बघेल ने भी नगर निगम में हुए डोर टू डोर घोटाले पर नाराजगी व्यक्त की. सदन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों ने ताज नगरी की छवि को धूमिल किया है. खासकर अफसर भी इस घोटाले में बराबर के साझीदार है. इंदौर से आगरा नगर निगम को सीख लेनी चाहिए. दोषी कंपनियों पर मुकदमा हो और उनसे धनराशि भी वसूली जाए.इस बारे आगरा महापौर नवीन जैन ने कहा है कि कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी. रिपोर्ट में 10 फ़ीसदी काम करके उन्होंने 100% का रुपया लूटा है. उनसे यह रुपया भी वसूला जाएगा.

एक्शन में महापौर, एफआईआर और रिकवरी होगी
आगरा के महापौर नवीन जैन ने घोटाले का खुलासा होने पर कहा कि, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनियों ने 10 फीसदी ही क्षेत्रों से कूड़े का उठान किया. 90 फीसदी क्षेत्रों के फर्जी बिल लगाकर के 22.65 करोड रुपए का भुगतान ले लिया है. पांचों कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही और एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी, जोनल सैनिटरी इंस्पेक्टर, सैनिटरी इंस्पेक्टर और सुपरवाइजरों को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.

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यह है कंपनी
- आरबा।
-सेवा।
-एमएमआरटी।
-स्पार्क ग्लोबल।
-ओम मोटर्स।






Conclusion:डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन घोटाले के बाद अब नगर निगम शहर के सभी वार्डों में कूड़ा कलेक्शन का काम संभालेगा. नगर निगम ने लोगों से अपील की है कि वह सड़क याद गली में कूड़ा नहीं फेंके.
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पहली बाइट योगेंद्र उपाध्याय, विधायक की। (पहचान सिर पर टोपी)।
दूसरी बाइट पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक की। (पहचान नीली हाफ जैकेट पहने हैं) ।
तीसरी बाइट प्रो. एसपी सिंह बघेल, सांसद आगरा की। (पहचान काला कोट पहने और गले में मफलर) ।

चौथी बाइट नवीन जैन, महापौर आगरा की।
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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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