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आगरा: उर्स के दूसरे दिन अदा की गई संदल की रस्म, शाहजहां की कब्र पर हुई फूलों की चादरपोशी - 364वां उर्स

ताजमहल में मुगल शहंशाह शाहजहां का तीन दिवसीय 364वां उर्स मंगलवार से शुरू हो गया है. उर्स के दूसरे दिन संदल की रस्म अदा की गई. ताजमहल के मुख्य मकबरे के तहखाने के गेट खोलकर मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र पर चंदन का लेप किया गया. फिर फूलों की चादरपोशी की गई.

ताजमहल
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Published : Apr 3, 2019, 6:28 PM IST

आगरा: ताजमहल में शाहजहां के 364वें उर्स के दूसरे दिन संदल की रस्म अदा की गई. ढोल-मजीरे बजाते हुए जायरीन ताजमहल में पहुंचे. ताजमहल के मुख्य मकबरे के तहखाने के गेट खोलकर मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र पर संदल की रस्म अदा की गई. कब्र पर चंदन का लेप किया गया. फिर फूलों की चादरपोशी की गई.

उर्स के दूसरे दिन अदा की गई संदल की रस्म

इसके बाद ताजमहल उर्स कमेटी के पदाधिकारी, एएसआई के अधिकारी और अन्य लोगों ने देश में अमन-चैन की दुआ मांगी और पुलवामा शहीदों की श्रद्धांजलि दी. उर्स के तीसरे दिन गुरुवार को देश की सबसे लंबी ज्यादा सतरंगी चादरपोशी की जाएगी.

ताजमहल में चल रहे मुगल शहंशाह शाहजहां के 364वें उर्स में सैकड़ों की संख्या में जायरीन पहुंच रहे हैं. दोपहर 2 बजे संदल की रस्म के बाद मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र को देखने के लिए जायरीन और पर्यटकों की लंबी कतार लग गई. सुबह से ही ताजमहल पर कव्वालियों का कार्यक्रम शुरू हुआ, जो देर शाम सूर्यास्त तक चलता रहा.

ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने बताया कि आज संदल की रस्म अदा की गई. इस अवसर पर ताजमहल उर्स कमेटी के पदाधिकारी एएसआई के अधिकारी और तमाम जायरीन मौजूद रहे.

राष्ट्रीय स्मारक संरक्षण समिति के अध्यक्ष मुनव्वर अली ने बताया कि चंदन की लकड़ी को घिस कर तैयार किए गए लेप को शहंशाह शाहजहां और उनकी मुमताज की कब्र पर लगाया गया. इसके बाद फूलों की चादर चढ़ाई गई. इस दौरान अमन-चैन की शांति के लिए दुआ मांगी गई. इसके साथ ही पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी श्रद्धांजलि दी गई.

ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि एक महीने से चंदन की लकड़ी को घिस करके पाउडर बनाते हैं. इसे ही संदल कहा जाता है. उर्स के पहले दिन हमने गुस्ल की रस्म करके मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की कब्र को पाक किया था. आज फिर संदल की रस्म से उनके ऊपर चंदन का लेप किया. फूलों की चादर चढ़ाई. उर्स के अंतिम दिन देश की सबसे बड़ी 1221 मीटर की चादरपोशी की जाएगी.

आगरा: ताजमहल में शाहजहां के 364वें उर्स के दूसरे दिन संदल की रस्म अदा की गई. ढोल-मजीरे बजाते हुए जायरीन ताजमहल में पहुंचे. ताजमहल के मुख्य मकबरे के तहखाने के गेट खोलकर मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र पर संदल की रस्म अदा की गई. कब्र पर चंदन का लेप किया गया. फिर फूलों की चादरपोशी की गई.

उर्स के दूसरे दिन अदा की गई संदल की रस्म

इसके बाद ताजमहल उर्स कमेटी के पदाधिकारी, एएसआई के अधिकारी और अन्य लोगों ने देश में अमन-चैन की दुआ मांगी और पुलवामा शहीदों की श्रद्धांजलि दी. उर्स के तीसरे दिन गुरुवार को देश की सबसे लंबी ज्यादा सतरंगी चादरपोशी की जाएगी.

ताजमहल में चल रहे मुगल शहंशाह शाहजहां के 364वें उर्स में सैकड़ों की संख्या में जायरीन पहुंच रहे हैं. दोपहर 2 बजे संदल की रस्म के बाद मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र को देखने के लिए जायरीन और पर्यटकों की लंबी कतार लग गई. सुबह से ही ताजमहल पर कव्वालियों का कार्यक्रम शुरू हुआ, जो देर शाम सूर्यास्त तक चलता रहा.

ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने बताया कि आज संदल की रस्म अदा की गई. इस अवसर पर ताजमहल उर्स कमेटी के पदाधिकारी एएसआई के अधिकारी और तमाम जायरीन मौजूद रहे.

राष्ट्रीय स्मारक संरक्षण समिति के अध्यक्ष मुनव्वर अली ने बताया कि चंदन की लकड़ी को घिस कर तैयार किए गए लेप को शहंशाह शाहजहां और उनकी मुमताज की कब्र पर लगाया गया. इसके बाद फूलों की चादर चढ़ाई गई. इस दौरान अमन-चैन की शांति के लिए दुआ मांगी गई. इसके साथ ही पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी श्रद्धांजलि दी गई.

ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि एक महीने से चंदन की लकड़ी को घिस करके पाउडर बनाते हैं. इसे ही संदल कहा जाता है. उर्स के पहले दिन हमने गुस्ल की रस्म करके मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की कब्र को पाक किया था. आज फिर संदल की रस्म से उनके ऊपर चंदन का लेप किया. फूलों की चादर चढ़ाई. उर्स के अंतिम दिन देश की सबसे बड़ी 1221 मीटर की चादरपोशी की जाएगी.

Intro:आगरा.
ताज महल में शाहजहां की 364 वें उर्स के दूसरे दिन संदल की रस्म अदा की गई. ढोल मजीरे बजाते हुए जायरीन ताज महल में पहुंचे.दोपहर 2 बजे फिर ताजमहल के मुख्य मकबरा के तहखाने के गेट खोलकर मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र पर संदल की रस्म अदा की गई. कब्र पर चंदन का लेप किया गया. फिर फूलों की चादर पोशी की गई. इसके बाद ताजमहल उर्स कमेटी के पदाधिकारी,एएसआई के अधिकारी और अन्य लोगों ने देश में अमन चैन की दुआ मांगी. पुलवामा शहीदों की श्रद्धांजलि दी. उस के तीसरे दिन गुरुवार को देश की सबसे लंबी ज्यादा सतरंगी चादरपोशी की जाएगी.



Body:ताज महल में चल रहे मुगल शहंशाह शाहजहां के 364 वें उर्स में सैकड़ों की संख्या में जायरीन पहुंच रहे हैं. दोपहर 2 बजे संदल की रस्म के बाद मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की असली कब्र को देखने के लिए जायरीन और पर्यटकों की लंबी कतार लग गई. इसके साथ ही सुबह से ही ताजमहल पर कव्वालियों का कार्यक्रम शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा तो सूर्यास्त तक चलता रहा.
ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने बताया कि आज संदल की रस्म अदा की गई. इस अवसर पर ताजमहल उर्स कमेटी के पदाधिकारी एएसआई के अधिकारी और तमाम जायरीन मौजूद रहे.
राष्ट्रीय स्मारक संरक्षण समिति के अध्यक्ष मुनव्वर अली ने बताया कि चंदन की लकड़ी को घिस कर तैयार किए गए लेप को शहंशाह शाहजहां और उनकी विभिन्न मुमताज की कब्र पर लगाया गया. इसके बाद फूलों की चादर चढ़ाई गई. फिर देश में अमन चैन की शांति के लिए दुआ मांगी गई. इसके साथ ही पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सभी श्रद्धांजलि दी गई. और देश में फैले आतंकवाद और आतंकियों के खात्मे के लिए भी दुआ मांगी.
ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि एक महीने से चंदन की लकड़ी को घिस करके पाउडर बनाते हैं. इसे ही संदल कहा जाता है. उर्स के पहले दिन हमने गुल्स की रस्म करके मुगल शहंशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की कब्र को पाक किया था. और आज फिर संदल की रस्म से उनके ऊपर चंदन का लेप किया. फूलों की चादर चढ़ाई गई. उर्स के अंतिम दिन देश की सबसे बड़ी 1221 मीटर की चादरपोशी की जाएगी.



Conclusion:इस खबर में पहली बाइट ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी, दूसरी बाइट राष्ट्रीय स्मारक संरक्षण समिति के अध्यक्ष मुनव्वर अली और तीसरी बाइट ताहिरउद्दीन ताहिर की है।

इस खबर के कुछ विजुअल एफटीपी से भेजे हैं, क्योंकि की भीड़ की वजह से मैं लेट हो गया था.

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